सतलुज 90 किलोमीटर का सफर तय करती है बिलासपुर में

By: Feb 7th, 2018 12:05 am

सतलुज नदी जिला बिलासपुर में लगभग 90 किलोमीटर का रास्ता तय करती है, जहां यह कसोल कस्बे में जिला में प्रवेश कर तथा ‘नैला’ गांव में जिला को छोड़कर पंजाब राज्य में प्रवेश करती है। सतलुज घाटी में कई प्रकार की वनस्पति व वन्य जीव पाए जाते हैं…

बिलासपुर

त्यून धार : कुल लंबाई 10 किलोमीटर है। इस शृंखला की सबसे ऊंची चोटी सरयूं चोटी है, जिसकी समुद्रतल से ऊंचाई 1350 मीटर है। यहां पर सरयूं नौरानगढ़ व त्यून का किला तथा पीरव्याणू, हरम्बा देवी तथा सिद्ध गुरुनाथ के मंदिर स्थित हैं। बंदला धार : लंबाई 17 किलोमीटर है। इस शृंखला की चोटी की समुद्रतल से अधिकतम ऊंचाई 1375 मीटर है। बहादुरपुर धार : इस शृंखला को अलीखड्ड दो हिस्सों में बांटती है। इसका उत्तरी भाग ‘ततोह’ तथा दक्षिण को बहादुर पुर कहते हैं। बहादुरपुर किला इसी शृंखला में स्थित है, जिसकी समुद्रतल से ऊंचाई 1980 मीटर है। यह किला कहलूर के राजा विजय चंद का ग्रीष्मकालीन विश्राम स्थल था।

रत्नपुर धार : कुल लंबाई 11 किलोमीटर है। इसी शृंखला में ही समुद्रतल से 1230 मीटर की ऊंचाई पर रतनपुर किला स्थित है। इसी किला में अपना आधार बनाकर अंग्रेज जनरल आक्टरलोनी ने गोरखा कमांडर अमर सिंह थापा को हराया था।

जिला बिलासपुर में तीन प्रमुख घाटियां हैं-

सतलुज घाटी : सतलुज नदी जिला बिलासपुर में लगभग 90 किलोमीटर का रास्ता तय करती है, जहां यह कसोल कस्बे में जिला में प्रवेश कर तथा ‘नैला’ गांव में जिला को छोड़कर पंजाब राज्य में प्रवेश करती है। सतलुज घाटी में कई प्रकार की वनस्पति व वन्य जीव पाए जाते हैं। सतलुज नदी के किनारे  अवस्थित गांव खेती व उद्यानों की सिंचाई के लिए व्यापक स्तर पर सतलुज नदी के पानी का प्रयोग करते हैं। इस घाटी में और कई छोटी-बड़ी खड्डें हैं, जो संपूर्ण सतलुज घाटी के लिए जीवनदायिनी हैं। सतुलज घाटी की मुख्य फसलें गेहूं, मक्की व  धान हैं।

चैंतो घाटी : भाखड़ा बांध के साथ लगती 13 किलामीटर लंबी यह घाटी अपनी उर्वरा मिट्टी के लिए प्रसिद्ध है। चैंतो घाटी पंजाब राज्य के साथ लगती शिवालिक क्षेत्र में एक उपजाऊ तथा आर्थिक रूप से समृद्ध घाटी है, जहां कृषि व अन्य सहायक गतिविधियों को प्रधानता प्राप्त है। भाखड़ा बांध के निर्माण से बनी गोविंद सागर झील ने इस घाटी की आर्थिक संपन्नता में एक नया अध्याय जोड़ा है। गोविंद सागर झील से प्राप्त मछली उत्पादन ने सैकड़ों  परिवारों की आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है।

दानवीं घाटी : यह घाटी बहादुरपुर व बांदला घाटी के मध्य स्थित 10 किलोमीटर लंबी व पांच किलोमीटर चौड़ी है। यह घाटी, मक्की, धान, गन्ना, अदरक तथा गेहूं फसलों के लिए  प्रसिद्ध है। नदियां व खड्डें- बिलासपुर जिला की मुख्य नदी सतलुज है, जो किन्नौर, शिमला तथा मंडी जिला में बहने के उपरांत कसोल गांव के समीप बिलासपुर जिला में प्रवेश कर तथा कोट कहलूर परगना में गांव नैला में प्रवेश को छोड़ पंजाब राज्य का अंग बनती है।


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