आस्था… कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
चूड़धार मंदिर खोलने के प्रशासन ने दिए आदेश, एसडीएम ने यात्रियों से संभलकर यात्रा करने की अपील की
निजी संवाददाता- नौहराधार
11,965 फीट की ऊंचाई पर स्थित चूड़धार में विराजमान शिरगुल महादेव के कपाट बैसाखी की संक्रांति को प्रशासनिक तौर पर खुल गए हैं। कपाट खुलते ही शनिवार को बैसाखी की संक्रांति को भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने चूड़धार का रूख किया। नौहराधार में मौजूद सभी पार्किंग स्थल गाडिय़ों व बाइकों से भर गए। शनिवार को वीकेंड के अवसर पर हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों से आए श्रद्धालु नौहराधार के रास्ते से शिरगुल महाराज के दर्शन के लिए चूड़धार की चोटी पर पहुंचे। भले ही आज तक चूड़धार की यात्रा पर प्रशासनिक प्रतिबंध था, मगर श्रद्धालु कम बर्फबारी के चलते पिछले 10 दिनों से भारी संख्या में चूड़धार की यात्रा पर श्रद्धालुओं के पग नहीं रूके। गौरतलब है कि हिमाचल के प्रमुख आस्था स्थलों में शुमार चूड़धार में हर साल लाखों श्रद्धालु अपने अराध्य देव शिरगुल महाराज के दर्शन करने पहुंचते हैं। वहीं चूड़धार में चार माह से बंद ढाबे और दुकानें भी शुरू हो गई हैं।
यात्रियों के ठहरने के लिए मंदिर की सराय में व्यवस्था शुरू हो चुकी है, मगर लंगर सेवा शुरू होने तक यात्रियों को खाने-पीने की व्यवस्था फिलहाल ढाबों में ही करनी पड़ेगी, क्योंकि अभी बर्फ जमी होने के चलते पानी की व्यवस्था में समय लगेगा। अगले माह 14 मई से लंगर शुरू होगा। एसडीएम चौपाल हेमचंद वर्मा ने चूड़धार की यात्रा शुरू होने की सूचना जारी कर दी है। परंपरा अनुसार संक्रांति के दिन मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं। मंदिर में नियमित रूप से विधिपूर्वक पूजा-पाठ शुरू हो गई है। एसडीएम ने कहा कि यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर दी गई हैं। मंदिर के पुजारी व पूरा स्टाफ चूड़धार पहुंच गया है। एसडीएम की ओर से जारी सूचना में यात्रा के शुरू होने की जानकारी के साथ चेतावनी भी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि चूड़धार के सभी रास्तों में अभी भी भारी बर्फ जमी हुई है इसलिए यात्रा जोखिमपूर्ण है। उन्होंने अपील की है कि यात्री संभलकर यात्रा करें।
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