पर्यटन प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बने हिमाचल

By: Mar 14th, 2024 12:05 am

मैंने हिमाचल प्रदेश सरकार तक इस लेख के माध्यम से विकास एवं पर्यटन संभावनाओं में बढ़ोत्तरी के दृष्टिगत कुछ ऐसे क्षेत्रों में विद्यमान अपर्याप्त सुविधाओं की कहानी एवं मांग को पहुंचाने की कोशिश की है ताकि राज्य सरकार व्यावसायिक तौर-तरीके अपनाकर हिमाचल की पर्यटन आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए काम करे…

पर्यटन मंत्रालय की पर्यटन सांख्यिकी रिपोर्ट 2023 से यह खुलासा हुआ है कि वर्ष 2022 में 85.9 लाख विदेशी पर्यटक भारत आए। इनमें सर्वाधिक पर्यटकों को आकर्षित कर गुजरात शीर्ष पर रहा। गुजरात में कुल 17.8 लाख विदेशी पर्यटक पहुंचे तो महाराष्ट्र में 15.1, पश्चिम बंगाल में 10.4, दिल्ली में 8.2 और उत्तर प्रदेश में 6.5 लाख विदेशी पर्यटकों ने दस्तक दी। हमारे देश में सबसे ज्यादा विदेशी पर्यटक अमरीका से आते हैं। उसके बाद पड़ोसी बांग्लादेश से पधारते हैं। आंकड़ों की बानगी से देखें तो वर्ष 2022 में अमरीका से 22.19 फीसदी, बांग्लादेश से 20.29 फीसदी, ब्रिटेन से 9.98 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया से 5.96 प्रतिशत और कनाडा से 4.48 प्रतिशत विदेशी पर्यटक भारत आए। वहीं हम हिमाचल में कुल विदेशी और देसी पर्यटकों की आमद का विश्लेषण करें तो वर्ष 2023 में भारतीय पर्यटकों के अलावा विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। वर्ष 2023 में 62806 विदेशी पर्यटक, 1.59 करोड़ से अधिक भारतीय पर्यटकों ने हिमाचल के विभिन्न पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया था। चूंकि दूसरे राज्यों के मुकाबले हिमाचल आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या मामूली सी नजर आती है, लिहाजा विदेशी पर्यटकों को हिमाचल आने और लुभाने के लिए पर्यटन विभाग को व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान चलाने की जरूरत है। वहीं दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर में बढ़ती पर्यटकों की संख्या के दृष्टिगत भी हिमाचल से पर्यटकों के खिसकते आधार को पुख्ता बनाने की जरूरत है।

हिमाचल प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन कारोबार का योगदान करीब 9 प्रतिशत है। लिहाजा हिमाचल आने वाले पर्यटकों को सस्ती एवं बेहतरीन सुविधाएं देने की खास आवश्यकता है। इसके लिए हिमाचल सरकार को न केवल पर्यटन सेवाओं का विस्तार और नियोजन करना होगा, अपितु उन कारणों का निवारण भी करना होगा कि किस प्रकार से पर्यटन निगम की होटल इकाइयों की कार्यप्रणाली को उत्तम सेवा प्रदाता संस्था बनाकर उसे लाभप्रद एवं लोकप्रिय बनाया जा सके। वर्तमान में पर्यटन विकास निगम प्रदेश में 55 होटलों का संचालन कर रहा है। इनमें से 24 लाभ में और 31 घाटे में चल रहे हैं। पर्यटन विभाग को दूसरे राज्यों के बेहतरीन एवं फायदे में चल रहे पर्यटन विकास निगमों के होटलों का तुलनात्मक सर्वे करवा कर वहां के मॉडल को हिमाचल में लागू करना चाहिए। यह अच्छी बात है कि हिमाचल प्रदेश सरकार साहसिक, धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन के बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करते हुए राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास कर रही है और भविष्य में सालाना पांच करोड़ पर्यटकों का स्वागत करने का लक्ष्य है। सरकार की एशियाई विकास बैंक (एडीबी) की सहायता से पर्यटन विकास पर 2500 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। इसके साथ ही राज्य के सभी सरकारी विश्राम गृहों को ऑनलाइन रिजर्वेशन के द्वारा पर्यटकों के लिए खोलना चाहिए ताकि सरकार की आमदनी में बढ़ोत्तरी हो। हिमाचल पर्यटन विकास निगम के लगभग सभी कर्मचारी कुशल, विनम्र और व्यवहार कुशल हैं। लेकिन यदि आप किसी वेटर अथवा अन्य कर्मचारी से उनकी स्थायी नौकरी बारे जानकारी लेंगे तो आउटसोर्स कर्मचारी होने का उनका दर्द उनके चेहरों पर स्पष्ट रूप से उभर आता है। जाहिर है कि सरकार ही जब बेरोजगारों की मजबूरी का लाभ उठाने की फिराक में रहेगी, तो भला प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कामगारों को कहां उचित वेतन-भत्ते मिलेंगे। महंगाई के इस दौर में 10-12 हजार की मामूली तनख्वाह में महीने भर का गुजारा कैसे होगा, इसकी सहज कल्पना की जा सकती है।

