भारत के लिए ट्रंप की चुनौतियों के बीच वैश्विक कारोबार के नए अवसर भी निर्मित हो रहे है। एक ओर अमरीका में भारत के निर्यात बढ़ सकते हैं, वहीं दूसरी ओर भारत को वैश्विक निर्यात में भी बढ़त मिल सकती है। अब चीन पर अमरीका के द्वारा भारी टैरिफ लगाने से अमरीका चीन टैरिफ वॉर के कारण जिन क्षेत्रों में चीन अमरीका को प्रमुखता से निर्यात करता है, उनमें से कई क्षेत्रों में अमरीका को भारत अपना निर्यात सरलता से बढ़ा सकता है। इस परिप्रेक्ष्य में भारतीय निर्यातकों को अमरीका बाजार में पहुंच बढ़ाने के लिए वर्ष 2025-26 के बजट में स्वीकृत किया गया एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन अहम भूमिका निभाएगा...
नए आयकर विधेयक में गलत या अधूरी जानकारी देने पर भारी जुर्माना सुनिश्चित किया गया है। जानबूझकर टैक्स चोरी करने वालों पर मुकदमा चलाया जा सकता है। बकाया टैक्स का भुगतान न करने पर अधिक ब्याज और पेनल्टी है। आय छिपाने पर अकाउंट सीज और संपत्ति जब्त करने के अधिकार होंगे। इन सबसे आयकर संग्रहण बढ़ेगा और ईमानदार करदाताओं को लाभ होगा। निश्चित रूप से एक अप्रैल 2026 से लागू होने वाले नए आयकर कानून की वास्तविक सफलता
आखिर में यह कहना चाहूंगा कि हमें तय करना होगा कि छात्र सिर्फ परीक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि अपने जीवन के लिए भी तैयार हों। मश्विरा है कि हर छात्र को मजबूत भविष्य बनाने के लिए कोई स्किल सीखना चाहिए, फिर चाहे वह किसी भी कोर्स से जुड़ा हो। याद रहे कि व्यावहारिक शिक्षा, व्यवस्थित सुधार एवं कौशल विकास के द्वारा ही युवाओं को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सकता है। महात्मा गांधी जी ने शिक्षा के विषय में कहा था कि शिक्षा का अर्थ बच्चों में सारी शारीरिक, मानसिक और नैतिक शक्तियों का विकास करना होता है। शिक्षा, एकेडमी के दायरे से बढक़र होनी चाहिए, छात्रों को रोजगार क्षमता पर ध्यान देना चाहिए...
निश्चित रूप से प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच हुई अत्यधिक उत्साहजनक और सकारात्मक द्विपक्षीय वार्ता के बाद भारत और अमरीका के बीच टैरिफ संबंधी चुनौतियों के बावजूद कारोबार के नए ऐतिहासिक अध्यायों की डगर आगे बढऩे की संभावनाएं उभरकर दिखाई दे रही हैं। क्योंकि ट्रंप भारत की ओर से अमरीकी उत्पादों पर बहुत ज्यादा टैरिफ लगाने की शिकायत करते हुए भारत पर भी टैरिफ लगाने की बात लगातार कहते आए हैं, अब उनके द्वारा घोषित रेसिप्रोकल टैरिफ की नीति से भारत के भी अधिक
हमें इस तथ्य पर भी ध्यान देना होगा कि भारतीय किसान ऑनलाइन खरीददारी में दुनिया में बहुत पीछे हैं। देश में करीब 42 फीसदी किसानों का कहना है कि उन्हें ऑनलाइन विक्रेताओं से पर्याप्त ग्राहक सेवा और लचीला भुगतान का विकल्प नहीं मिलता है। देश में प्रत्येक किसान परिवार औसतन 74121 रुपए के कर्ज तले दबा हुआ है। ऐसे परिवेश को बदलने के अधिक प्रयास किए जाने होंगे। हम उम्मीद करें कि सरकार खास तौर से ग्रामीण परिवारों के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण की व्यवस्था करेगी...
स्थिति यह है कि वर्ष 2023-24 में देश के 140 करोड़ से अधिक लोगों में से सिर्फ 8.09 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किए। इनमें से भी 4.90 करोड़ लोगों ने शून्य कर योग्य आय की सूचना दी। सिर्फ 3.19 करोड़ लोगों ने ही आयकर दिया है। ऐसे में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में आयकर का योगदान बहुत कम बना हुआ है...
हम उम्मीद करें कि अब जब डोनॉल्ड ट्रंप ने अपने नए कार्यकाल में अमरीका को नए सिरे से गढऩे के लिए चीन, कनाडा व मैक्सिको पर अधिकतम शुल्क लगाने के साथ-साथ भारत के भी कुछ उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने का संकेत दिया है, तब भारत के द्वारा अमरीका के व्यापक हित वाले उत्पादों पर शुल्क में उपयुक्त कमी की रणनीति के साथ आगे बढऩा लाभप्रद होगा। ऐसे में अमरीका को अधिक निर्यात बढ़ाने और चीन प्लस वन के मद्देनजर वैश्विक स्तर पर अधिक निर्यात के मौके भारत की मुठ्ठी में आते हुए दिखाई दे सकेंगे...
हम उम्मीद करें कि नए वर्ष में भारत की विशाल कौशल प्रशिक्षित युवा आबादी भारत को विदेशी निवेशकों की नजरों में और अधिक पसंदीदा देश बनाने की डगर पर बढ़ाएगी...
नए वर्ष में भारतीय शेयर बाजार की राह कठिन नहीं होगी, शेयर बाजार को सर्वोच्च ऊंचाई पर पहुंचाने में घरेलू फंडों की अहम भूमिका होगी और कारपोरेट आय को बढ़ावा मिलेगा। हम उम्मीद करें कि नए वर्ष 2025 में सरकार के द्वारा आर्थिक और वित्तीय सुधारों, कृषि सुधारों, मेक इन इंडिया, निर्यात बढ़ाने और ग्रामीण क्षेत्रों की आमदनी बढ़ाने के रणनीतिक प्रयासों से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी...
निश्चित रूप से देश में गिग वर्कर्स को यदि सामाजिक सुरक्षा की छतरी प्रदान की जाएगी, तो गिग वर्कर्स के रूप में काम कर रही देश की नई पीढ़ी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ सकेगी और देश इनके अधिकतम योगदान से तेज विकास की डगर पर आगे बढ़ेगा...