खेल विभाग व जहां प्रशिक्षक प्रशिक्षण करवा रहा है, वहां उसे सही प्रबंधन देकर प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोडऩा होगा। तभी पहाड़ की संतानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन का मौका मिलेगा...

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली देश में हिंदुओं की घटती और मुस्लिमों की बढ़ती आबादी को लेकर प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने कहा है कि कांग्रेसियों ने देश को धर्मशाला बना दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि वे भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं। वहीं, बि

प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों की ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था को भारी झटका दिया है। दरअसल निजी स्कूलों के ट्रांसपोर्ट की फीस को दोगुना से अधिक कर दिया गया है। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों पर जहां आर्थिक बोझ पड़ेगा, तो स्वभाविक है कि स्कूल प्रबंधन इसकी वसूली बच्चों के अभिभावकों से करेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि इसका सीधा असर जनता पर भी पड़ेगा। परिवहन विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार इस साल से स्कूलों की बसों के स्टेट रोड टैक्स, परमिट रिन्यू फीस और पासिंग फीस में भारी भरकम वृद्धि की गई है। परिवहन विभाग के नए फीस स्ट्रक्चर ने स्कूल प्रबंधकों के होश उड़ाकर रख दिए हैं। प्राइवेट स्कूलों की मानें, तो स्कूलों की बसों का एसआरटी (स्टेट रोड टैक्स) 9000 से बढ़ाकर सीधा 20500 रुपए कर दिया गया है। स्कूली बसों से

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिमला संसदीय क्षेत्र के सभी 17 विधानसभा क्षेत्रों में नियुक्त पर्यवेक्षकों से निगरानी रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने पर्यवेक्षकों की तैनाती के बाद से अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी और चुनाव की तैयारियों को लेकर किए जा रहे प्रबंधों पर सभी पर्यवेक्षकों से बात की। रोहित ठाकुर ने इस बारे में गुरुवार को शिमला में पर्यवेक्षकों की समीक्षा बैठक बुलाई थी। बैठक में शिमला

डलहौजी के एक सरकारी स्कूल के 15-20 बच्चों की अचानक तबीयत बिगडऩे से उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया। यह मामला पीएम श्री नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला डलहौजी का है। गुरुवार दोपहर बाद एकाएक बच्चों की तबीयत खराब होने से अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इनमें अधिकतर पाठशाला की छात्राएं शामिल रहीं। छात्राओं ने प्रबंधन से सिर दर्द, चक्कर आना और उल्टी आदि की शिकायत की। कई बच्चों में हल्की सी बेहोशी भी छाने लगी। यह देख पाठशाला प्रबंधन ने छात्रों के अभिभावकों को सूचित किया और बच्चों को उपचार के लिए सिविल अस्पताल डलहौजी भिजवाया। इसी

11 और 12 मई 2024 को पड्डल ग्राउंड में प्रभु कृपा दुख निवारण समागम के आयोजन का समाचार जब श्रद्धालुओं को ज्ञात हुआ तब उनके मन उत्साह से भर गए। परम पूज्य महाब्रह्मर्षि श्रीकुमार स्वामी के आगमन की सूचना से वहां भारी उमंग-तरंग देखने को मिल रही है। समागम की तैयारियां बहुत जोर-शोर से चल रही हैं। समागम आयोजक समिति के सदस्यों द्वारा बड़े-बड़े होर्डिंग्स व पोस्टर पूरे शहर में लगा दिए गए हैं। समागम आयोजन स्थल पर पहुंचने वाले मार्गों के दोनों तरफ रंगीन झंडियां ल

बेशक सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा को ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को उसे स्वीकार करना पड़ा, लेकिन तब तक सैम सलाहकार नस्लवाद, रंगभेद का जहर उगल चुके थे। सैम पित्रोदा अमरीका में रहते हैं। बेशक वह मूलत: ओडिशा के हैं। क्या उन्होंने कभी अपना चेहरा आईने में देखा है और खुद को ‘चीनी’ माना है? सैम बहुराष्ट्रीय हो सकते हैं, लेकिन बार-बार भारत की चिंता क्यों करते हैं? भारत पर बार-बार अनाप-शनाप क्यों बकते रहते हैं? कभी पुलवामा आतंकी हमले पर, कभी बालाकोट हवाई आक्रमण पर, कभी विरासत कर को लेकर वह बिन मांगे ही सुझा

भारत में हाई-वे राष्ट्रीय परिवहन नेटवर्क की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है, नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन भारतीय हाई-वे गड्ढों समेत कई समस्याओं से जूझ रहा है, लेकिन अब यह समस्या भी हल निकाल लिया गया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) देश में रोड मेंटेनेंस (सडक़ रखरखाव) में क्रांति लाने का लक्ष्य रखता है, जिसमें एक नई इनोवेटिव टेक्नोलॉजी शामिल है। एनएचएआई ने कहा कि यह तकनीक सडक़ों को स्टील फाइबर और बिटुमेन से युक्त विशेष तरह के डामर का इस्तेमाल करके खुद को ‘मरम्मत’ करने में सक्षम बनाएगा।

चुनाव में जो पन्ने सो गए, उनमें से कुछ विकास की सुर्खियां भी हैं। हिमाचल के परिप्रेक्ष्य में सुक्खू बनाम मोदी सरकार के बीच प्राथमिकताओं का एहसास, गारंटियों का प्रचार और विकास परियोजनाओं का जिक्र किस हद तक प्रभावशाली होगा, यह अभी सामने नहीं आया है, फिर भी फोरलेन प्रोजेक्ट कहीं न कहीं केंद्र सरकार के बजट से आश्वस्त हैं। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में केंद्रीय सरकार का रिपोर्ट कार्ड एम्स से लेकर अंब अंदौरा तक पहुंची वंदे भारत ट्रेन का उल्लेख कर रहा है, तो सुक्खू सरकार ने अपनी गारंटियों का पंजा जमा दिया है। चुनाव की शब्दावली में नए चेहरों से आशा का सियासी फलक जो भी हो, विकास की भाषा को व्याकरण अभी बनाना है। खास तौर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के तौर तरीकों के संगम पर एक ओर सरकार की तख्तियां हैं और दूसरी ओर राजनीति