खेलेगा इंडिया तो आगे बढ़ेगा देश…
हमारे देश में एक कहावत है कि पढ़ोगे-लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे-कूदोगे तो होंगे खराब। लेकिन आज बच्चों पर जिस तरह पढ़ाई का भार है और बच्चे जिस तरह मोबाइल, टीवी के मोह में फंसकर या कुछ लोग अपने बच्चों को मोबाइल और टीवी के जाल में फंसाकर बच्चों की सेहत के दुश्मन बन रहे हैं, उसके लिए जरूरी हो गया है कि बच्चों को खेल खेलने के लिए मैदान में भेजा जाए। अगर बच्चे खेल के मैदान में नहीं खेलते हैं तो इनके तन-मन के लिए जरा भी उचित नहीं है। इसलिए बच्चों को पढ़ाई के साथ खेलों में भी जरूर भाग लेना चाहिए। हर वर्ष 29 अगस्त को भारत में हॉकी के जादूगर ध्यानचंद की जयंती के रूप में मनाया जाता है। हमें बच्चों को खेल के मैदान में उतारने की शपथ लेनी चाहिए।
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
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