Loksabha Chunav 2024 : आचार संहिता की मार… नियुक्तियां लटकी, रिजल्ट का इंतजार

By: Mar 17th, 2024 11:02 pm

784 पटवारी भर्ती करने की प्रक्रिया भी जून तक लटकी

अब लोकसभा चुनाव के बाद शुरू होगी भर्ती प्रक्रिया

ड्राइवर के 300 और कंडक्टर के 360 पदों पर होगी भर्ती

टीजीटी-जेबीटी कमीशन के लिए भी करना होगा इंतजार

पीजीटी एग्जाम होगा, टीजीटी नियुक्ति को परमिशन चाहिए

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — शिमला

हिमाचल में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के साथ ही नई भर्तियों की प्रक्रिया भी एक तरह से रुक गई है। चुनाव आचार संहिता की धारा 11 के तहत हालांकि लोकसेवा आयोग या राज्य चयन आयोग की अपनी वर्किंग पर कोई रोक नहीं है, लेकिन ये सिर्फ उन भर्तियों को जारी रख सकते हैं, जिनमें पद पहले विज्ञापित हो चुके हैं। यदि शिक्षा विभाग की बात करें, तो लोक सेवा आयोग पीजीटी या स्कूल लेक्चरर के 585 पद विज्ञापित कर चुका है। इसकी प्रक्रिया शेड्यूल के अनुसार आगे जारी रहेगी। हालांकि नियुक्ति से पहले चुनाव आयोग को पूछना पड़ेगा। इसी तरह टीजीटी बैचवाइज में जिन 1023 अभ्यर्थियों को सेलेक्ट किया गया है, उनकी नियुक्ति भी अप्रैल के महीने में चुनाव आयोग को पूछने के बाद ही होगी। टीजीटी के अलावा जेबीटी और शास्त्री की भर्ती में भी कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद नियुक्ति के लिए भारत निर्वाचन आयोग को केस भेजना होगा।

जहां तक टीजीटी या जेबीटी कमीशन की भर्तियों का मामला है, तो ये पद अभी विज्ञापित ही नहीं हुए हैं। लोकसेवा आयोग ने टीजीटी के भर्ती नियमों को वापस लौटा दिया था और अभी यह संशोधित रूप में लोक सेवा आयोग को दोबारा नहीं मिले हैं। राजस्व विभाग में पटवारी के पद भरने के लिए 784 अभ्यर्थियों की सिलेक्शन होनी थी। इन्हें सरकार फिर ट्रेनिंग भी करवाती है, लेकिन इस चयन के लिए भर्ती एजेंसी ही फाइनल नहीं हो पाई है। भर्ती नियमों की बात करें, तो उसमें डायरेक्टर लैंड रिकॉर्ड को भर्ती एजेंसी के तौर पर रखा गया है, लेकिन पिछली भर्ती में हुए विवाद के बाद इस बार डायरेक्ट लैंड रिकॉड्र्स ने इन भर्तियों करने से इनकार कर दिया था। इसके बाद कार्मिक विभाग ने पटवारी की भर्ती को भी हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग के दायरे में डाल दिया था। वह आयोग भंग हो गया और अब उनकी जगह राज्य चयन आयोग है, लेकिन कार्मिक विभाग ने अभी राज्य चयन आयोग के दायरे में इस पद को नहीं दिया है। इस कारण पटवारी का चयन भी अब जून के बाद ही होगा।

पुलिस में 1226 पदों पर होने जा रही कांस्टेबल भर्ती फंसी

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — शिमला

हिमाचल में कांस्टेबल के 1226 पद भरने के लिए पुलिस भर्ती की प्रक्रिया भी लोकसभा चुनाव के आचार संहिता में फंस गई है। अब इस बारे में जून में ही भर्ती को लेकर कोई फैसला हो पाएगा और उसके बाद प्रक्रिया शुरू होगी। दरअसल, यह मामला भर्ती एजेंसी को लेकर लोकसेवा आयोग और पुलिस मुख्यालय के बीच में ही उलझ रहा है। इस भर्ती के लिए तीन बार रूल्स को बदल गया और अभी भी छह मार्च को किया गया बदलाव अंतिम रूप से नोटिफाई नहीं हुआ है। इस कारण युवाओं को रोजगार के लिए इस भर्ती में भी अब चुनाव खत्म होने का इंतजार करना पड़ेगा। चार मार्च को हुई कैबिनेट की बैठक में हिमाचल प्रदेश पुलिस डिपार्टमेंट (रिक्रूटमेंट ऑफ कांस्टेबल्स) रूल्स में संशोधन किया गया था। इससे पहले 29 जनवरी को एक संशोधन हुआ था। इन 1226 पदों में से 870 पद पुरुष कांस्टेबल के और 292 पद महिला कांस्टेबल के हैं, जबकि 57 ड्राइवर भी भर्ती होने हैं। पहली बार पुलिस भर्ती में डोप टेस्ट हो रहा है और महिलाओं के लिए 30 फीसदी अधिक कोटा दिया जा रहा है, लेकिन रूल्स में दूसरी बार बदलाव हो गया है।

