अब सावरकर के पोते का गांधी पर सवाल, कहा, भारत जैसे देश का नहीं हो सकता कोई एक राष्ट्रपिता

By: Oct 14th, 2021 12:06 am

कहा; भारत जैसे देश का नहीं हो सकता कोई एक राष्ट्रपिता, ओवैसी ने भी साधा निशाना

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली

स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर को लेकर दिए गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान के बाद से जारी वार-पलटवार थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने राजनाथ सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि आरएसएस वाले एक दिन महात्मा गांधी को हटाकर सावरकर को देश का राष्ट्रपिता बना देंगे। अब सावरकर के पोते ने इस पर जवाब दिया है और कहा है कि भारत जैसे देश में कोई एक राष्ट्रपिता नहीं हो सकता है। सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने कहा कि मुझे नहीं लगता गांधी राष्ट्रपिता हैं। भारत जैसे देश में कोई एक राष्ट्रपिता नहीं हो सकता है, यहां हजारों ऐसे हैं, जिन्हें भुला दिया गया है।

1910 के दशक में अंडमान में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सावरकर की दया याचिकाओं के बारे में विवाद का उल्लेख करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा था कि यह एक कैदी का अधिकार था और उन्होंने महात्मा गांधी के कहने पर दया याचिका दी थी। इस पर असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि वे विकृत इतिहास पेश कर रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो वे महात्मा गांधी को हटा देंगे और सावरकर को राष्ट्रपिता बना देंगे, जिन पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप था और जिन्हें जस्टिस जीवन लाल कपूर की जांच में हत्या में शामिल करार दिया गया था।

जेल में बंद सावरकर ने कैसे की थी गांधी से बात?

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सावरकर को लेकर दिए बयान पर चौतरफा हमला जारी है। अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर सवाल उठाया है कि जब सावरकर जेल में बंद थे, तो उन्होंने महात्मा गांधी से बात कैसे की? भूपेश बघेल ने कहा कि उस समय महात्मा गांधी कहां थे? सावरकर कहां थे? सावरकर जेल में थे। दोनों ने कैसे बात की? सावरकर ने जेल में रहते हुए दया याचिका दी थी और ब्रिटिशर का साथ देते रहे। इतना ही नहीं 1925 में जेल से बाहर आने पर द्विराष्ट्र के बारे में बात करने वाले वह पहले शख्स थे।


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