लडक़ों की तो शादियां होने से रहीं, क्योंकि आजकल लड़कियां सबसे पहले वेतन और पैकेज के बारे में तहकीकात करती हैं। सरकार माई-बाप है और उसे कम से कम प्राइवेट सेक्टर के मुकाबले सरकारी नौकरियों में जीवनयापन लायक वेतन-भत्तों और पेंशन की गारंटी देकर अपने कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित करना ही चाहिए, ताकि कर्मचारी जोश और जज्बे के साथ अपनी सेवाएं मुस्कुराते हुए दे सकें। राज्य पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष और पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रघुबीर सिंह बाली कहते भी हैं कि हिमाचल प्रदेश में आधुनिक पर्यटन की संभावनाएं तलाशी जाएंगी और कांगड़ा जिले पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। रघुबीर सिंह बाली ने घोषणा की है कि फौज में सेवारत एवं भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों को निगम के होटलों में रहने पर पचास फीसदी की छूट दी जाएगी। यह सुविधा उन्हें साल के आठ महीने मिलेगी, जबकि मार्च से लेकर जून के चार महीने तक उन्हें 30 फीसदी की छूट दी जाएगी। साथ ही होटल में रहने वाले फौजियों को खाने पर अतिरिक्त से 30 फीसदी की छूट दी जाएगी। मेरा सुझाव है कि इस सुविधा को भारत के सभी सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए भी बढ़ाया जाना चाहिए।

यह अच्छी बात है कि 01 फरवरी को केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री ने राज्यों को पर्यटन केंद्रों के व्यापक विकास और दुनियाभर में उनकी ब्रांडिंग, मार्केटिंग के लिए बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त केंद्रीय सहायता देने का आश्वासन दिया है। इन पर्यटन केंद्रों पर सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्ता के आधार पर रेटिंग भी दी जाएगी और साथ ही राज्यों को ब्याजमुक्त लोन दिया जाएगा ताकि पर्यटन क्षेत्रों का विकास हो सके। पर्यटन सेवाओं के पूर्णत: व्यवसायीकरण से ही हम बेहतरीन नतीजे हासिल कर सकते हैं। मैंने हिमाचल प्रदेश सरकार तक इस लेख के माध्यम से विकास एवं पर्यटन संभावनाओं में बढ़ोत्तरी के दृष्टिगत कुछ ऐसे क्षेत्रों में विद्यमान अपर्याप्त सुविधाओं की कहानी एवं मांग को पहुंचाने की कोशिश की है ताकि राज्य सरकार व्यावसायिक तौर-तरीके अपनाकर हिमाचल की पर्यटन आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए काम करे। तभी हिमाचल पर्यटन प्रतिस्पद्र्धा में अग्रणी राज्यों में निश्चित रूप से शुमार होगा।

अनुज आचार्य

स्वतंत्र लेखक


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