अब पियोनी फूल से बढ़ेगी किसानों की आमदनी

By: Apr 18th, 2024 12:14 am

कार्यालय संवाददाता-पालमपुर
हिमालयन जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान ने पियोनी फूल पर काम करने की योजना तैयार की है। पहले चरण में पियोनी परीक्षणों ने आशाजनक परिणाम प्रदर्शित किए हैं, जिससे भविष्य में किसानों के बीच इस आकर्षक फसल की खेती की उम्मीदें जगी हैं। फूलों की खेती से किसानों की आर्थिकी मजबूत करने का प्रयास कर रहे संस्थान में अब पियोनी फूलोत्पादन पर नजरें गढ़ाई हैं। महंगे दाम पर बिकने वाले पियोनी फूल की बाजार में बहुत मांग है और और फिलवक्त देष में यह फूल नीदरलैंड से आयात किया जाता है। यह फूल ठंडी जलवायु में तैयार होता है और वैज्ञानिकों के अनुसार इसकी प्रदेश में पैदावार हो सकती है। पियोनी फूल की एक डंडी की कीमत बाजार में 350 रुपए के करीब है और प्रदेश में इसकी खेती फूलोत्पादकों के लिए नई संभावनाएं बनाएगी। पियोनी सबसे पसंदीदा और लोकप्रिय फूलों में से एक है इसीलिए इसके बाजार में बढिय़ा दाम मिलते हैं।

इसका उपयोग भव्यता और सजावट के लिए खासतौर पर किया जाता है। रंग के आधार पर पियोनी के कई अर्थ होते हैं। पियोनी फूल को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। चीन और जापान में खिलने का मतलब धन, सम्मान और भाग्य से है। शोधकर्ताओं की एक टीम ने भारतीय हिमालयी क्षेत्र में इस उच्च मूल्य वाली फसल की खेती की व्यवहार्यता का आकलन करने के लिए पियोनी पर परीक्षण शुरू किया। वैज्ञानिक डा. भव्या भागर्व ने बताया कि क्षेत्र की अनुकूल जलवायु और मिट्टी की स्थितियों के साथ-साथ सावधानीपूर्वक अनुसंधान और विकास प्रयासों से उल्लेखनीय परिणाम सामने आए हैं। गौर रहे कि इससे पहले ट्यूलिप फूलों की खेती में संस्थान ने सफलता पाई है और पालमपुर के ट्यूलिप गार्डन ने देश-विदेश तक पहचान बनाई है।

आईएचबीटी के निदेशक के बोल
आईएचबीटी के निदेशक डाक्टर सुदेष कुमार यादव ने बताया कि सीएसआईआर-आईएचबीटी में पियोनी परीक्षणों की सफलता कृषि और आर्थिक लक्ष्यों के अनुरूप नई फसलों की खोज के महत्त्व को भी रेखांकित करती है। पहले चरण में आए परिणाम प्रात्साहजनक हैं। पियोनी के फूलों की बढ़ती वैश्विक मांग के साथ, भारत में पियोनी की सफल खेती किसानों के लिए आय के नए रास्ते खोल सकती है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App