नहीं हुआ डीएलएड को पंजीकरण
शिमला — केंद्र की ओर से डीएलएड की अनिवार्यता ने शिक्षकों में असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। 30 सितंबर को डीएलएड के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि थी, लेकिन सर्वर डाउन होने के कारण सैकड़ों शिक्षक अपना पंजीकरण नहीं करवा पाए। इस व्यवस्था से शिक्षकों में विभाग के प्रति गहरा रोष है। शिक्षकों का कहना है कि पंजीकरण कराने के लिए बहुत कम समय दिया गया। केंद्र की नोटिफिकेशन बहुत देर बार वेबसाइट पर अपलोड हुई। इस बारे में शिक्षकों को कोई स्पष्ट निर्देश भी विभाग समय रहते नहीं दे पाया। कुछ शिक्षकों का मामला कोर्ट में भी लंबित है। इन शिक्षकों का कहना है कि जब 2010 में एक्ट लागू हुआ, तो प्रदेश सरकार ने सात साल तक इसमें क्यों छूट नहीं मांगी। शिक्षकों के मुताबिक विभाग ने अपने सिर से बला टालते हुए शिक्षकों को अपने स्तर पर एनआईओएस में पंजीकरण करवाने के निर्देश जारी किए। प्रदेश में ऐसे सैकड़ों शिक्षक हैं, जिन्हें केंद्र के निर्देशों की जानकारी ही नहीं है। शिक्षकों का कहना है कि इस दौरान ओडिशा और उत्तर प्रदेश सरकार ने भी आरटीई एक्ट में शिक्षकों के लिए छूट देने की मांग भारत सरकार से की थी। वर्ष 2010 में दोनों राज्यों ने यह कसरत की थी, लेकिन हिमाचल सरकार ने सात सालों तक इस बारे में कुछ नहीं किया और अब शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है।
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