प्रदेश में भी बने भारत मंडपम

By: Apr 4th, 2024 12:06 am

हिमाचल सरकार शिमला में हिमाचल हाट बनाने जा रही है। हिमाचल हाट बनने से शिमला में पर्यटकों और स्थानीय लोगों को प्रदेश के हर जिला का पारंपरिक भोजन हर समय उपलब्ध रहेगा और वह कभी भी इसका आनंद ले पाएंगे। इसी प्रकार हर जिला मुख्यालय पर जगह उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि वह अपने उत्पादों की वहां बिक्री कर आत्मनिर्भर बन सकें…

लगभग 150 एकड़ क्षेत्र में निर्मित प्रगति मैदान भारत के सबसे बड़े प्रदर्शनी केंद्रों में से एक है और दिल्ली में प्रदर्शनियों और सम्मेलनों के लिए महत्वपूर्ण स्थल है। भारत ने जी-20 के आयोजन के दृष्टिगत वास्तुशिल्प की अनूठी उपलब्धि को जोड़ते हुए प्रगति मैदान, नई दिल्ली में एक नए कन्वेंशन सेंटर भारत मंडपम का निर्माण करवाया है जो आधुनिकता का परिचायक भी है। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत मंडपम, आर्कोप एसोसिएट्स और एडास सिंगापुर द्वारा पुन: डिजाइन किया गया एक प्रतिष्ठित भवन है जो देश की वास्तुकला को परिभाषित करता है और उभरती हुई वैश्विक महाशक्ति और ज्ञान केंद्र के रूप में भारत की प्रतिष्ठा को मजबूत करता है। यहां बड़े प्रदर्शनी स्थल और सहायक बुनियादी ढांचे के साथ 4800 यात्री कार इकाइयों (पीसीयू) की पार्किंग सहित अन्य संबंधित सुविधाएं स्थापित की गई हैं। इसी के साथ इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) एक अत्याधुनिक, विश्वस्तरीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर बनाने की दृष्टि से भारत सरकार की एक प्रमुख परियोजना है जो आकार और गुणवत्ता में, अंतरराष्ट्रीय और साथ ही राष्ट्रीय बैठकों, सम्मेलनों, प्रदर्शनियों और व्यापार शो के लिए एक कुशल और गुणवत्तापूर्ण आयोजन स्थल की पेशकश करता है।

25703 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से यह परियोजना सेक्टर-25, द्वारका में विकसित की जा रही है और इसे लगभग 303000 वर्ग मीटर के साथ केंद्रीय व्यापार जिले (सीबीडी) के पैमाने पर बनाने की कल्पना की गई है। प्रदर्शनी स्थल का क्षेत्रफल 60000 वर्ग मीटर है, जबकि सम्मेलन क्षेत्र का क्षेत्रफल 50000 वर्ग मीटर है। यहां बहुउद्देश्यीय क्षेत्र के साथ-साथ खुदरा, वाणिज्यिक कार्यालयों, आतिथ्य उपयोगकर्ताओं के लिए मनोरंजन और जीवन शैली को दर्शाने वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त स्थान है। यह सुविधा देश में अपनी तरह की पहली होगी जिसमें प्रदर्शनी हॉल में बड़े कॉलम मुक्त स्थान होंगे और बड़े पैमाने पर रक्षा और एयरोस्पेस प्रदर्शनियों की मेजबानी करने की क्षमता होगी। कन्वेंशन सेंटर परिसर में 11000 प्रतिनिधियों के बैठने की क्षमता होगी और 6000 लोगों की क्षमता वाला एक विश्वस्तरीय हॉल होगा। आज आवश्यकता है कि केंद्र सरकार छोटे स्तर पर पर ही सही, भारत मंडपम की तर्ज पर प्रत्येक राज्य के दो-तीन महत्वपूर्ण शहरों में आधुनिक एवं सुविधाओं से परिपूर्ण प्रदर्शनी स्थलों का निर्माण करवाए, ताकि नई दिल्ली में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों की तरह के आयोजनों को राज्यों के नागरिक भी निकटता से देख सकें। पिछले दिनों 7 मार्च से 11 मार्च 2024 तक भारत की एक महत्वपूर्ण प्रदर्शनी ‘आहार मेले’ का आयोजन प्रगति मैदान, नई दिल्ली में किया गया। आहार खाद्य और आतिथ्य में एशिया का सबसे प्रसिद्ध ब्रांड है। मैं स्वयं इस प्रदर्शनी को देखने के लिए दिल्ली में मौजूद था।