इस संशोधन पर प्रभावित पक्षों से 15 दिन के भीतर आपत्तियां भी मांगी गई हैं। उसके बाद ही इसे फाइनल प्रकाशित किया जाएगा। संशोधन के अनुसार अब स्पोट्र्स कोटा के लिए डीजीपी खेल विभाग को नाम स्पाँँसर करने के लिए कहेंगे। इसमें पदों की संख्या भी हर जिले के अनुसार दी जाएगी। आयु सीमा को लेकर भी संशोधित नियमों में ज्यादा स्पष्ट कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि पहली जनवरी, 2024 के आधार पर अभ्यर्थियों की आयु गिनी जाएगी। संशोधित नियमों में डोप टेस्ट भी पुलिस विभाग को ही करना है। यह पुलिस भर्ती में पहली बार शामिल किया जा रहा है, ताकि यह पता किया जा सके कि भर्ती होने आ रहे युवा कहीं ड्रग्स के आदि तो नहीं हैं? फिजिकल टेस्ट पहले के अनुसार पुलिस विभाग ही करेगा और दस्तावेजों की छंटनी भी पुलिस विभाग को ही करनी है, लेकिन अब यह प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाएगी।

एचआरटीसी को न ड्राइवर मिले, न कंडक्टर

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — शिमला

लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के कारण हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम में ड्राइवर और कंडक्टर दोनों की भर्ती प्रक्रिया रुक गई है। निगम को अपनी बसों को चलाने के लिए यह स्टाफ अब जून के बाद ही मिल पाएगा। परिवहन निगम में ड्राइवर के 300 और कंडक्टर के 360 पद भरे जाने हैं। पिछले एक साल से उनकी भर्ती की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब तक यह फाइनल नहीं हो पाई है। आचार संहिता लगने के ठीक एक दिन पहले लोकसेवा आयोग ने कंडक्टर भर्ती का रिजल्ट घोषित किया था। 360 पदों के लिए हुए इस एग्जाम में 357 कंडक्टर चयनित घोषित किए गए हैं। इनकी अब डॉक्यूमेंटेशन परिवहन निगम के स्तर पर होगी और फिर इन्हें नियुक्ति चुनाव के बाद ही दी जाएगी। नियुक्ति को लेकर भी अभी राज्य सरकार से अनुमति का इंतजार करना होगा। इससे पहले बिजली बोर्ड में इलेक्ट्रीशियन और पशुपालन विभाग में वेटरिनरी फार्मासिस्ट इसी अनुमति के इंतजार में चुनाव से पहले नियुक्ति नहीं ले पाए, लेकिन एचआरटीसी में ड्राइवर की भर्ती प्रक्रिया इससे भी ज्यादा खराब स्थिति में है।

ड्राइवर के करीब 300 पदों को भरने के लिए ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया चल रही थी, जिसमें 4500 में से 600 लोगों को सेलेक्ट किया गया था, लेकिन जो कुछ लोग इसमें फेल हुए, उनकी शिकायत पर पूरी भर्ती प्रक्रिया को ही रोक दिया गया। फिर परिवहन निगम को कहा गया कि इस भर्ती के नियमों में थोड़ा बदलाव किया जाए। यह बदलाव पात्रता उम्र और एक्सपीरियंस को लेकर था, लेकिन भर्ती प्रक्रिया के बीच में यह बदलाव करना एचआरटीसी के लिए संभव नहीं था। इसी कारण चुनाव से पहले यह भर्ती प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाई। अब आचार संहिता लगने के कारण वर्तमान स्टाफ से ही पथ परिवहन निगम को अपने बस रूट चलने होंगे।


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