मिड डे मील, आंगनबाड़ी, आशा वर्कर्स खोलेंगी मोर्चा

By: Apr 29th, 2024 12:16 am

निजी संवाददाता-सरकाघाट
सीटू से सबंधित मजदूरों की विभिन्न यूनियनें 1 मई को सरकाघाट में मजदूर दिवस मनाने का निर्णय रविवार को हुई बैठक में लिया गया। बैठक सीटू के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह और मिड डे मील यूनियन की अध्यक्षा बिमला देवी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सीटू से जुड़ी मिड डे मील, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मनरेगा एवं निर्माण मजदूर तथा सफ ाई मजदूर यूनियनें 1 मई से आगामी लोकसभा चुनावों के लिए सीटू द्वारा मजदूरों के लिए जारी किए गए मजदूरों के घोषणा पत्र को सभी यूनियन सदस्यों में तथा आम जनता में वितरित करने के लिए अभियान चलाया जाएगा जो 30 मई सीटू के स्थापना दिवस तक जारी रहेगा। इस अभियान में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा मिड डे मील, आंगनबाड़ी, आशा वर्करों के साथ द्वारा किए गए सौतेले व्यवहार और उन्हें सरकारी कर्मचारी न बनाने के मद्देनजर उन्हें जागरूक किया जाएगा। दूसरी ओर केंद्र सरकार ने मनरेगा योजना के लिए जरूरी डेढ़ लाख करोड़ बजट को घटा कर साठ हजार करोड़ रुपए कर दिया है जिसके चलते अब मजदूरों को निर्धारित सौ दिनों से स्थान पर 40 से 50 दिनों का ही काम मिल रहा है। मोदी सरकार मनरेगा मजदूरों को मात्र 212 रु पए दैनिक मजदूरी दे रही है जो उनके साथ भद्दा मजाक और उनका शोषण है। जबकि महंगाई दर और अन्य दिहाड़ीदार मजदूरों के दैनिक मजदूरी से इसकी तुलना करें तो ये उससे आधी से भी कम है।

इसी प्रकार सफ ाई मजदूरों रेहड़ी फ हड़ी और अन्य मजदूरों के साथ भी मोदी सरकार ने न्याय नहीं किया है। जो मिड डे मील मजदूर पिछले बीस साल से स्कूलों में बच्चों को खाना बना रहे हैं उन्हें अब 25 बच्चों की शर्त लगाकर छंटनी किया जा रहा है जबकि नई शिक्षा नीति के तहत पहले जो बच्चे आंगनवाड़ी केंद्रों में जाते थे अब उन्हें भी स्कूलों में भेजा जा रहा है और मिड डे मील वर्करों का काम डब्बल हो गया है क्योंकि छोटे बच्चों की देखभाल करना और उन्हें खाना खिलाना थोड़ा मुश्किल का काम है जबकि आंगनबाड़ी केंद्रों में इसके लिए हेल्पर नियुक्त की गई है। लेकिन इस कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व हेल्पर्ज की नॉकरी कभी भी समाप्त हो सकती है वहां पर अब बच्चे नहीं होंगे। इसलिए नई शिक्षा नीति भी आंगनबाड़ी और मिड डे मील वर्कर विरोधी है। बैठक में निर्णय लिया गया कि धर्मपुर और गोपालपुर खंडों में दस हजार पर्चे इस अभियान के तहत घर घर जाकर वितरित किए जाएंगे और सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का पर्दाफाश किया जायेगा और इस मजदूर विरोधी सरकार को हराने की अपील मजदूरों और आम जनता से की जाएगी। बैठक में रेवती, रीना, सोमा, सुषमा, सरोज, लता, चंचला, निशा, बिमला देवी, राजो देवी इत्यादि ने भाग लिया।


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