अब भारत होगा उच्च मध्यम आय वाला देश

हम उम्मीद करें कि आगामी लोकसभा चुनाव के बाद देश वैश्विक आर्थिक संगठनों की रिपोर्टों के मुताबिक वर्ष 2027 में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुमान के मुताबिक वर्ष 2031 तक दुनिया का उच्च मध्यम आय वाला देश बनने की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेगा…

हाल ही में 6 मार्च को वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत आर्थिक, वित्तीय तथा संरचनात्मक सुधारों के कारण वर्ष 2031 तक निम्न मध्यम से उच्च मध्यम आय वाला देश बन जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहने और आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। भारत फिलहाल 3.6 लाख करोड़ डॉलर के जीडीपी के साथ दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसके आगे अमरीका, चीन, जापान और जर्मनी हैं। 2030-31 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 6.7 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा और उस समय तक भारत की प्रति व्यक्ति आय भी बढक़र 4500 अमरीकी डॉलर तक पहुंच जाएगी और भारत उच्च मध्यम आय वाले देशों के समूह में शामिल हो जाएगा। गौरतलब है कि विश्व बैंक की परिभाषा के मुताबिक दुनिया में निम्न आय वर्ग वाले 26 देश हैं, जिनकी प्रति व्यक्ति सालाना आय 83000 रुपए या उससे कम है। निम्न मध्यम वर्ग वाले 55 देश हैं जिनकी सालाना प्रति व्यक्ति आय 83000 से 332000 रुपए के बीच है। उच्च मध्यम वर्ग वाले 55 देश हैं जिनकी सालाना प्रति व्यक्ति आय 332000 से 996000 रुपए के बीच है। उच्च वर्ग वाले 79 देश हैं जिनकी प्रति व्यक्ति सालाना आय 1000565 रुपए से अधिक है। इस समय भारत जीडीपी के मद्देनजर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत से आगे अमरीका, चीन, जर्मनी और जापान हैं।

माना जा रहा था कि भारत 2026 में जापान को पीछे कर दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा, लेकिन अब भारत और जापान की अर्थव्यवस्था में बहुत थोड़ा अंतर रह गया है। इसलिए जापान की अर्थव्यवस्था से इसी साल 2024 में भारतीय अर्थव्यवस्था आगे निकल सकती है। 7 मार्च को दुनिया की वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी बार्कलेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आगामी 5 वर्षों तक चीन की विकास दर भारत से कम रह सकती है तथा दुनिया की कुल जीडीपी में भारत का जो वर्तमान योगदान करीब 10 फीसदी है, वह 2028 में बढक़र 16 फीसदी हो जाएगा। यह बात भी महत्वपूर्ण है कि हाल ही में ब्लूमबर्ग के द्वारा भारतीय सरकारी बॉन्डों को अपने सूचकांक में शामिल करने के फैसले से भारतीय ऋण बाजार को काफी मजबूती मिलेगी। इन बॉन्डों को 31 जनवरी 2025 से ब्लूमबर्ग सूचकांक में शामिल किया जाएगा। जेपी मॉर्गन के बाद ब्लूमबर्ग अपने उभरते बाजार बॉन्ड सूचकांक में भारतीय सरकारी बॉन्ड को शामिल करने वाला दूसरा प्रमुख वैश्विक सूचकांक प्रदाता है। जेपी मॉर्गन ने जून 2024 से भारतीय बॉन्डों को अपने सूचकांक में शामिल करने का निर्णय लिया है। भारतीय सरकारी बॉन्डों को ऐसे वैश्विक सूचकांकों में शामिल किए जाने से वैश्विक वित्तीय बाजार में भारत की वित्तीय प्रतिष्ठा बढ़ेगी और इसके कई लाभ होंगे। इससे भारत में विदेशी निवेश बढ़ेंगे, जिससे सरकार को अपने राजकोषीय घाटे की भरपाई करने में मदद मिलेगी। साथ ही सरकार को चालू खाते के घाटे की भरपाई में भी आसानी होगी। यह बात महत्वपूर्ण है कि इन दिनों भारत की अर्थव्यवस्था पर प्रकाशित हो रही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों में यह रेखांकित हो रहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था विकास की पटरी पर पूरी रफ्तार से दौड़ रही है और विकास की ऐसी तेज रफ्तार से भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश तथा वर्ष 2031 तक उच्च मध्यम आय वाला देश बन जाएगा। साथ ही वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में चमकते हुए दिखाई दे सकता है।

