देख-रेख न होने से हाइड्रो प्रोजेक्ट खा रहा जंग
जांगल,बग्गा, सिहुनी, कुठेड़ सहित कई गांवों में पेयजल और सिंचाई के लिए की होती थी आपूर्ति
निजी संवाददाता-जवाली
विधानसभा क्षेत्र जवाली के अधीन जांगल में जल शक्ति विभाग द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित हाइड्रो प्रोजेक्ट रामभरोसे है। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। इस परियोजना का शुभारंभ तत्कालीन मंत्री चौधरी चंद्र कुमार के द्वारा वर्ष 1995 में किया गया था। नियमित देख-रेख न होने के कारण इस प्रोजेक्ट में लगी तीन बड़ी मशीनों सहित अन्य छोटी मशीनों को जंग खा रहा है। इस प्रोजेक्ट से जांगल, बग्गा, सिहुनी, कुठेड़ सहित कई गांवों में पेयजल एवं सिंचाई के लिए जल की आपूर्ति की जाती थी लेकिन देखभाल के अभाव में अब इस प्रोजेक्ट के लोहे का गेट, मशीनें इत्यादि गायब हो गए हैं।
इस प्रोजेक्ट में कार्यरत कर्मचारियों के लिए बनाए गए आवास आवारा पशुओं के लिए रैन बसेरा बन गए हैं। बिजली आपूर्ति कट हो गई है। एक चौकीदार की ड्यूटी रात को लगाई जाती है जोकि बिजली न होने के कारण अंधेरे में रहने को मजबूर है। बुद्धिजीवियों ने बताया कि इस पानी के संग्रहण के लिए कई अलग-अलग गांवों में लगभग दस टैंक बनाए गए हैं लेकिन पानी के न पहुंचने के चलते यह सभी टैंक बिल्कुल खाली हैं। बुद्धिजीवियों ने जल शक्ति विभाग से मांग की है कि करोड़ों रुपए की लागत से बनी इस सिंचाई परियोजना को शुरू करवाया जाए।
अधिशाषी अभियंता के बोल
इस बारे में जल शक्ति विभाग जवाली के अधिषाशी अभियंता अजय शर्मा ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को यूनिवर्सल कंपनी द्वारा लगाया गया था तथा मैंने कंपनी को इसकी टेस्टिंग के लिए लिखा है। टेस्टिंग होते ही इस प्रोजेक्ट को शुरू करवाया जाएगा।
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