ग्रो को मिला पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस

By: Apr 30th, 2024 11:42 pm

आरबीआई ने दी मंजूरी, नए उपभेक्ताओं तक बनेगी पहुंच

दिव्य हिमाचल ब्यूरो— नई दिल्ली

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ग्रो को पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस दे दिया है। अब पीए लाइसेंस मिल जाने के बाद कंपनी अपने यूपीआई एप ग्रो पे के जरिए ईकॉमर्स ट्रांजेक्शन कर सकेगी। बंगलुरु स्थित फाइनांशियल सर्विसेज कंपनी ग्रो अभी तक इनवेस्टमेंट और ब्रोकिंग सर्विसेज ऑफर कर रही थी। कंपनी ने पिछले साल जुलाई में ग्रो पे प्राइवेट लिमिटेड के नाम से अपनी यूपीआई सर्विसेज भी शुरू की थीं। कंपनी को थर्ड पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर लाइसेंस भी पिछले साल मिल गया था। अभी तक कंपनी यस बैंक के साथ मिलकर अपनी सेवाएं चला रही थी।

पेमेंट ऐप का फोकस बिजली और पानी के बिल और डीटीएच रिचार्ज पर था। इसके अलावा लोन और क्रेडिट कार्ड रीपेमेंट भी इस ऐप का जरिए ऑफर किए जा रहे थे। ग्रो को टाइगर ग्लोबल का समर्थन प्राप्त है। कंपनी क्रेडिट और पेमेंट सेक्टर में घुसने का प्रयास पिछले दो साल से कर रही थी। कंपनी की नजर उसके ट्रेडर्स पर है। वह इन्हें अपना कस्टमर बनाना चाहती है। अब पीए लाइसेंस मिल जाने के बाद वह नए कस्टमर्स तक भी पहुंच सकेगी। कंपनी ने एनबीएफसी लाइसेंस हासिल करने के बाद पर्सनल लोन बांटना शुरू किया था। पीए लाइसेंस की मदद से कोई भी कंपनी कस्टमर्स से मिलने वाले पेमेंट को मर्चेंट्स तक पहुंचा सकती है।

एक साल में इन्हें मिला लाइसेंस

आरबीआई ने पिछले साल से कई ऑनलाइन पेमेंट गेटवे कंपनियों को पीए लाइसेंस दिया है। इनमें ग्रो द्वारा समर्थित डिजीओ को जनवरी में यह लाइसेंस मिला था। इसके अलावा पेयू, क्रेड, एमस्वाइप, रेजरपे, सीसी एवेन्यू, कैशफ्री, जोहो, टाटा पे, गूगल पे, डिसेंट्रो और एनकैश को भी पीए लाइसेंस मिल चुका है।


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