डा. ओपी शर्मा, लेखक शिमला से हैं

23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू को फांसी दी गई। इससे पहले सरदार अर्जुन सिंह, माता, पिता, चाची, भाई सब मिलने आए। उन्होंने मां को कहा, ‘बेबे जी लाश लेने मत आना।’ कहीं आप रो पड़ी तो लोग कहेंगे भगत सिंह की मां रो रही है। फिर उन्होंने एक क्रांतिकारी की जीवनी पढ़ी।

उनकी आत्मकथा ‘सिंहावलोकन’ हिंदी साहित्य में एक माना हुआ ग्रंथ है… जाने-माने साहित्यकार व क्रांतिकारी यशपाल का हिंदी साहित्य में विशिष्ट स्थान है। बचपन की यातनाएं, भूमिगत विद्रोही भावना तथा सात वर्ष की लंबी जेल ने उसे वर्तमान सामाजिक व आर्थिक ढांचे के विरुद्ध कर दिया। वे इस ध्येय को नहीं मानते थे कि कमजोर

उनकी कहानी ‘पिंजरे की उड़ान’ 1939 में हिंदी साहित्य में चर्चित हुई। इसके पश्चात वे लखनऊ चले गए, लेकिन वहां से वापस आना पड़ा। उन्होंने पत्रिका भी निकाली… जाने-माने साहित्यकार व क्रांतिकारी यशपाल का हिंदी साहित्य में विशिष्ट स्थान है। बचपन की यातनाएं, भूमिगत विद्रोही भावना तथा सात वर्ष की लंबी जेल ने उन्हें तत्कालीन

हिंदी भाषा देश की अधिकतम जनता के लिए सुगम है। इसकी लिपि व शब्दावली प्रत्येक क्षेत्र के लिए उपयोगी तथा अनुकरणीय है। संस्कृत भाषा के शब्द प्राय: सभी भारतीय भाषाओं में मिलते हैं। अत: हिंदी की प्रकृति संस्कृत के अधिक समीप है। इसमें ज्ञान, विज्ञान, अध्ययन आदि सभी विषयों को व्यक्त करने की क्षमता है।

आजाद हिंद फौज के दलीप सिंह ठाकुर भोटा से थे जिन्होंने 6 मास की सजा काटी। महान स्वाधीनता सेनानी इंद्रपाल हुए जिन्होंने सन् 1922 से लाहौर मिंटगुमरी में पत्रकारिता शुरू की और समाचार पत्र के माध्यम से स्वाधीनता आंदोलन चलाते रहे… भारत में 19वीं व 20वीं शताब्दी में विदेशी साम्राज्य के समय शासन, प्रशासन की

तिलक ने एक ऐसा काम किया जिसने उन्हें अमरत्व प्रदान किया है। वह काम है उनके द्वारा लिखित ‘गीता रहस्य’। इस ग्रंथ की रचना उन्होंने जेल में की थी। यह ग्रंथ उनकी महान प्रतिभा का द्योतक है। तिलक के व्यक्तित्व के दो पहलू थे। एक ओर उनके क्रांतिकारी विचार थे तो दूसरी ओर सामाजिक सुधारों

डा. ओपी शर्मा लेखक शिमला से हैं देश में भारतीय भाषाओं का महत्त्व बढ़ेगा और भाषा ज्ञान का विस्तार होगा। कुल मिलाकर नई शिक्षा नीति में 6वीं श्रेणी से व्यावसायिक शिक्षा शुरू होगी, आठवीं से छात्र अपनी इच्छा के विषय रख सकेगा। बी.ए. में भी विषय अपनी मर्जी से ले सकेंगे। विज्ञान के साथ संगीत