जोगिंद्र सिंह लेखक धर्मशाला से हैं

आज के युग में जब औपचारिक शिक्षा जीवन का मुख्य कार्य बन चुकी है, गुरु की महत्ता और बढ़ गई है। जीवन की जटिलता बढऩे के साथ-साथ गुरु की भूमिका भी नए आयाम प्राप्त कर रही है। उसके लिए जरूरी कुशलताओं की सूची भी व्यापक हो रही है। नई शिक्षा नीति के अनुरूप 21वीं सदी

यदि कोविड-19 की महामारी लंबी भी चलती है तो समय की मांग है कि ऑनलाइन शिक्षा को और सुदृढ़ किया जाए। ऑनलाइन शिक्षण को व्यवस्थित करने की जरूरत है… लगभग सदी के पश्चात कोरोना जैसी महामारी ने पूरे विश्व के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक ढांचे को पूरी तरह उथल-पुथल कर दिया है, जिसमें शिक्षा का क्षेत्र