राहत की फुहारें देने का वरदान मांगा

By: May 28th, 2018 12:05 am

 करसोग —भयंकर गर्मी का कहर तथा जोरदार सूखा पढ़ने की स्थिति में रविवार को सैकड़ों लोगों ने देवों के देव ममलेश्वर महादेव के मंदिर ममेल करसोग पहुंचकर राहत की फुहारें देने का वरदान मांगा है। ममलेश्वर महादेव में सैकड़ों जमा हुए लोगों ने ममलेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना मान-मनोवल करते हुए गुहार लगाई इसी प्रकार इंद्र देवता रूठे रहे तो किसानों की नकदी फसलें बर्बाद होने की कगार पर हैं, हालात यह हैं कि पीने वाले पानी के भी सैकड़ों स्रोत खत्म होने की ओर सरक रहे हैं, जिसके चलते रविवार को करसोग तथा आसपास क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने ममलेश्वर महादेव मंदिर में भोलेनाथ के समक्ष वर्षा होने की फरियाद की है, जिसमें मंदिर परिसर में जमा हुए लोगों को शिव भगवान का आशीर्वाद मिला है कि जल्द ही करसोग को वर्षा के फुहारे मिलेंगी। देवों के देव ममलेश्वर महादेव मंदिर कमेटी के अध्यक्ष हंसराज शर्मा ने जानकारी देते हुए कि रविवार को करसोग बाजार तथा आसपास गांव के सैकड़ों लोग वर्षा की फरियाद लेकर ममेल मंदिर में पहुंचे हैं, जहां पर उन्होंने अपने इष्ट देव की पूजा करते हुए राहत की वर्षा मांगी है। उन्होंने कहा कि करसोग क्षेत्र में जब भी सूखे तथा गर्मी का कहर पड़ता है तो सैकड़ों लोग ममलेश्वर महादेव की शरण में वर्षा की फरियाद लेकर पहुंचते हैं व देवों के देव भी हमेशा वर्षा का वरदान हजारों लोगों की आस्था को देखते हुए देते आए हैं। मंदिर कमेटी अध्यक्ष हंसराज शर्मा ने कहा की ममलेश्वर महादेव की शरण में आने बाद यह भी परंपरा रही है कि लगभग एक किलोमीटर दूर भ्याल गांव में स्थित ऐतिहासिक प्राचीन बावड़ी जिसकी सफाई करने पर हमेशा वर्षा की फुहारें उपहार के रूप में मिलती रही हैं तथा उसी कड़ी में रविवार को भी सैकड़ों लोगों ने पूजा-अर्चना करने के बाद भ्याल की बावड़ी को साफ करने का अभियान चलाया । उन्होंने कहा कि इससे पहले भी अनेक दफा हर साल वर्षा की मांग लेकर करसोग के लोग ममलेश्वर मंदिर में हमेशा आते रहे हैं वह भ्याल गांव में स्थित ऐतिहासिक बावड़ी की सफाई भी करते रहे हैं। नतीजतन पूजा-अर्चना तथा प्राचीन बावड़ी की सफाई के बाद हमेशा वर्षा का वरदान मिलता आया है। ग्रामीण लोगों की आस्था, देव के प्रति अटूट विश्वास के चलते जल्द ही वर्षा की फुहारें करसोग की धरा पर पढ़ने का वरदान देवी-देवताओं द्वारा दिया जा रहा है । गौरतलब है कि पिछले काफी लंबे समय से क्षेत्र में भयंकर गर्मी, सूखे का कहर फसलों तथा आम जीवन भर बुरी तरह पढ़ता रहा है। करसोग क्षेत्र में किसानों की खेती लगभग 90 प्रतिशत वर्षा पर ही टिकी हुई रहती है । वर्षा समय पर हुई तो अच्छी फसल होगी, अन्यथा फसलों की बर्बादी तय मानी जाती है। इस हालात में जब भी सूखा पड़ता है तो हजारों लोग देवी देवताओं की शरण में पहुंचकर वर्षा का वरदान मांगते रहे हैं । देवी-देवताओं ने भी हमेशा करसोग को सुख समृद्धि का ही आशीर्वाद दिया है। रविवार को भी सैकड़ों लोगों को देव ममलेश्वर ने जल्द बारिश होने का आश्वासन दिया है।

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