मंडी शिवरात्रि से देवी-देवताओं का किनारा

By: Mar 14th, 2024 12:16 am

इस बार सिर्फ दो देवताओ ने ही की शिरकत, आज भी सालों पुरानी देव परंपरा निभा रहे घाटी के देवता

निजी संवाददाता-सैंज
छोटी काशी के नाम से मशहूर मंडी में चल रहे अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव में भले ही सैकड़ों देवी देवताओं ने शिरकत की हैं किंतु देव भूमि कुल्लू के देवी देवता मंडी शिवरात्रि में नहीं पहुंच पाए हैं। देवताओं के मिलन में इस वर्ष फिर लोकतांत्रिक व्यवस्था आड़े आई। जमाने बदले किंतु देव संस्कृति नहीं बदल पाई है। यही कारण है कि आज अलौकिक शक्तिए देवीय चिंतन और शोधकर्ताओं के लिए अंतरराष्ट्रीय मंडी शिवरात्रि में हर वर्ष सैकड़ों देवी देवताओं की झलक देखने को मिलती है किंतु हैरानी वाली बात यह है कि सांख्य शास्त्रए भौतिक रसायनए न्याय शास्त्र, खगोल शास्त्री, पत्रकारिता के जन्मदाता ज्योतिष ब्रह्मांड की रचना करने वाले देव भूमि कुल्लू के सैकड़ों देवी.देवताओं में से एक भी देवता मंडी शिवरात्रि में शिरकत नहीं करता है।

हालांकि इस वर्ष कुल्लू के दो देवता खुड़ी जहल व बालु नाग मंडी की शिवरात्रि पर्व में पधार चुके हैं लेकिन वे श्रद्धालुओं के बुलावे पर शिवरात्रि की शोभा बढ़ा रहे हैं। मंडी के अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में इस वर्ष भी मंडी जिला के सैकड़ों देवी देवता पडडल मैदान की शोभा बढ़ा रहे हैं किंतु इस उत्सव की रीत के अनुसार मंडी जिला के साथ लगते कुल्लू जनपद के देवी देवता शिरकत नहीं कर सकेंगे। लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खींची गई लक्ष्मण रेखा को पार करने में इन दोनों जिलों के देवी देवता अभी भी कामयाब नहीं हो पाए हैं। लिहाजा न तो मंडी जिला के देवता कुल्लू में होने वाले अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दौरान होने वाले देव समागम में शामिल होते हैंए ना तो मंडी के पडडल मैदान तक देव भूमि कुल्लू के किसी भी देवी देवता के पहुंचने की हिम्मत हुई है। कड़वी सच्चाई यह है कि अभी भी देवी देवताओं के अधिपत्य बाले इन जिलों के देव समाज के लोग भी एक दूसरे के समारोह में अपने देवी देवताओं को नहीं ले जाते हैं। इस बार भी यह इतिहास नहीं बदलने वाला है और कुल्लू जिला का कोई भी देवता शिवरात्रि महोत्सव का न्योता ना मिलने के चलते मंडी में अपनी हाजिरी नहीं भरेगा। कुल्लू जनपद के अधिकतर देवी देवता अपने ही देवालयों में विराजमान है। शिवरात्रि के मौके पर भी सभी देवी देवता अपने मंदिरों में भक्ति में लीन है।

नहीं मिला मंडी जिला प्रशासन का न्योता

कुल्लू जिला देवी देवता कारदार संघ के महासचिव टीसी मंहत का मानना है कि लोकतंत्र व्यवस्था के लिए खींची गई लक्ष्मण रेखा का देव समाज से कोई लेना-देना नहीं होना चाहिए और इस लिहाज से यहां के देवी देवता भी एक -दूसरे के समारोह में जा सकते हैं लेकिन इतिहास में अभी तक कभी भी नहीं हो पाया है। इन जिलों के लोग इन दोनों उत्सवों में जरूर भारी संख्या में पहुंचते हैं और देवी-देवताओं का भी आशीर्वाद लेते हैं लेकिन मंडी की शिवरात्रि और कुल्लू के देवी-देवता शिरकत नहीं करते हैं। टीसी मंहत ने बताया कि मंडी जिला प्रशासन की ओर से कोई भी न्योता जिला के देवी-देवताओं को इस समारोह में शामिल होने के लिए नहीं आया है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App