स्कूलों में एनटीटी शिक्षक नहीं तो कैसे होगी पढ़ाई
प्रदेश सरकार इस बार भी नहीं करवा सकी अध्यापकों की भर्ती ,असमंजस में बच्चों के अभिभावक
निजी संवाददाता-सुजानपुर
स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई का नया सेशन शुरू हो गया है और इस सैशन में भी सरकारी स्कूलों में बच्चों के दाखिले पांच अप्रैल से शुरू हो जाएंगें, लेकिन इस सत्र में भी नर्सरी में दाखिल होने वाले बच्चों की देखभाल और खेल में पढ़ाई के लिए नर्सरी अध्यापक नहीं मिलेंगे। वैसे तो हिमाचल में पिछली भाजपा सरकार के समय से स्कूलों में नर्सरी कक्षाएं शुरू कर दी थी, लेकिन उनके लिए पात्र नर्सरी अध्यापक नहीं रख पाए थे और यही हाल अब वर्तमान कांग्रेस सरकार का है। दोनों सरकारें नर्सरी टीचर रखने के लिए एनटीटी डिप्लोमा की पात्रता एक वर्ष या दो वर्ष के फेर में ही उलझी रहीं, जिस कारण एनटीटी टीचर की भर्ती नहीं कर पाई और उनकी जगह जेबीटी अध्यापकों से काम चलाया गया है जोकि इसके लिए पात्र नहीं हैं।
हिमाचल में अधिकांश एक वर्षीय एनटीटी डिप्लोमा धारक हैं इस भर्ती के लिए एनसीटीई के नियम के मुताबिक एनटीटी डिप्लोमा दो वर्षीय होना आवश्यक है। दोनों सरकारों ने एक वर्षीय एनटीटी डिप्लोमा धारक या आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को डायटों में ब्रिज कोर्स करवाकर नियुक्तियां देने का भी प्रपोजल बनाया, लेकिन वह भी कागजों तक ही सीमित रह गया और अब तक नियुक्तियां नहीं हो पाई। सैशन शुरू होने पर छात्रों के अभिभावक असमंजस की स्थिति में पड़ गए हैं। अभिभावकों में सुनील कुमार, आशा देवी, नीरज, अंजना इत्यादि का कहना है कि वह अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में नर्सरी में दाखिल करवाना चाहते हैं, लेकिन कैसे दाखिल करवाएं। क्योंकि वहां पर प्रशिक्षित एनटीटी अध्यापक कार्यरत ही नहीं है। दोनों सरकारें नर्सरी टीचर रखने के लिए एनटीटी डिप्लोमा की पात्रता एक वर्ष या दो वर्ष के फेर में ही उलझी रहीं, जिस कारण एनटीटी टीचर की भर्ती नहीं कर पाई और उनकी जगह जेबीटी अध्यापकों से काम चलाया गया है जोकि इसके लिए पात्र नहीं हैं।
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