एक फरवरी को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा लोकसभा में पेश किए जाने वाले वर्ष 2024 के अंतरिम बजट की तैयारियों का अंतिम चरण 24 जनवरी को हलवा वितरण समारोह के साथ आरंभ हुआ। पिछले तीन पूर्ण बजट की तरह नया अंतरिम बजट भी पूरी तरह से पेपरलेस होगा। वस्तुत: इस समय पूरे देश की निगाहें वित्तमंत्री के द्वारा पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट की ओर लगी हुई हंै। वस्तुत: देश में जिस साल लोक
युवाओं के लिए रोजगार के मौके जुटाने के लिए डिजिटल शिक्षा के रास्ते में दिखाई दे रही कमियों को दूर करना होगा, वहीं उन्हें कौशल प्रशिक्षण के साथ नए स्किल्स सिखाए जाने होंगे...
हम उम्मीद करें कि सरकार अयोध्या में राम मंदिर, उज्जैन में महाकाल लोक और वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम जैसे आस्था केंद्र स्थलों का देश के कोने-कोने में विकास करेगी और वहां बुनियादी ढांचा व पर्यटन सुविधाओं को सुगम बनाएगी। निश्चित रूप से ऐसे में देश वर्ष 2030 तक विदेशी पर्यटकों से 56 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा अर्जित करने के लक्ष्य को मुठ्ठियों में करने के लिए आगे बढ़ते हुए दिखाई दे सकेगा...
नि:संदेह सराहनीय है कि सरकार भारत में अर्थव्यवस्था को तेजी से गतिशील कर रहे ई-कॉमर्स के तहत करोड़ों ई-कॉमर्स उपभोक्ताओं और ई-कॉमर्स कंपनियों और देश के उद्योग-कारोबार के बीच समन्वय स्थापित करने के मद्देनजर नई ई-कॉमर्स नीति को शीघ्रतापूर्वक अंतिम रूप देगी। ई-कॉमर्स से देश की विकास आकांक्षाएं पूरी होनी चाहिएं...
वर्ष 2023 में केंद्र सरकार राजकोषीय घाटे के निर्धारित लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.9 फीसदी तक सीमित रखने में सफल रही है। वर्ष 2023 में लगभग प्रतिमाह बाजारों में उपभोक्ता मांग में तेजी और उद्योग-कारोबार में बेहतरी से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन में वृद्धि हुई। वर्षभर में यह 12 प्रतिशत बढ़ा...
विकसित देश बनने के लिए 2047 तक लगातार करीब 7 से 8 फीसदी की दर से बढऩा होगा। हम उम्मीद करें कि जिस तरह 11 और 12 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के अमृतकाल में नई पीढ़ी को विकास के लिए लंबी छलांग लगाने के जो मंत्र सौंपे हैं, उनके मद्देनजर देश के युवा और शासन-प्रशासन समन्वित रूप से दुनिया में सामथ्र्यवान भारत की तस्वीर बनाते हुए आगे बढेंग़े और वर्ष 2047 तक देश विकसित देश के रूप में रेखांकित होता हुआ दिखाई देगा...
इसके साथ-साथ इस संभावना को भी साकार किया जा सकता है कि विदेशों में रह रहे भारतीय समुदाय के साथ भारत में विभिन्न कारणों से भ्रमण के इच्छुक विदेशी भी अपने परिवारों के सदस्यों के विवाह के लिए भारत को अपना डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल बनाना पसंद करें। इससे जहां वेडिंग डेस्टिनेशन से जुड़े विभिन्न उद्योग-कारोबार आगे बढ़ेंगे, वहीं इनमें रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे। ऐसे में भारत में डेस्टिनेशन वेडिंग भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में अपना अहम योगदान देते हुए दिखाई देगी...
उल्लेखनीय है कि रेटिंग एजेंसी मूडीज की ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2024 रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मजबूत वस्तु एवं सेवा कर संग्रह, बढ़ती ऑटो बिक्री, बढ़ती उपभोक्ता आशावादिता और दोहरे अंक की ऋण वृद्धि उपभोग मांग की परिचायक है। इतना ही नहीं, मूडीज ने यह भी कहा कि बांग्ला
हाल ही में भारत को ‘दुनिया की खाद्य टोकरी’ के रूप में प्रदर्शित करने के उद्देश्य से दिल्ली में आयोजित वल्र्ड फूड इंडिया को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत का खाद्य प्रसंस्करण (फूड प्रोसेसिंग) सेक्टर एक ऐसा उभरता उद्योग है, जिसमें पिछले नौ वर्षों में 50 हजार करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हुआ है और भारत की खाद्य प्रसंस्करण क्षमता 15 गुना से अधिक बढक़र 12 लाख टन से दो सौ लाख टन हो गई है। देश के कुल कृषि निर्यात में प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी 13 से बढक़र 23 प्रतिशत हो गई है। प्रसंस्कृत खाद्य
ऐसे में गरीब एवं कमजोर वर्ग के युवाओं के लिए रोजगार के मौके जुटाने के लिए एक ओर सरकार के द्वारा डिजिटल शिक्षा के रास्ते में दिखाई दे रही कमियों को दूर करना होगा, वहीं दूसरी ओर कौशल प्रशिक्षण के साथ नए स्किल्स सीखने होंगे। इस बात पर भी ध्यान दिया जाना होगा कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज के साथ उनके जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने और उनके लिए रोजागर के अधिक अवसरों के लिए भी अधिक प्रयास करने होंगे