हंसी-खुशी घर आ रहे थे… लाशें बन गए

By: Jul 5th, 2017 12:10 am

news newsथुनाग —  बेटी को ससुराल छोड़ लौट रहे माता-पिता के आंसू अभी थमे ही थे कि च्यूणी के पास अनहोनी हो गई। लड़की के माता-पिता और रिश्तेदारों ने खुद परिजनों व ग्रामीणों को मौत के मुंह में जाते हुए देखा। चियूणी से लौट रहे मायके पक्ष के लोगों से भरी हुई बस देखते ही देखते लुढ़क गई और शादी की खुशियों के बीच चीखों पुकार ने जगह ले ली। खुशी का माहौल अफरा-तफरी में बदल गया। मौके पर मदद के हाथ कम पड़ गए। मंगलवार को शाम साढे़ पांच बजे हुए दुख बस हादसे में कइयों की जान चली गई तो कई घायल हो गए। यह हादसा चैलचौक के सलाहर गांव के ग्रामीणों और बेटी की शादी करने वाले परिवार व उनके परिजनों को उम्र भर की टीस दे गया है। चैलचौक के सलाहर गांव के हरनाम अपने रिश्तेदारों व ग्रामीणों को लेकर बेटी के घर गए थे, लेकिन वापस लौटते समय उनकी बस दुर्घटना का शिकार हो गई। यह तो गनीमत रही कि लकड़ी का परिवार व कुछ अन्य परिजन छोटे वाहनों में थे। इस कारण मौके सुरक्षित लोगों ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया। हादसे के बाद बस के नीचे दबी जिंदगियों को बचाने के लिए परिजनों ने हाथ बढ़ाए। कुछ घायलों को लोग बस के नीचे से निकालने में कामयाब रहे, तो कुछ को मौत के मुंह में जाते हुए देखने को मजबूर थे। हादसे के बाद सबसे पहले बस के पीछे चल रहे मायका पक्ष के लोगों ने ही राहत व बचाव कार्य शुरू किया। बताया जा रहा है कि मायके पक्ष के लोग चैलचौक के सलाहर गांव से चियूणी धाम के लिए गए थे और धाम के आयोजन के बाद बेटी को विदा कर सलाहर लौट रहे थे। पेड़ पर्यावरण ही नहीं हिमाचल में जिंदगियां भी बचा रहे हैं। चियूणी हादसे में यह एक बार फिर साबित हो गया।

अढ़ाई घंटे बस तले दबी रही युवती

चियूणी-  हादसे के बाद बस में कई जिंदगियां दबी रहीं। इनमें कुछ ने दम तोड़ दिया, जबकि करीब 19 साल की एक लड़की पल्लवी करीब अढ़ाई घंटे तक मौत से लड़ती रही। मौके पर मदद के लिए पहुंचे सैकड़ों लोग लड़की को मौत के मुंह में जाते हुए देखने को मजबूर थे। बस के नीचे लड़की की एक टांग बुरी तहर फंस चुकी थी कि बिना उठाए उसे निकाला नहीं जा सकता था। लड़की के साथ ही बस के नीचे दबा चालक दम तोड़ चुका था। स्थानीय प्रशासन को भी मौके पर जेसीबी पहुंचाने के लिए दो घंटे लग गए। दो घंटे बाद जब जेसीबी मौके पर पहुंची तो कड़ी मशक्कत के बाद लड़की को बस के नीचे से निकाला गया।

पलक झपकते ही खाई में समाई बस

प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष-जिला प्रवक्ता ने सुनाया आंखों देखा हाल

 मंडी —  बेटी के सुसराल से लौट रहे मायके वालों को लेकर पांच छोटे वाहन और एक बस चैलचौक के चली जा रही थी। चियूणी से तीन किलोमीटर आगे आते ही बस ढलान से नीचे की तरफ लुढ़क गई। इस बस के ठीक पीछे एक छोटे वाहन में आ रहे राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ मंडी के प्रधान प्रेम सिंह ठाकुर व जिला प्रवक्ता विचित्र सिंह ने अपनी आंखों से बस को गिरते हुए देखा। बस को गिरता देख कर दोनों की आंखों के आगे अंधेरा छा गया। इससे पहले की वह कुछ कर पाते दर्दनाक बस हादसे के जंगल में चीखों पुकार गूंज उठी।  पलभर में बस पलटते ही बच्चों, महिलाओं के अलावा अन्य का रोना, चिलाना शुरू कर दिया। इस दौरान कोई बस के नीचे फंस गया, तो कोई बस के अंदर से चिल्ला रहा था।  प्रेम  सिंह ठाकुर ने बताया कि बस अचानक एक सड़क से नीचे की तरफ गिर गई।

निरी के ग्रामीणों ने की मदद

घटना का पता लगते ही पास के निरी सुनाह गांव के लोगों मौके पर पहुंच मदद के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने लोगों को बाहर निकाला।

हादसे में ये लोग हुए घायल

नेत्र सिंह (40) पुत्र माया राम गांव कांढा, चेतन लता (24) पत्नी लीलाधर गांव गुलाठी, विश्वनाथ (50) पुत्र प्यारे राम गांव झरेड़, धनेश्रु देवी (45) पत्नी विश्वनाथ, दयावंति (24) पुत्री परस राम गांव खारसी, धनी देवी (46) पत्नी केसर सिंह गांव जाही, दासी देवी (60) गांव तलाउट, विमला देवी (33) पत्नी ज्ञान चंद, दुबदी देवी (26) पत्नी देवेंद्र नाथ, गांव थलाहर, निर्मला देवी (43) जीत सिंह गांव कौलाउट, किरणा देवी (22) पुत्री परस राम गांव तांडी, पद्मा देवी (43) पत्नी नरेश कुमार गांव कांढा, लीलाधर (52) पुत्र नेत्र सिंह गांव कुलाची कांढा, उत्तम देवी (43) पत्नी अमर सिंह गांव रक्क्ड़, सवित्री देवी (50) पत्नी गोपाल सिंह गांव रक्कड़, शांता देवी (43) पत्नी चमन लाल गांव रक्कड़ के रूप में हुई है।


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