कांग्रेस की बेल से टूटे लता ठाकुर के पुत्र रवि, भाजपा में जाना राजनीति गलियारों में पैदा हुआ चर्चा का माहौल

By: Mar 25th, 2024 12:05 am

लाहुल की पहली महिला विधायक के बेटे का भाजपा में जाना राजनीति गलियारों में पैदा हुआ चर्चा का माहौल

मोहर सिंह पुजारी — कुल्लू

पूरा जीवन कांग्रेस को समर्पित करने वाली लाहुल की पहली महिला विधायक स्व. लता ठाकुर के पुत्र पूर्व विधायक रवि ठाकुर कांग्रेस की बेल से टूट गए। विधानसभा से इनकी सदस्यता रद्द होने पर कांग्रेस की बेल को तोडऩे का इन्होंने बड़ा कदम उठाया। अब नई बेल की शाखा में अंकुरित होना इनकी राजनीति को किसी चुनौती से कम नहीं होगा। 40 साल में रवि ठाकुर की भी कांग्रेस में अच्छी खासी पैठ बनी थी। कांग्रेस पार्टी को मां स्वरूप मानते थे। भाजपा का नाम तक सुनना इन्हें बहुत बुरा लगता था, लेकिन आज उसी भाजपा की शरण में जाना, सचमुच अटपटी राजनीति का व्याख्यान करती है। पूर्व विधायक रवि ठाकुर के भाजपा में जाने पर राजनीति गलियारों में यह चर्चा का माहौल पैदा हो गया है कि इनकी राजनीति अब कमजोरी की ओर संदेश दे रही है। अब भाजपा इन्हें कितनी आगे ले जा सकती है, यह तो वक्त ही बताएगा।

बता दें कि स्व. लता ठाकुर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से पहली महिला विधायक बनीं थीं। इनकी विधायक के आगे के इतिहास पर ही नजर डालें, तो रवि ठाकुर के दूसरी बार विधायक बनने तक यह परिवार 53 साल कांग्रेस में जुड़ा रहा। अब इतने सालों पुराने इतिहास को तोडऩा कहीं न कहीं अपनी राजनीति को कमजोर करना है। वहीं, दूसरी तरफ लाहुल-स्पीति के रवि ठाकुर और डा. रामलाल मार्कंडेय की राजनीति कड़वाहट से पहले ही भरी हुई है। अब दोनों की पार्टी एक हो गई है। यदि पहले जैसा ही राजनीति द्वेश दोनों में रहा, तो दोस्ती कैसे होगी, यह एक सोचने वाली बात हो गई है। भले ही भाजपा ने कांग्रेस के रवि ठाकुर को अपनी पार्टी में शरण देकर जरूरी प्रोत्साहित किया होगा, लेकिन रवि ठाकुर और डा. रामलाल मार्कंडेय की आज तक की सार्वजनिक बहस, आरोप-प्रत्यारोप का क्या होगा, यह भाजपा के कार्यकर्ताओं में चिंता का विषय बना है।

चुनावी जंग लड़ चुके हैं रवि और मार्कंडेय

2022 के विधानसभा चुनाव में लाहुल-स्पीति जिला में कांग्रेस ने रवि ठाकुर और भाजपा ने डा. रामलाल मार्कंडेय को चुनावी दंगल में उतारा था। आरोपों और प्रत्यारोपों के बीच रवि ठाकुर ने 9948 वोट हासिल किए और डा. रामलाल मार्कंडेय को 1616 वोटों से हराया। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी इनकी जंग हुई थी। इस चुनाव में भाजपा के डा. रामलाल मार्कंडेय ने कुल 7756 वोट हासिल किए और कांग्रेस के प्रत्याशी रवि ठाकुर को 1478 वोटों से शिकस्त दी। वहीं, जय राम सरकार में मंत्री बने। वहीं, 2012 के चुनाव में कांग्रेस ने रवि ठाकुर और भाजपा ने डा. रामलाल मार्कंडेय को चुनावी दंगल में उतारा। इस दौरान रवि ठाकुर को कुल 10187 वोट पड़े और डा. मार्कंडेय को 3696 मतों से हार खानी पड़ी।

मार्कंडेय-ठाकुर में तीन बार चुनावी टक्कर

लाहुल-स्पीति के विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय और पूर्व विधायक रवि ठाकुर के बीच तीन बार चुनावी टक्कर हुई है, जिसमें दो बार रवि ठाकुर ने जीत दर्ज की है। दोनों राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। अब एक पार्टी कैसे इनकी द्वेश की भावना कम होगी, यह लाहुल-स्पीजि की राजनीति में सोचने का विषय बना है।


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