सियासत के मैदान में बड़े चेहरों का इम्तिहान

By: May 8th, 2024 12:08 am

चुनावों में पार्टी को जीत दिलाने के लिए दोनों दलों के दिग्गजों ने संभाला मोर्चा

लोकसभा चुनाव में चारों सीटों पर बड़े नेताओं के रसूख का दांव लग गया है। कांगड़ा से शिमला तक ऐसे चेहरे, जो राजनीति की धुरी रहे हैं, अब अपने बूते जीत दर्ज करने निकल पड़े हैं। इस बार चुनाव में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह समेत पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार और प्रेम कुमार धूमल के साथ जयराम ठाकुर का भी इम्तिहान हो रहा है। दोनों ही राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं को चुनाव में जीत दिलाने की जिम्मेदारी मिली है। ऐसे में जीत का सेहरा और हार का ठीकरा स्थानीय नेताओं के सिर पर ही फूटेगा। यही वजह है जो बड़े नेता पूरी शिद्दत के साथ चुनाव में उतर गए हैं। — राकेश शर्मा

कांगड़ा में दस साल बाद शांता बनाम चंद्र कुमार

समय के चक्र ने कांगड़ा में एक बार फिर फिर पूर्व सीएम शांता कुमार और कृषि मंत्री चंद्र कुमार को एक-दूसरे के सामने लाकर खड़ा कर दिया है। शांता कुमार ने चंद्र कुमार को आखिरी बार 2014 के चुनाव में एक लाख 70 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। इससे पहले 2004 में चंद्रकुमार ने शांता कुमार को 17, 791 मतों से हराया था। इस बार कांग्रेस ने यहां हैवीवेट आनंद शर्मा को टिकट दी है और कांग्रेस ने कृषि मंत्री चंद्रकुमार को प्रभारी बनाया है। जबकि राजीव भारद्वाज को टिकट मिलने के बाद शांता कुमार दोबारा सक्रिय हो गए हैं।

मंडी में जयराम ठाकुर और प्रतिभा सिंह का इम्तिहान

मंडी संसदीय क्षेत्र प्रदेश की सबसे हॉट सीट बन गई है। यहां कंगना रणौत की राजनीतिक पारी को पार लगाने का पूरा दारोमदार पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कंधों पर है। मंडी जिला से भाजपा को बढ़त मिलती रही है, जबकि जनजातीय क्षेत्रों में कांग्रेस का पलड़ा भारी रहता है। 2021 का उपचुनाव प्रतिभा सिंह ने 8766 वोटों से जीता था। प्रतिभा सिंह का वोट शेयर 49.23 फीसदी था, जबकि भाजपा के उम्मीदवार ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर को 48.05 फीसदी वोट मिले थे। कांग्रेस को जनजातीय क्षेत्रों से लोगों का भारी समर्थन मिला था। जबकि मंडी जिला में भाजपा को लीड मिली थी।

अनुराग और धूमल बनाम सीएम और डिप्टी सीएम

हमीरपुर संसदीय सीट में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर खुद में बड़ा चेहरा और स्टार प्रचारक हैं, जबकि यहां पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का रसूख भी अनुराग ठाकुर को मददगार साबित हो सकता है। अनुराग ठाकुर ने 2008 में 63.94 फीसदी से उपचुनाव में जीत दर्ज कर अभियान की शुरूआत की थी और 2019 के लोकसभा चुनाव में उनका मतप्रतिशत बढक़र 69.04 फीसदी पहुंच गया है। अनुराग के सामने कांग्रेस ने भले ही ऊना से पूर्व विधायक सतपाल रायजादा को मैदान में उतारा है, लेकिन यहां उनका मुकाबला मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से है। हमीरपुर सीएम सुक्खू का गृह जिला है तो ऊना में मुकेश अग्निहोत्री डेरा डाले बैठे हैं।

शिमला में पूरी सरकार का भाजपा से मुकाबला

शिमला संसदीय सीट पर भले ही चुनाव का उतना रोमांच न हो, लेकिन सरकार के रसूख का सबसे बड़ा इम्तिहान इसी सीट पर हो रहा है। कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी को मैदान में उतारने के साथ ही मुख्यमंत्री सुक्खू उनके साथ प्रचार अभियान का आगाज कर चुके हैं। शिमला संसदीय क्षेत्र में सोलन से धनी राम शांडिल, सिरमौर से हर्षवर्धन चौहान, शिमला से रोहित ठाकुर, अनिरुद्ध सिंह और विक्रमादित्य सिंहपांच मंत्री हैं। वहीं, तीन सीपीएस भी इसी संसदीय क्षेत्र से हैं। यहां कांग्रेस का मुकाबला भाजपा के पूर्व सांसद सुरेश कश्यप से है। पूरी सरकार को ही शिमला सीट पर इम्तिहान देना है।


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