हाल ही में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 की अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 8.4 फीसदी की तेज दर से बढ़ा है। जीडीपी की यह रफ्तार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 6.5 फीसदी के अनुमान से भी अधिक रही है। जीडीपी के इस उत्साहवद्र्धक परिदृश्य के मद्देनजर अब एनएसओ ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए विकास दर का अनुमान बढ़ाकर 7.6 फीसदी कर दिया है। इस समय भारतीय शेयर बाजार भी दुनियाभर में ऊंचाइयों पर रेखांकित होते हुए दिखाई दे रहा है। 7 मार्च 2024 को जो सेंसेक्स 74000 से अधिक की अब तक की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा है, वह 2024 के अंत तक 100000 से अधिक के स्तर पर पहुंच सकता है। इस तरह भारतीय अर्थव्यवस्था उम्मीद से बढक़र प्रदर्शन कर रही है। इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था की ताकत और क्षमता बढ़ रही है और इससे भारत विकसित राष्ट्र बनने की डगर पर आगे बढऩे की अच्छी संभावनाएं रखता है। इसमें कोई दो मत नहीं कि इस समय भारत दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था के साथ आर्थिक विकास की डगर पर तेजी से बढ़ रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था को आर्थिक पंख लगे हुए दिखाई दे रहे हैं। घरेलू संरचनात्मक सुधार, मैन्युफैक्चरिंग, ग्लोबल सप्लाई चेन, इंफ्रास्ट्रक्चर में इन्वेस्टमेंट और ग्रीन एनर्जी पर निर्भरता बढऩे से भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत में दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी, सबसे अधिक कौशल प्रशिक्षण के अभियान, बढ़ता सर्विस सेक्टर, बढ़ते निर्यात और अर्थव्यवस्था के बाहरी झटकों से उबरने की क्षमता नए भारत के निर्माण की बुनियाद बन सकती है। इतना ही नहीं, तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार के कारण दुनिया के अधिकांश देशों की भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की ललक दिखाई दे रही है, प्रवासी भारतीयों के द्वारा लगातार प्रति वर्ष अधिक धन भारत को भेजने के साथ भारत को तकनीकी विकास के लिए मदद बढ़ी है। यह कोई छोटी बात नहीं है कि वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक मंचों पर भारत को विशेष महत्व, अमरीका और रूस दोनों महाशक्तियों के साथ दुनिया के जी-20 देशों में भारत की नई अहमियत और दुनिया में मजबूत लोकतंत्र और स्थिर सरकार के रूप में भारत की पहचान भारत के विकास को तेज रफ्तार दे रही है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सरकार के द्वारा विगत 10 वर्षों में किए गए आर्थिक और वित्तीय सुधारों के साथ-साथ कठोर प्रशासनिक निर्णयों से आर्थिक विकास की जो रफ्तार बढ़ी है, वह अब आगामी लोकसभा चुनाव के बाद और तेज होते हुए दिखाई दे सकेगी।

पिछले दिनों 3 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करते हुए ‘विकसित भारत : 2047’ के लिए दृष्टि पत्र और अगले पांच वर्षों के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना पर विचार-मंथन किया गया। इस बैठक में लोकसभा चुनाव के बाद मई 2024 में नई सरकार के गठन के तुरंत बाद उठाए जाने वाले कदमों के लिए 100 दिवसीय एजेंडे के शीघ्र क्रियान्वयन पर चर्चा की गई। विकसित भारत के लिए यह रोडमैप दो साल से अधिक की गहन तैयारी का परिणाम है। विकसित भारत के लिए इस रोडमैप के लक्ष्यों में आर्थिक विकास, सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी), जीवन को आसान बनाना, व्यापार करने में आसानी, बुनियादी ढांचा और सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्र शामिल हैं। हम उम्मीद करें कि आगामी लोकसभा चुनाव के बाद देश वैश्विक आर्थिक संगठनों की रिपोर्टों के मुताबिक वर्ष 2027 में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुमान के मुताबिक वर्ष 2031 तक दुनिया का उच्च मध्यम आय वाला देश बनने की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेगा। विकसित देश बनने की डगर पर तेजी से आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे सकेगा।

डा. जयंती लाल भंडारी

विख्यात अर्थशास्त्री


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