100 साल बाद आएंगे देव खुड्डी जहल
देहुरी घाटी के आराध्य देव मूल स्थान से हुए रवाना, आठ मार्च को पहुंचेंगे मंडी, तलाशेंगे अपने पुराने स्थान
दिव्य हिमाचल ब्यूरो -मंडी
मंडी और कुल्लू जिलों की सीमाओं पर जिला कुल्लू की आनी तहसील के तहत आने वाले देहुरी गांव स्थित देवता खुड्डी जहल भी इस बार अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में लगभग 100 वर्षो बाद अपने भक्तों को दर्शन देंगे। 100 वर्षो बाद देवता खुड्डी जहल देहुरी का आगमन इस बार अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में होगा। देवता का रथ देवलुओं और कारदारों संग मंडी के लिए रवाना भी हो चुका है। देवता जंजैहली, बगस्याड़, गोहर और घासणू होते हुए 8 मार्च की सुबह मंडी पहुंचेंगे। हालांकि देवता खुड्डी जहल देहुरी अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के लिए पंजीकृत देवताओं में नहीं है, लेकिन राजाओं के समय इनका शिवरात्रि महोत्सव में आना जाना रहा है और राज दरबार में भी देवता का काफी मान सम्मान भी था।
इसलिए प्रशासन द्वारा देवता के आगमन को देखते कोई तैयारी तो नहीं की गई है, लेकिन देवता के मंडी पहुंचने पर सर्व देवता समिति आदर सत्कार करेगी। देवता के पुजारी रूप लाल ने बताया कि रियासतकाल में देवता शिवरात्रि महोत्सव में शामिल होने आते थे। लेकिन बाद में जब जिलों का गठन हुआ तो उनका गांव कुल्लू जिला में शामिल हो गया और फिर देवता का मंडी की तरफ आना बंद हो गया। राजपरिवार का देवता के साथ गहरा लगाव है। राजपरिवार द्वारा दिया गया ढाई किलो सोने का छत्र, वाद्ययंत्र और चादरें आज भी देवता के पास मौजूद हैं। पुजारी ने स्पष्ट किया कि उन्हें शिवरात्रि महोत्सव का कोई अधिकारिक निमंत्रण नहीं है लेकिन देवता की तरफ से बीते तीन वर्षों से लगातार महोत्सव में जाने का आदेश प्राप्त हो रहा है।
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