नाहन में अतिक्रमण से सिकुड़ी गलियां-सडक़ें

By: Apr 29th, 2024 12:17 am

नगर परिषद-जिला प्रशासन-पुलिस की सुस्त कार्यप्रणाली से तहबाजारियों के हौसले बुलंद

सूरत पुंडीर – नाहन
सिरमौर जिला के मुख्यालय नाहन में नगर परिषद की गलियों व सडक़ों पर अतिक्रमण पूरी तरह से बेलगाम है। लाख कोशिशों के बावजूद भी न तो इस मामले में नगर परिषद कोई प्रयास कर रही है न ही पुलिस व प्रशासन इस दिशा में कोई कदम उठा रहा है। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव के चलते नाहन शहर के लोग नाहन शहर की गलियों व सडक़ों पर अतिक्रमण हटाए जाने को एक बड़ा मुद्दा मानकर चल रहे हैं। दशकों से नगर परिषद नाहन अपने आपको असहाय महसूस कर रही है। नगर परिषद, जिला प्रशासन व पुलिस संयुक्त रूप से नाहन शहर को अतिक्रमण से निजात दिलाने में यदि प्रयास करे तो इस समस्या से नाहन शहर के लोगों को निजात मिल सकती है। हालत यह है कि बेहद ही तंग पहाड़ी संरचना वाले नाहन शहर की गलियों व सडक़ों पर जहां व्यापारियों का कब्जा रहता है तो वहीं शेष बची गलियों व सडक़ों पर उन्हीं व्यापारियों के दोपहिया वाहन व अन्य वाहन खड़े होकर सीना तान कर कहते हैं कि हमें किसी का डर नहीं है। नाहन शहर के मुख्य बाजार की हालत तो यह है कि यहां के व्यापारी यहां की गलियों में अपनी दुकानों के बाहर का हिस्सा भी अपना मानते हैं।

इसके अलावा नाहन शहर के मालरोड, नया बाजार, अमरपुर मोहल्ला, कुम्हार गली, वाल्मीकि नगर, गोबिंदगढ़ मोहल्ला, रानीताल का हिस्सा, कच्चा टैंक आदि की सडक़ें ऐसी हैं जहां पर व्यापारी अपनी दुकानों के बाहर लोगों को न तो खड़े होने की इजाजत देते हैं न ही वाहनों को इन स्थानों पर पार्क करने दिया जाता है। ऐसे में नाहन शहर के लोग व्यापारियों के आगे अपने आपको बेसहारा मानकर भगवान भरोसे बैठे हैं। शहर के अतिक्रमण पर करीब दो वर्ष पूर्व नगर परिषद के तत्त्कालीन कार्यकारी अधिकारी ने सराहनीय कार्य करते हुए जेसीबी व हथौड़ा चलाकर काफी हद तक अतिक्रमणकारियों पर सरकारी खौफ पैदा कर दिया था। गुन्नूघाट से यदि बड़ा चौक, छोटा चौक, दिल्ली गेट की ओर जाना हो तो अकसर व्यापारियों के सामान के अलावा उनके दुकानों के बड़े-बड़े पैकट दुकानों के बाहर गलियों में दिन भर सीना तानकर खड़े रहते हैं।

ऐसा नहीं है कि नगर परिषद व जिला प्रशासन के साथ-साथ पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है। शहर के नया बाजार व अमरपुर मोहल्ला की हालत तो ऐसी है कि यहां पर दुकानदारों ने अपनी की दुकानों के बाहर पार्किंग भी बना ली है। यदि इन स्थानों पर से व्यापारी अपनी कार को कुछ समय के लिए हटाते हैं तो वहां पर अपना वर्चस्व दिखाने के लिए अपने ही दोपहिया वाहन को खड़ा कर दिया जाता है। शहर के प्रबुद्ध नागरिकों का कहना है कि एक ओर तो शहर की तंग गलियां रियासतकाल से यहां की धरोहर है तो वहीं व्यापारियों का अतिक्रमण शहरवासियों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है। वर्तमान नगर परिषद इस मामले में ओर भी फिसड्डी साबित हो रही है। नगर परिषद का प्रशासनिक अमला व नगर परिषद के नेता भी शहर में अतिक्रमण को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसे में नाहन शहर की गलियों व सडक़ों पर पैदल चलने वाले लोगों के लिए चलना किसी खतरे से खाली नहीं है। गौर हो कि नगर परिषद नाहन द्वारा बीते दिनों नगर परिषद कार्यालय के पास बहुमंजिला पार्किंग तो शुरू कर दी है बावजूद इसके लोगों के अधिकांश वाहन अभी भी सडक़ों पर खड़े कर अतिक्रमण को अंजाम दिया जा रहा ।- एचडीएम

नगर परिषद समय-समय पर अतिक्रमणकारियों के चालान करता है। क्योंकि नाहन शहर काफी संकरी गलियों वाला है ऐसे में यहां पर व्यापारियों के सहयोग की प्रशासन व नगर परिषद को अपेक्षा रहती है। अतिक्रमण का समाधान व्यापारियों का नगर परिषद को सहयोग है।
संजय तोमर, कार्यकारी अधिकारी नप, नाहन


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