Divyahimachal

गीता जयंती मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। गीता ग्रंथ का प्रादुर्भाव मार्गशीर्ष में शुक्ल एकादशी को कुरुक्षेत्र में हुआ था। महाभारत के समय श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को ज्ञान का मार्ग दिखाते हुए गीता का आगमन होता है। इस ग्रंथ में छोटे-छोटे अठारह अध्यायों में संचित ज्ञान मनुष्यमात्र के लिए

देशभर में कई ऐसे मंदिर हैं, जो अपनी-अपनी अलग तरह की मान्यताओं से दुनियाभर में प्रचलित हैं। एक ऐसा ही मंदिर तमिलनाडु में है, जो बेहद ही मशहूर है। यह मंदिर भगवान शिव का है और यह केतु की पूजा के लिए लोकप्रिय है। शिवभक्त और ज्योतिष में विश्वास करने वाले लोग बेहद दूर-दूर से

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला के जनजातीय भरमौर स्थित चौरासी मंदिर समूह में संसार के इकलौते धर्मराज महाराज या मौत के देवता का मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना के बाबत किसी को भी सही जानकारी नहीं है। बस इतना जरूर है कि चंबा रियासत के राजा मेरू वर्मन ने छठी शताब्दी में इस मंदिर

भारतवर्ष प्राचीन काल से कई शक्तिशाली क्षत्रिय योद्धाओं की कर्मभूमि रहा है। हमारे शूरवीर योद्धाओं की महानता, पुरुषार्थ व शौर्य पराक्रम की प्रमाणिकता का इतिहास हमारे कई पौराणिक ग्रंथों में दर्ज है। सनातन संस्कृति के उन असंख्य धार्मिक ग्रंथों में ‘श्रीमद्भगवदगीता सर्वश्रेष्ठ है, बल्कि विश्व की सभी प्रमुख भाषाओं में अनुवादित ‘श्रीगीता विश्व के सभी

धनु संक्रांति को हेमंत ऋतु शुरू होने पर मनाया जाता है। दक्षिणी भूटान और नेपाल में इस दिन जंगली आलू जिसे ‘तारुल के नाम से जाना जाता है, उसे खाने का रिवाज है। जिस दिन से ऋतु की शुरुआत होती है उसकी पहली तारीख को लोग इस संक्रांति को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं।

धर्मशाला पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के सवर्णों के आक्रोश की आग में अमूमन शांत रहने वाला तपोवन शुक्रवार को 'धधकता हुआ नजर आया। ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो तपोवन विधानसभा परिसर इस बार अंगारे लिए बैठा हो। विधानसभा के बाहर जोरावर स्टेडियम में उठे अंगार के शोले परिसर के अंदर तक पहुंचे और सदन के मुखिया मुख्यमंत्री को भी गेट तक आने के लिए मजबूर होना पड़ा। सवर्ण समाज के विभिन्न संगठनों ने सवर्ण आयोग के गठन व उनके खिलाफ सख्त कानूनों के खिलाफ तपोवन विधानसभा

12 दिसंबर रविवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, नवमी, नंदा नवमी 13 दिसंबर सोमवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, दशमी, पंचक समाप्त 14 दिसंंबर मंगलवार, मार्गशीर्ष, शुक्लपक्ष, एकादशी, गीता जयंती, मोक्षदा एकादशी 15 दिसंबर बुधवार, पौष, शुक्लपक्ष, द्वादशी, संक्रांति 16 दिसंबर बृहस्पतिवार, पौष, शुक्लपक्ष, त्रयोदशी, धनु संक्रांति 17 दिसंबर शुक्रवार, पौष, शुक्लपक्ष, चतुर्दशी, पिशाचमोचन श्राद्ध 18 दिसंबर शनिवार, पौष, शुक्लपक्ष, चतुर्दशी,

खजूर का लैटिन नाम फीनिक्स सिल्वेट्रिक्स है तथा इस को हिंदी में खजूर कहते हैं। स्वरूप- इसका 30 से 50 फुट ऊंचा पौधा होता है। कांड सीधा धूसर वर्ण का लगभग 3 फुट मोटा होता है, पत्र 8-10 फुट लंबे होते हैं जो कि धूसर हरे, मूल भाग में कुछ कांटे तथा टहनी के दोनों

-गतांक से आगे… तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम-जनम के दुख बिसरावै।। अंतकाल रघुबर पुर जाई। जहां जन्म हरि-भक्त कहाई।। आपके भजन से राम जी की प्राप्ति होती है और जन्म जन्मांतर के दुखों की विस्मृति हो जाती है। इस जन्म के बाद रघुनाथ जी के धाम में जाएंगे और अगले जन्म में भक्ति का