कांगड़ा में रेलवे कनेक्टिविटी पर कोई काम नहीं

By: Apr 12th, 2024 12:55 am

धर्मशाला के इकलौते बुकिंग सेंटर पर नहीं मिलती टिकट, अकसर लिंक फेल हो जाने से मायूस लौट रहे यात्री

पवन कुमार शर्मा-धर्मशाला
कांगड़ा घाटी में पर्यटन विकास के नाम पर सरकारें और उनके नेता बड़े-बड़े दावे तो करते हैं पर रेलवे विकास के लिए कोई खास काम नहीं हो पाया है। पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलवे लाइन तो ब्राडगेज नहीं हो पाई पर रेलवे में सफर करने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए दशकों से चल रहे रेलवे आरक्षण केंद्र को भी आधुनिक सुविधाओं से लैस नहीं किया गया। जिसके चलते धर्मशाला स्थित रेलवे आरक्षण केंद्र में अकसर लिंक फेल हो जाने से यात्रियों को बिना बुकिंग मायूस होकर ही लौटना पड़ता है। ऐसे में अब लोग सरकारों और नेताओं की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहे हैं कि दशकों बाद भी रेलवे कनेक्टिविटी पर काम क्यों नहीं हो पाया। न तो पठानकोट-मंडी जोगिंद्रनगर रेलवे लाइन को दशकों बाद भी ब्राडगेज किया गया और न ही नैरोगेज लाइन को ठीक से मेंटेन कर पुरानी रेलवे व्यवस्था को पटरी पर लाया जा रहा है।

रेलवे सस्ता और सुगम यातायात का साधन है। जिसमें गरीब लोग भी आसानी से आवागमन कर पाते हैं। कांगड़ा-चंबा और मंडी जिलों के लोगों को रेलवे की यही एकमात्र सुविधा है। लेकिन इस दिशा में पिछले कुछ दशकों से कोई बड़ा काम नहीं हो पाया है। धर्मशाला स्थित रेलवे आरक्षण केंद्र में यात्रि सुबह अंधेरे में ही लाइनों में खड़े हो जाते हैं। घंटो इंतजार और लंबी कतारों में लगने के बाद जब काउंटर खुलता है तो अंदर से जवाब आता है कि लैन से लिंक नहीं जुड़ रहा है। रेलवे विभाग की लचर व्यवस्था के कारण धर्मशाला से देश के विभिन्न हिसों के लिए बुकिंग करवाने वाले सेना के जवान, केंद्रीय विवि के अधिकारी कर्मचारियों सहित विभिन्न निजी व सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले अधिकारी एवं कर्मचारी ही नहीं सैलानी भी कई वार इस व्यवस्था से परेशान होते हैं। -एचडीएम

आरक्षण केंद्र धर्मशाला के प्रभारी के बोल
रेलवे आरक्षण केंद्र धर्मशाला के प्रभारी देस राज का कहना है कि लिंक फेल होने के कारण ऐसी समस्या आती रहती है। विभाग के ध्यान में मामला लाया गया है। आने वाले समय में इसका समाधान हो जाएगा।

रेलवे विभाग की लचर व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
रेलवे की अकसर लिंक फेल होने की व्यवस्था से परेशान, रवि कुमार ने बताया कि वह बिहार के गया के लिए बुकिंग करवाने को धर्मशाला सेंटर में पहुंचे हुए थे। उन्होंने चार टिकट लेने थे। गोरखपुर के संतोष चौहान ने बताया कि वह भी अपने परिवार के पांच सदस्यों की बुकिंग उतर प्रदेश के लिए करवाने को केंद्र में आए थे, लेकिन लिंक फेल होने से काम नहीं बन पाया। अमृत शाह और राम सहाय शाह सहित उनके साथियों को भी गुरुवार को धर्मशाला स्थित रेलवे आरक्षण केंद्र से मासूस होकर लौटना पड़ा। ऐसा पहली बार नहीं हुआ बल्कि अकसर होता है और यात्री परेशान होकर रेलवे विभाग की लचर व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं।


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