राजेंद्र राजन, स्वतंत्र टिप्पणीकार

ऐसा प्रतीत होता है कि टीवी चैनल्स लोकतंत्र की जड़ों में नफरत का तेज़ाब भर रहे हैं… लंबे वक्त से आलोचना, विवाद और साम्प्रदायिक चेहरों में ढलते जा रहे न्यूज़ चैनल्स के कंटेंट, प्रस्तुतिकरण व ‘हेट स्पीच’ को बढ़ावा देने को लेकर 21 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बेहद नकारात्मक व दूरगामी टिप्पणियां की हैं

युवा फिल्मकार सिनेमा के लिए जमीन तलाश कर रहे हैं तो सरकार का कर्त्तव्य है कि उन्हें वे संसाधन व सुविधाएं उपलब्ध करवाने की पहल करे, ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें… राजधानी में 26 से 28 नवंबर तक आयोजित हो रहे शिमला अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह का यह सातवां संस्करण होगा। साल 2015

कलाकार को उसकी प्रतिभा व निभाए जा रहे किरदारों के बलबूते दर्शक प्यार करते हैं। कलाकार की पब्लिक लाइफ से भी वे प्रभावित होते हैं… गत वर्ष जब मुम्बई में शिव सेना सरकार के इशारे पर नगर निगम ने कंगना रणौत के स्टूडियो को तोड़ा था तो समस्त देश में इस अभिनेत्री के पक्ष में

वे यहां के लोगों की निजी जमीन पर डेरे बनाकर रहते हैं और पशुओं को वेटलैंड में चरने के लिए छोड़ देते हैं। वे माफिया को रिश्वत देते हैं… मैं जब-जब पौंग बांध क्षेत्र में गया हूं यहां नित नई कहानियों की परतें खुलती चली गई हैं। करीब 50 साल पहले विस्थापन के जिस दर्द

कला, साहित्य, संस्कृति का क्षेत्र सरकार व राजनीतिक दलों के लिए हमेशा ही उपेक्षा से भरपूर रहा है। यशपाल जैसे महान लेखक व क्रांतिकारी का स्मरण भी आवश्यक है। इसके अलावा भी कई जननायकों को भुला दिया गया है… हिमाचल प्रदेश ने पूर्ण राज्यत्व के 50 वर्ष 25 जनवरी 2021 को पूरे किए। दूसरी ओर

2020-21 के वित्तीय वर्ष में कोरोना संकट के दौरान इस केंद्र ने 1 करोड़ 30 लाख रुपए ‘कमर्शियल्स’ के रूप में कमाए। ऐसे में इसके विस्तार पर तुरंत निर्णय लेना चाहिए… वर्ष 1994 में शिमला दूरदर्शन की स्थापना की गई थी। देश के अन्य सभी क्षेत्रीय दूरदर्शन केंद्रों की तर्ज पर इसका उद्देश्य भी हिमाचल

यूपी के सैकड़ों-हजारों श्मशानघाटों पर लूटपाट, गुंडागर्दी, ब्लैकमेलिंग का खेल बेखौफ जारी है। सरकार को काशी के उन घाटों जहां शवों को जलाया जा रहा है, में पुलिस व प्रशासन के कर्मियों की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि वे माफिया पर नजर रख सकें… वर्ष 2009 में राजेश झाला की एक चर्चित व पुरस्कृत फिल्म पुणे