डा. ओपी जोशी, स्वतंत्र लेखक

छोटी चेरी तथा ग्रेप किस्मों के टमाटर छोटे होने के कारण पूरे खाये जाते हैं। भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने ऐसी किस्म तैयार की है जिसके एक पौधे पर 19-20 किलो टमाटर लगते हैं। कर्नाटक में कुछ वर्षों पूर्व इसकी खेती प्रारंभ की गयी थी। उत्त

जनवरी में ही जोशीमठ के नगरपालिका परिसर में लगाए गए स्वास्थ्य शिविर में 50 प्रतिशत से अधिक लोग हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) से ग्रसित पाए गए। चिकित्सकों ने बताया कि उनसे बात करने पर ऐसा लगा मानो उनका रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) त्रासदी के कारण पैदा परिस्थितियों ने बढ़ाया है। पर्यावरणविदों एवं मनोवैज्ञानिकों द्वारा संयुक्त रूप से किए

इस एक घंटे की बारिश ने वायु-प्रदूषण भले ही कम कर दिया हो, परंतु यहां के रहवासियों को अभी आगे और कुछ समय तक इसका सामना करना होगा। इसका कारण यह है कि टावर के ध्वस्त होने से पैदा 60 हजार टन (कहीं 80 हजार टन भी बताया गया है) मलबे का 11-12 मीटर ऊंचा

इंदौर शहर में ही 11 दिनों (30 अप्रैल से 11 मई) में 50 से ज्यादा आगजनी की घटनाएं हुई हैं। यह जानना भी प्रासंगिक होगा कि शहर के पूरे भौगोलिक क्षेत्र में एक समान तापमान में वृद्धि नहीं होती। पक्के तथा सघन क्षेत्र ज्यादा एवं हरियाली युक्त खुले क्षेत्र कम गर्म होते हैं। ब्रिटिश मौसम

पर्यटन के लिए प्रसिद्ध गोवा में खनिज, विशेषकर लौह अयस्क एवं बालू-रेती का अतिदोहन पर्यावरणीय एवं सामाजिक समस्या बना है। दक्षिण गोवा में पहाड़ों के नीचे लौह अयस्क (आयरन-ओर) का भंडार है। राज्य में कच्चे लोहे का खनन पिछले कई वर्षों में हुआ, परंतु स्थापित नियम-कायदों का पालन नहीं करने से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव

नदियों के साथ-साथ कई झीलें भी स्वच्छ व निर्मल हो गईं, जिनमें उदयपुर की ‘फतेहसागर’, हैदराबाद की ‘हुसैन सागर’ तथा हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले की ‘खजियार’ प्रमुख हैं। देश का ताज या मुकुट कहे जाने वाले हिमालय ने भी लॉकडाउन में राहत की सांस ली। पर्यटन नहीं होने से कूड़ा-कचरा कम फैला तथा वाहनों

डा. ओपी जोशी स्वतंत्र लेखक देश के 10 लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले 42 शहरों में वायु-प्रदूषण नियंत्रण के कार्य किए जाएंगे। इसके साथ ही पूर्व में चलाया जा रहा ‘राष्ट्रीय स्वच्छ हवा अभियान’ भी चयनित शहरों में जारी रहेगा। इस कार्यक्रम के तहत इसमें शामिल शहरों में वर्ष 2024 तक वायु-प्रदूषण का स्तर 30