श्यामा काली की विदाई से आंखें नम

By: Apr 28th, 2024 12:55 am

सैंज के रोट कंढा में हारगी उत्सव का समापन, चार पंचायतों के सैकड़ों ग्रामीणों ने उठाया खूब लुत्फ
निजी संवाददाता-सैंज
सैंज घाटी के आराध्य देव महर्षि गर्गाचार्य की तपोभूमि रोट कंढा गांव में अधिष्ठात्री देवी श्यामा काली के आगमन पर देव समाज द्वारा आयोजित की गई पांच दिवसीय हारगी उत्सव का शनिवार को समापन हो गया है। शनिवार को माता श्यामा काली ने नम आंखों से गांव से विदाई ली। हालांकि देवी भगवती छठे दिन भी विदा नहीं लेना चाहती थी लेकिन ग्रामीणों ने माता से प्रार्थना की, जिस कारण श्यामा काली माता घर जाने के लिए राजी हुईं। इस हारगी उत्सव में पांच दिनों तक स्थानीय पंचायत के अलावा दलासणी, सचाणी एवं रोट आदि पंचायतों के सैंकड़ों ग्रामीणों एवं श्रद्धालुओं ने नाटी के साथ साथ मेहमान नवाजी का भी खूब लुत्फ उठाया। तलाड़ा पंचायत में अधिष्ठात्री देवी श्यामा काली के साथ आए सैकड़ो लोगो का तांता लगा रहा। इस हारगी उत्सव में ढोल नगाड़ों की थाप, सैकड़ों लोगों की सामूहिक नाटी, अनोखी देव संस्कृति और मेहमान नवाजी की झलक देखने को मिली। सैंज घाटी के तलाड़ा, बिहाली, सपांगनी टीलरा फबियारी, फरैणा, कंढा, धारा, बाईला, शलैश, सारी आदि गांवों में पांच दिन हारगी उत्सव की खूब धूम रही। इस हारगी उत्सव में दलासणी पंचायत की अधिष्ठात्री देवी माता श्यामा काली लगभग 45 वर्षों बाद स्थानीय लोगों के निमंत्रण पर रोट क्षेत्र में पधारी।

जहां दोनों देवी-देवताओं के हारियानों ने स्थानीय देव संस्कृति के मुताबिक देऊली परंपरा भी निभाई। देवी-देवताओं को श्रद्धालुओं के लिए रोजाना नए वस्त्रों के साथ दर्शन के लिए रखा गया। इन पांच दिनों में सैकड़ों श्रद्धालुओं से देवी देवताओं से आशीर्वाद प्राप्त किया। देवता के कारदार मेहर सिंह सुमन ने बताया कि करीब पांच दशकों बाद दोनों आराध्य भाई-बहन का मिलन एवं हारगी उत्सव मनाया गया। हारगी उत्सव में दोनों देवताओं के हारियानों ने देव संस्कृति के मुताबिक देऊली परंपरा को निभाते हुए उत्सव देखने आए सैकड़ों ग्रामीणों के मनोरंजन के लिए कुल्बी परिधान में नाटी डालकर खूब समां बांधा। महामुनि गर्गाचार्य के क्षेत्र रोट में ढोल, नगाड़े, नरसिंगे व शहनाई की मधुर धुनों में पूरा क्षेत्र गूंजायमान रहा। अतिथि देवी श्यामा काली के साथ आए सैकड़ों ग्रामीणों को तरह-तरह के व्यंजन परोसे गए और एक दूसरे को दावत पर बुलाया। देवता गर्गाचार्य के पुजारी जय बिहारी भारद्वाज ने बताया कि इस अनूठी हारगी उत्सव में हर कोई श्रद्धालु देवता से मन्नत मांग रहा था, जबकि देवी देवता ने उनकी हर एक मुराद पूरी करने का आशीर्वाद दिया। हारगी में देवता बनशीरा, तुदाला, अठारापेड़े, रिंगू नाग, दना नाग ने भी भाग लिया।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App