सुखदेव सिंह

हिमाचल प्रदेश को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किए जाने के लिए कनेक्टिविटी की समस्या हल करनी चाहिए… केंद्र सरकार द्वारा पारित बजट में इस बार भी हिमाचल प्रदेश के रेलवे ट्रैक में सुधार किए जाने के लिए कोई बजट न मिलना खेदजनक है। चुनावी समर नजदीक आते ही पठानकोट-जोगिंद्रनगर नैरोगेज रेलवे ट्रैक को लेह-लदाख

बेरोजगार युवा नेताओं के हाथ की कठपुतली बनकर अपने भविष्य को दांव पर लगाने को मजबूर हैं। राजनीतिक दलों ने चुनावों में अपनी नैया पार लगाने के लिए युवाओं को कई पदों पर मनोनीत किए जाने का सिलसिला शुरू कर रखा है। आपराधिक दर में इजाफा हो रहा है, तो कहीं न कहीं नेताओं की

मुख्यमंत्री के गृह जिला में कांग्रेस द्वारा परचम लहराना आगामी चुनावों के परिणामों की ओर साफ इशारा करता है। चेतन बरागटा को अगर टिकट नहीं दिया जाना था, तो उन्हें राजनीति में उतरने के सपने क्यों दिखाए गए? बढ़ती महंगाई को लेकर भी भाजपा का नजरिया ठीक नहीं रहा… हिमाचल प्रदेश की तीन विधानसभा और

जयराम ठाकुर सरकार ने अपने चार वर्ष के कार्यकाल में बसों का किराया पचास फीसदी बढ़ाकर गरीब जनता को पैदल चलने के लिए मजबूर कर दिया है। निजी बसों के परिचालक बसों में सवारियां कम बैठे देख कर कई गुणा अतिरिक्त किराया वसूल रहे हैं… पेट्रोल, डीजल और गैस सिलेंडर की लगातार बढ़ती कीमतों के

पौंग बांध विस्थापित ऐसे हालात में अपने आपको दशकों से ठगा महसूस कर रहे हैं। एक तो उपजाऊ भूमि गंवा चुके हैं, ऊपर से इसके बदले अभी तक कुछ हासिल नहीं कर पाए… उपचुनाव फतेहपुर की वेला पर भी इस हल्के से हजारों पौंग बांध विस्थापितों का मुद्दा गायब है। नेतागण एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने

आज आजादी सभी चाहते हैं, मगर महात्मा गांधी बनने को कोई तैयार नहीं है। आज देश कई गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, मगर बहुत कम लोगों में समाज और राष्ट्र का पुनर्निर्माण किए जाने का जज्बा है। सोशल मीडिया में महात्मा गांधी व प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का उपहास उड़ाया जाता है

बलात्कार की शिकार गुडिय़ा के मामले को पुलिस आज दिन तक सुलझाने में कामयाब नहीं हो पाई है। अब नन्हीं बेटियों की मौत की गुत्थी से भी पर्दा जल्द उठ पाएगा, कुछ कहा नहीं जा सकता है… अग्नि को साक्षी मानकर जन्म-जन्मांतर तक की कसमें खाने वाली महिला ने पति से बेवफाई करके अपने प्रेमी

एनजीटी ने एसओपी बनाकर जल शक्ति विभाग के आलाधिकारियों को थमाकर हर महीने जल भंडारण टैंकों की सफाई किए जाने की हिदायत दी थी। धरती के अंदर से निकलने वाले पानी को ज़्यादातर लोग बेकार बहा रहे हैं और आसमानी पानी को भविष्य के लिए बचाकर रखने के सब्जबाग देखते जा रहे हैं… गंदा पानी

इसी तरह बढ़ते सीमेंट दामों पर अंकुश लगाने में कोई भी सरकार अभी तक सफल नहीं हो पाई है। सीमेंट प्लांटों की धूल प्रदेश की जनता को नसीब हो रही है और सीमेंट सस्ते दामों में अन्य राज्यों को मिल रहा है। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों की वजह से बसों का किराया पचास फीसदी बढ़ाकर

हिमाचल प्रदेश सरकार को जंगलों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे ताकि केरल जैसी प्राकृतिक आपदा से देवभूमि को बचाया जा सके। आज प्रकृति का संरक्षण करना जरूरी  हो गया है। प्रकृति से मानवीय छेड़छाड़ घातक साबित होगी। प्रकृति से प्रेम ही मानव को प्राकृतिक आपदाओं से बचाएगा… धर्मशाला स्थित भागसूनाग में