संकट.. सरकाघाट में फसलें चट कर गए बेसहारा पशु
निजी संवाददाता-सरकाघाट
क्षेत्र में बेसहारा पशुओं की तादाद दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। जहां भी देखो बेसहारा पशुओं के साथ टैग लगे पशु नजर आते हंै । यह पशु जहां दिन को बाजार में लोगों के कोप भाजन का शिकार हो रहे है। वहीं रात होते ही साथ लगते गांव की ओर रूख कर देते है और खेतों में घुस कर सारी फसलों को चट कर किसानों का हजारों का नुकसान पहुंचाते है। क्षेत्र में बाडबंदी के बगैर जितने भी खेत है खाली पड़े है। जहां पहले फसल से खेत लहलहाते थे। आज वहां खाली खेत नजर आते है। यही नही जहां बेसहारा पशु नहीं पहुंच पाते है। वहां बंदर और सुअर फसलों को खा जाते है। ऐसी स्थिति में किसान क्या कर सकता है। हिमाचल प्रदेश किसान यूनियन के अध्यक्ष तेजनाथ शर्मा ने बताया कि बेसहारा पशुओं को सहारा देने के लिए प्रशासन को एक को कई बार अवगत करवा चुके है। लेकिन कोई समाधान होता हुआ नजर नहीं आ रहा है।
उन्होंने बताया कि हमने सरकार को बेसहारा पशुओं को सहारा देने के लिए पंचायत स्तर गौ सदन निर्माण करने के लिए गुहार लगा चूके है। लेकिन आज जहां बेसहारा पशुओं की हालत बहुत खराब है। वहीं किसानो की फसल चट कर किसानों के दिन भी बुरे आ गए है। मंहगें बीज, मंहगी खाद , बिजाई पर खर्चा पूरा तो क्या होना उल्टा नुकसान हो रहा है, बहुत से किसानों ने खेतीबाड़ी छोड़ दी है और डिपू और बाजार के राशन पर निर्भर हो गए है। जबकि एक समय ऐसा भी था, जब ये लोग खेती से अपना ही गुजारा नहीं करते थे। बल्कि आनाज को बेच कर अपनी कई जरूरतें भी पूरा करते थे। लेकिन अब हालात यह हो गए है कि अपने लिए भी घर के आनाज के लाले पड़ चूके है। किसान यूनियन के अध्यक्ष तेजनाथ शर्मा सरकार से मांग की है कि ऐसे पशु जिनके कानों में टैग लगे है। उनकी पड़ताल करवाकर मालिकों तक पंहुचाया जाए और जो पशु बेसहारा घूम रहे है। उन्हें गोसदनों में रखा जाए। किसानो की खेती के लिए बाडबंदी करवाई जाए, अन्य़था वेसहारा पशुओं से पीडि़त किसानों को उचित मुआवजा देकर उनकी मदद करें।
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