वन रैंक-वन पेंशन न मिलने से पूर्व फौजी खफा

By: Apr 16th, 2024 10:13 pm

संयुक्त मोर्चा ऑफ एक्स सर्विसमैन ने घेरी कांग्रेस और भाजपा; कहा, घोषणा पत्रों में नहीं जोड़ी मांगें, चुनावों पर पड़ेगा असर

सुरेंद्र ठाकुर-हमीरपुर

हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है तथा इसमें सशस्त्र सेनाओं में सेवा करने तथा देश की रक्षा करने में यह प्रदेश किसी अन्य प्रदेश से कम नहीं हंै। आज प्रदेश से लगभग एक लाख 15000 सेवार्थ सैनिक है तथा इसके साथ ही 1,60,000 के लगभग पूर्व सैनिक हैं। इन सबको मिलाकर तथा उनके परिवारों को मिलाकर सशस्त्र सेनाओं के कर्मियों की संख्या काफी अधिक हो जाती है तथा ये सब चुनाव में किसी भी पार्टी को इक_े होकर प्रभावित कर सकते हैं। इसी संदर्भ में या भी बताना अनिवार्य है कि एक रैंक एक पेंशन स्कीम जो कि पूर्व सैनिकों की बहुत लंबे समय की मांग थी उसको यह कहकर वर्तमान सरकार अपनी उपलब्धि मानती है कि इस स्कीम को लागू कर दिया है और इसका श्रेय सरकार लेती है। वहीं पर दूसरी तरफ भूतपूर्व सैनिक पूरे देश में जिनकी संख्या 28 लाख के लगभग है इस बात से खफा हैं कि सरकार द्वारा दिया गया वन रैंक वन पेंशन का लाभ उनको नहीं मिल पाया है। सरकार कहती है कि हमने दे दिया है।

पूर्व सैनिक कहते हैं कि उनको नहीं मिला है, तो इस बात में कहीं न कहीं तो गड़बड़ी है। पूरे देश के पूर्व सैनिक 20 फरवरी 2023 से भूख हड़ताल, रैलियां तथा कई प्रकार के ज्ञापन सरकार को देखकर या मांग उठा चुके हैं कि उनको एक रैंक एक पेंशन सही रूप में नहीं मिला है और लगातार इसके विरोध में प्रदर्शन पिछले एक वर्ष से अधिक से करते आ रहे हैं। एचडीएम

मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की अपील

संयुक्त मोर्चा ऑफ एक्स सर्विसमैन के प्रदेशाध्यक्ष कैप्टन जगदीश वर्मा सेवानिवृत्त, महासचिव लेफ्टिनेंट रमेश तपवाल, सूबेदार मेजर रोशन लाल चौहान ने कहा कि उन्होंने अपने संगठन की तरफ से कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा बीजेपी के चुनाव घोषणा पत्र के 27 लोकसभा सांसदों की कमेटी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह को पिछले महीने 27 मार्च 2024 को एक पत्र लिखकर मांग की थी कि वह एक रैंक एक पेंशन के मुद्दे को गंभीरता से विचार कर अपने चुनाव घोषणा पत्र में जोड़े, ताकि उन्हें एक रैंक एक पेंशन का लाभ सही रूप में मिल सके। उन्होंने बताया कि दोनों ही पार्टियों ने अपने लोकसभा चुनाव के चुनाव घोषणा पत्रों में पूर्व सैनिकों के इस मुद्दे को उनके बताने के बावजूद नहीं जोड़ा, जिससे कि वर्तमान सरकार के विरोध में पूर्व सैनिकों में भारी आक्रोश व विरोध पनप रहा है, क्योंकि बार-बार बताने के बावजूद सरकार उनकी मांग को तवज्जो नहीं दे रही है जो कि आश्चर्य जनक व दुर्भाग्यपूर्ण है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App