हर वर्ष की तरह इस मेले में पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा भीड़ देखने को मिल रही है। इस आहार मेले में देश-विदेश के 1800 से ज्यादा एग्जीबिटर्स हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे। आहार प्रदर्शनी में रोजमर्रा की जिंदगी से लेकर बिजनेस की कई महत्वपूर्ण जानकारियां वहां आने वाले लोगों को मिलीं। अलग तरह के चॉकलेट बॉक्सेस से लेकर घर के पर्दे, किचन हैक्स का सामान और विदेशी खानपान भी चखने को मिले। पिज्जा, चाइनीज ड्राइफ्रूट्स, डिजाइनर क्रॉकरी और फूड इंडस्ट्री में इस्तेमाल की जाने वाली अत्याधुनिक मशीनों का भी वहां प्रदर्शित किया गया। कई स्टॉलों में लोगों को कई स्वादिष्ट डिश भी चखने को दी गईं। जिन लोगों को ऐसे इवेंट्स में जाना पसंद हो और समयाभाव के कारण बड़े शहरों का रुख नहीं कर पाते हैं, उनकी सुविधा के लिए छोटे राज्यों में भी प्रगति मैदान की तर्ज पर कम से कम 2-3 हॉल वाले प्रदर्शनी स्थलों का निर्माण आज के दौर की मांग है और वैसे भी दिल्ली जैसे बड़े एवं महंगे महानगर में रहना आम आदमी के बलबूते से बाहर की बात है। यह सर्वविदित है कि सूरजकुंड और दिल्ली हाट जैसे मेला आयोजन स्थलों में भी लाखों की संख्या में लोगों की भागीदारी रहती है। दो वर्ष पूर्व मंडी में एफएसएसएआई द्वारा एक दिवसीय ‘ईट राइट’ मेले का आयोजन इंदिरा मार्केट की खुली छत पर किया गया था। जाहिर है कि हिमाचल के नित बदलते मौसम के दृष्टिगत खुली जगहों में ऐसे आयोजन में भाग लेने वाले व्यापारियों के साथ-साथ दर्शकों को भी असुविधा होती है। इस मेले में मंडी जिला के विभिन्न स्थानों से आए महिला मंडलों, स्वयं सहायता समूहों ने लोकल खाद्य उत्पादों के स्टॉल लगाए थे और इसके साथ ही विभागीय प्रदर्शनियों को भी लोगों की जानकारी के लिए लगाया गया। इनके जरिए लोगों को अच्छे भोजन के बारे में जागरूक और पौष्टिक भोजन की आदत बारे प्रेरित किया गया। हिमाचल सरकार शिमला में हिमाचल हाट बनाने जा रही है। हिमाचल हाट बनने से शिमला में पर्यटकों और स्थानीय लोगों को प्रदेश के हर जिला का पारंपरिक भोजन हर समय उपलब्ध रहेगा और वह कभी भी इसका आनंद ले पाएंगे। इसी प्रकार हर जिला मुख्यालय पर जगह उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि वह अपने उत्पादों की वहां बिक्री कर आत्मनिर्भर बन सकें।

इसके अतिरिक्त हिमाचली धाम और अन्य पारंपरिक व्यंजनों के पेटेंट के संबंध में भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। वर्तमान दौर में अब भारतीय बड़ी संख्या में भारत के अन्य राज्यों में पर्यटन हेतु आ-जा रहे हैं और विदेशी भी भारत घूमने आ रहे हैं, लिहाजा ऐसे भव्य मंडपों का निर्माण और एक छत के ही नीचे सभी जानकारियों का प्रदर्शन न केवल राज्यों की प्राचीन संस्कृति, इतिहास एवं शिल्पकला आदि को रेखांकित करेगा, अपितु स्थानीय लोगों को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे बदलावों से अवश्य ही अवगत और अद्यतन रखेगा।

अनुज आचार्य

स्वतंत्र लेखक


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