सुखदेव सिंह

प्रदेश सरकार को दुग्ध क्रांति लाने के लिए पशु चिकित्सालयों में स्टाफ की कमी दूर करनी चाहिए। पशुपालकों को हरसंभव मदद मुहैया करवाकर उन्हें दूध का सही दाम मिलना जरूरी है। किसानों, पशुपालकों की सुविधाओं के लिए पूर्व वर्षों में कृषि मेलों का आयोजन किया जाता था। मेलों में पशुपालकों को सब्सिडी पर दुधारू पशु

भ्रष्टाचार में शामिल कर्मियों को सेवा मुक्त किए जाने की पहल करनी चाहिए… हिमाचल प्रदेश में सत्तासीन कांग्रेस सरकार बेशक भ्रष्टाचार खत्म किए जाने के दावे कर रही है, मगर जिस तरह कर्मचारी चयन आयोग की वरिष्ठ सहायक को विजिलेंस ने ढाई लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा, उससे प्रदेश सरकार की साख

ट्रैक पर लंबी सुरंगें, लंबे पुल और कई मंदिर भी विराजमान हैं। श्रद्धालु माता चामुंडा, ब्रजेश्वरी, चिंतपूर्णी और ज्वालाजी तक इन्हीं रेलगाडिय़ों के सहारे पहुंचते थे। सरकारों को इस रेलवे ट्रैक पर दौडऩे वाले रेलगाड़ी के इंजन नई तकनीक से चलाने चाहिए… चुनावी समर नजदीक आते ही पठानकोट-जोगिंद्रनगर नैरोगेज रेलवे ट्रैक को लेह-लदाख तक जोडऩे

लिव इन रिलेशनशिप में रहते हुए वे अपनी सभी मर्यादाएं भी भूल जाते हैं और आपराधिक घटनाएं घटित हो रही हैं… उसे क्या मालूम था कि जिस प्रेमी के लिए वह अपने मां-बाप को छोडक़र उसके साथ पिछले तीन साल से रह रही है, वही एक दिन उसकी निर्मम हत्या करके उसके परिजनों को उम्र

प्रदेश सरकार को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण, सडक़ों के सुधार, पठानकोट-जोगिंद्र नगर नैरोगेज रेललाइन में सुधार सहित पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाने पर फोकस करना होगा… हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण होने के बावजूद आज दिन तक प्रदेश सरकारों की आय का साधन नहीं बन पाया है। देवभूमि को पर्यटन दृष्टि से

ओबीसी के नेता आपस में वर्चस्व की लड़ाई लडऩे में मशगूल रहते हैं, मगर कोई भी नेता खुलकर पौंग बांध विस्थापितों की लड़ाई लडऩे को तैयार नहीं है… हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के चलते इस बार पौंग बांध विस्थापितों की नेताओं को याद आएगी। यह कोई नई बात नहीं,

बापू ने अकेले अपनी विचारधारा से जन आंदोलन खड़ा करके देश को आजादी दिलाई थी, मगर आज भ्रष्ट राजनीति के चलते हालात खराब हो रहे हैं। आज आजादी सभी चाहते हैं, मगर महात्मा गांधी बनने को कोई तैयार नहीं है। आज देश कई गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, मगर बहुत कम लोगों में समाज

पशुपालकों को दूध का सही दाम न मिलने की वजह से आज दुग्ध प्लांट खंडहर बनकर रह गए हैं… हिमाचल प्रदेश में पशुधन को लंपी संक्रामक रोग दानव की तरह निगलता जा रहा है, अत: केंद्र सरकार इसे महामारी घोषित करे। प्रदेश सरकार इस बाबत केंद्र सरकार से गुहार भी लगा चुकी है। हिमाचल प्रदेश

केंद्र सरकार ने जब आवेदनों की गहराई से जांच करवाई तो अधिकतर फर्जी निकले जिसकी वजह से इस प्रक्रिया में अभी तक देरी हुई थी… प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अगले दो महीनों में हिमाचल प्रदेश के दो हजार गरीब लोगों को नए मकान मिलेंगे। राज्य में कुल दस हजार लोगों को नए मकान बनाकर

पेट्रोल, डीजल और गैस भारत को अन्य देशों से खरीदनी पड़ती है जिसकी वजह से महंगाई अब दिनोंदिन बढ़ रही है। इस पर अंकुश लगाना जरूरी है। अमृत महोत्सव मनाने का तभी कोई अर्थ है अगर समस्याओं को हल करने के लिए सरकार पग उठाए… सदियों की गुलामी के बाद भारत को आजादी ऐसे ही