एनएच पर रेहडिय़ों की भरमार, लग रहा लंबा जाम

By: May 6th, 2024 12:13 am

जिला में एक करोड़ से बना बेंडर जोन, दुकानें नहीं हुईं आबंटित, नगर परिषद की सुस्त कार्यप्रणाली पड़ रही भारी
नगर संवाददाता-ऊना
जिला प्रशासन व नगर परिषद की सुस्त कार्यप्रणाली के चलते एक करोड़ रुपए से निर्मित वेंडर जोन आज सुनसान पड़ा हुआ है। पहले चरण में वेंडर जोन में 80 दुकानें में से 60 दुकानें बनकर तैयार हो चुकी है। दुकानदारों व अन्य लोगों की सुविधा को देखते हुए सार्वजनिक शौचालय भी तैयार कर दिए गए है। लेकिन सरकार व प्रशासन की बेरुखी के वेंडर जोन में बनी दुकानें पंजीकृत रेहड़ी फहड़ी वालों में आबंटित नहीं हो पाई। आलम यह है कि आज भी नेशनल हाईवे व शहर के विभिन्न स्थानों पर रेहडिय़ां सजी हुई हैं। जिससे ट्रैफिक व्यवस्था तो प्रभावित हो रही है। वहीं सरकार व प्रशासन की ढिलमुल कार्रवाई का खामियाजा रेहड़ी फहड़ी वालों को भुगतना पड़ रहा है। आए दिन पुलिस, नप व एनएच विभाग द्वारा रेहड़ी संचालकों के खिलाफ कार्रवाई कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। आखिर रेहड़ी फहडी वाले कहां रेहड़ी लगाए? वेंडर जोन में दुकानें बनने के बाद भी आखिर क्यों पंजीकृत रेहड़ी फहड़ी वालों को दुकानें आबंटित नहीं हो पा रही है? यह सवाल रेहड़ी फहड़ी संचालकों सहित अन्य लोगों के जहन में उठ रहा है।

ऊना मुख्यालय के सभी मुख्य बाजारों, हाईवे पर लगी रेहडिय़ों-फहड़ी लगाने वाले लोगों को पक्कड़ी दुकानें मुहैया करवाने के लिए पूर्व सरकार के समय वर्ष 2021 में एक करोड़ रुपए से वेंडर जोन का काम शुरु हुआ था। हालांकि शुरुआत में नगर परिषद द्वारा वेंडर जोन का काम काफी तेजी से किया गया। नगर परिषद ने 51 दुकानें पहले वर्ष में ही तैयार कर ली थी। वहीं अब 29 दुकानें बनाने के लिए नगर परिषद द्वारा काफी समय लगाया जा रहा है। अभी तक कुल 60 दुकानें तैयार की जा चुकी है। 20 दुकानों का काम चला हुआ है। लेकिन पूरी तरह से तैयार हो चुकी दुकानें भी नगर परिषद आबंटित नहीं कर पाया। हालात यह है कि शहर में हाईवे किनारे हर जगह-जगह रेहडिय़ों का सम्राज्य देखने को मिल रहा है। रोजाना लंबा जाम लगा रहता है। पैदल राहगीरों को पैदल चलने के लिए फुटपाथ तक नहीं बचे है। ऊना शहर के रेड लाईट चौक के समीप ऊना-नंगल मार्ग, ऊना-हमीरपुर मार्ग, आईएसबीटी ऊना, रोटरी चौक, पुराना होशियारपुर मार्ग, अंब-रोड़ पर दर्जनों के हिसाब से रेहडिय़ां सजी हुई है। ऊना-नंगल मार्ग पर तो हालत सबसे ज्यादा खराब है। जहां पर एक साथ सैकड़ों रेहडियां लगी हुई है। जिससे वहां हर समय हादसों का भय बना रहता है।

दुकानें आबंटित होने से ही होगा समस्या का समाधान
नगर परिषद द्वारा तैयार किए गए वेंडर जोन में पंजीकृत रेहड़ी वालों को पक्की दुकानें आबंटित करने से शहर में काफी हद तक जाम से मुक्ति मिल पाएगी। वहीं पक्का ठिकाना मिलने के बाद रेहड़ी वालों को भी पुलिस व अन्य विभागों की कार्रवाई का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।

कई दुकानदार रेहड़ी लगाने के ले रहे मोटे पैसे
अपने बच्चों को दो वक्त की रोटी का प्रबंध करने के लिए रेहड़ी वालों को जहां प्रशासन की कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। वहीं रेहड़ी लगाने के लिए कोई जगह न होने के कारण दुकानों के आगे या किसी की भूमि पर रेहडिय़ां लगानी पड़ रही है। ऐसे में कई दुकानदार इन रेहड़ी वालों से रोजाना मोटी राशि वसूल रहे हंै।

ऊना शहर में है 180 पंजीकृत रेहड़ी संचालक
ऊना शहर में करीब 180 पंजीकृत रेहड़ी वाले हैं। अधिकतर रेहडिय़ां व्यस्त सडक़ मार्गों के किनारे लग रही है। ऐसे में जहां रोजाना जाम की स्थिति बन रही है। वहीं राहगीरों को भी चलने के लिए फुटपाथ तक नहीं बचे है। लोगों को मजबूरी में सडक़ पर चलने को मजबूर होना पड़ रहा है। जिससे हर समय हादसों का भय बना हुआ है।


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