सुक्खू की कांग्रेस सरकार पहले दिन से ही स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के प्रति निष्ठा रखने वाले विधायकों को हाशिए पर धकेलने के काम में लगी हुई थी। वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बना कर सोनिया गांधी की संतान ने संतुलन साधने की कोशिश तो जरूर की, लेकिन सुक्खू उस संतुलन को धरातल पर नहीं उतार पाए। यह भी कहा जा रहा है कि सुक्खू विरोधी खेमे में चौदह विधायक हैं, लेकिन रणनीति के तहत अभी छह विधायकों को ही सार्वजनिक रूप से राज्यसभा चुनाव के अवसर पर

लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भारतीय जनता पार्टी ने गुरुवार को विकसित भारत हेतु संकल्प पत्र के लिए सुझाव एकत्रीकरण अभियान की शुरुआत कर की है, जिसके तहत आम जनता से सुझाव मांगे जाएंगे। इस अभियान की शुरुआत गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय कमलम में प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र मल्होत्रा द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता के माध्यम से की गई। प्रेस वार्ता में मल्होत्रा के साथ संकल्प पत्र सुझाव एकत्रीकरण समिति चंडीगढ़ के संयोजक एवं प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश चंद जैन, शक्ति प्रकाश देवशाली, देवेंद्र

200 मीटर की दौड़ में राजकीय महाविद्यालय हमीरपुर की धाविका प्रोमिला ने अंतर विश्वविद्यालय एथलेटिक्स बंगलूरु 2006 में 100 मीटर में चौथा तथा 200 मीटर की दौड़ को 24.93 सैकेंड में दौड़ कर रजत पदक जीता था...

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्यसभा चुनाव की हार को स्वीकार करते हुए जिम्मेदारी खुद पर ले ली है। उन्होंने कहा कि हिमाचल की राजनीति में इस तरह की घटना पहले नहीं हुई। साथ ही यह सीख भी दी कि जो हुआ, जरूरी नहीं हुआ, भविष्य में भी न हो। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इस समूचे घटनाक्रम के बाद भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हाईकमान व अपने विधायकों का विश्वास जीतने में पूरी तरह सफल रहे हैं और अब उनकी कार्यप्रणाली पहले से कहीं अलग होगी। और जो कमियां गिनाई गई हैं, वे बहुत जल्द दूर होंगी। विशेषज्ञ और राजनीतिक के जानकार बताते हैं कि सुक्खू को मुख्यमंत्री पद थाली में नहीं परोसा गया था,

जय मां चामुंडा, कीजिए सुबह की शुरुआत माता की पवित्र आरती के साथ 01 मार्च 2024

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने राज्य के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से पंजाब इंस्टीच्यूट ऑफ लिवर एंड बिलीरी साइंसेज को लोगों को समर्पित किया। इस संस्थान की स्थापना की घोषणा 2022 के बजट सत्र में की गई थी और यह पंजाब का पहला सरकारी स्वास्थ्य संस्थान होगा जो मरीजों को एंडोस्कोपी, फाइब्रोस्कोपी और एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड जैसी अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करेगा। इस संगठन के विशेषज्ञ पंजाब के सभी सरकारी अस्पतालों में टेली-मेडिसिन सेवाएं भी प्रदान करेंगे। यह हेपेटोलॉजी में प्रशिक्षण और अनुसंधान सुविधाओं के लिए अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से सुसज्जित है। संस्थान की स्थापना 40 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से की गई है और इसमें 80 डाक्टर, 150 स्टाफ नर्स और 200 गु्रप-डी कर्मचारियों सहित लगभग 450 कर्मचारी होंगे। हेपेटोलॉजी पीजीआईए चंडीगढ़ के पूर्व प्रोफेसर और प्रमुख प्रोफेसर वरिंदर सिंह को संस्थान के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है।

यह युद्ध नायक व खलनायक के बीच था और अंतत: हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया के फैसले से साबित हो गया कि ऊंट किस करवट बैठा है। दुष्चक्र अब वक्त के चक्र में नए फौलाद के पिघलने का इंतजार करेगा, तो यह युद्ध अब सीधे से संवाद करेगा। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को लगी चपत अब नए समीकरणों में जब्त हो गई। कांग्रेस ने सत्ता की दीवार और मोटी कर ली या घर के भीतर से कुछ

हमारा देश घोटाला प्रधान है। घोटालों में हमारा मुकाबला नहीं है। ओलंपिक्स में यदि घोटाला प्रतियोगिता हो तो नि:संदेह हम हर हालत में स्वर्ण पदक प्राप्त करके रहें। एक घोटाले की जांच प्रारम्भ भी नहीं हो पाती कि दूसरा खुल पड़ता है। मेरे एक मित्र हैं। घोटालों के अनुभव सिद्ध पुरुष हैं। तीन बार गबन-घोटाले के चक्कर में निलंबित हो चुके हैं। लेकिन हर बार न्यायालय उन्हें बेदाग साबित करके पुन: सेवा में बहाल कर देता है और वे फिर घोटाला प्रक्रिया में लिप्त हो जाते हैं। एक दिन आए तो मैंने कहा-‘मित्रवर, घोटालों के कीर्तिमान तोड़े जा रहे हैं और आप हैं कि दम साधे पड़े हैं।’ ‘शर्मा क्या बताऊं यार, घोटाला तो कर चुका लेकिन अभी तक पकड़ा नहीं जा

देश में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक की खबरें सुर्खियों में आती हैं। जिस देश में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हो चुकी हों, चंद पैसों की खातिर जहां लोग अपना ईमान बेच देते हों, वहां पेपर लीक के मामले शायद ही रुकें। बेशक सरकारें इसके लिए सख्त कानून ही क्यों न बना दें, हमारे देश में कानूनों का

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुक न केवल सनातन-विरोधी है, बल्कि भारत-विरोधी भी है। संविधान धार्मिक आस्था और पूजा-पद्धति की अनुमति तो देता है, लेकिन भारत-विरोध का कोई प्रावधान नहीं है। भारत-विरोध के मायने हैं कि आप देश की संप्रभुता, एकता, अखंडता और राष्ट्र के तौर पर अपमान कर रहे हैं। कोई साजिश रच रहे हैं। उन्हें चुनौती दे रहे हैं। यह सरासर देशद्रोह है और नई न्याय संहिता में इस अपराध की सजा स्पष्ट हो जाएगी। यह संहिता 1 मार्च से देश भर में लागू हो रही है। द्रमुक सरकार ने एक विज्ञापन छपवाया है, जो इसरो