बाबा साहेब के रास्ते पर चलते तो देश में ऐसे हालात न होते
धर्मशाला — केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के कृतित्व और व्यक्तित्व पर आयोजित 15 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का सोमवार को समापन किया गया। इसमें सरकार जीडीपी के आंकड़ों में बड़ी-बड़ी इमारतों के निर्माण और अन्य संस्थाओं के विकास की बात होती है, तो इसमें गरीब किसी भी सूची में कहीं नहीं दिखता। कार्यशाला में कार्यक्रम के अध्यक्ष अश्वनी महाजन ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों के अनुसार मजदूरों की हिस्सेदारी लगातार कम हो रही है और मालिकों का हिस्सा बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब के बताए रास्तों पर कार्य किया जाता तो आज के दौर में यह स्थिति न आती। श्री महाजन ने कहा कि आज के दौर में जो वर्ग उपेक्षितों की राजनीति करके सत्ता में आते हैं, वे उनके हितों के लिए काम नहीं करते। यही वजह है कि अंबेडकर के चिंतन का विकास नहीं हो सका। कार्यक्रम की शुरुआत में भीमराव अंबेडकर पीठ के चेयरमैन प्रो. बलवान गौतम ने वर्कशॉप की रिपोर्ट पेश की। 15 दिवसीय सेमिनार के दौरान प्रो. विद्युत चक्रवर्ती, प्रो. संजीव शर्मा, डा. संजय पासवान, अशोक मेड़े, रमेश पतंगे, प्रोफेसर सुषमा यादव व प्रो. पवन शर्मा मौजूद रहे। समापन समारोह के दौरान पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति एवं प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक प्रो. अशोक सरयाल व हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के सम कुलपति हंसराज शर्मा मौजूद रहे। कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के उपरांत अतिथियों की मौजूदगी में पौधारोपण भी किया गया।
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