भूपिंदर सिंह

ईश्वर प्राणिधान पांचवां नियम है। ईश्वर के प्रति पूर्ण समर्पण व संपूर्ण श्रद्धा रखना। फल की इच्छा का परित्याग पूर्वक समस्त कर्मों का ईश्वर को समर्पण करना ईश्वर प्राणिधान कहलाता है। हजारों साल पहले भारतीय शोधकर्ताओं ने यौगिक क्रियाओं से होने वाले लाभों को समझ लिया था जो आज की चिकित्सा व खेल विज्ञान की

हिमाचल प्रदेश पुलिस के खेल मैदानों में भी स्थानीय बच्चों को सवेरे-शाम वहां के पुलिस अधीक्षक व कमांडेंट प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध करवा सकते हैं। इन खिलाड़ी अधिकारियों को प्रशिक्षण के लिए मंच उपलब्ध करवाया जाए… सरकारी क्षेत्र के कुछ फरमान ऐसे भी होते हैं जो फाइलों से आगे नहीं बढ़ पाते हैं। अगर विषय प्राथमिकताओं

एथलेटिक्स में हिमाचल प्रदेश की पदक तालिका को सुमन रावत ने तीन दशक पहले ही राष्ट्रीय खेलों में कई बार स्वर्ण पदकों से सजाया है। अमन सैनी ने भी स्वर्ण पदक सहित कई पदकों से हिमाचल प्रदेश की पदक तालिका को राष्ट्रीय खेलों में सजाया है। स्वर्ण पदक की परम्परा को जारी रखते हुए चंबा

आज के विद्यार्थी के लिए विद्यालय या घर पर आधे घंटे के फिटनेस कार्यक्रम की सख्त जरूरत है। इसमें 15 से 20 मिनट धीरे-धीरे दौडऩा तथा विभिन्न कोणों पर शरीर के जोड़ों की विभिन्न क्रियाओं को पूरा करने के बाद शरीर को कूलडाऊन करना होगा। कम से कम बीस मिनटों तक तेज चलने, दौडऩे व

प्रतिभा खोज के बाद पढ़ाई के साथ-साथ प्रशिक्षण के लिए अच्छी खेल सुविधाएं मुहैया कराई जानी चाहिए। इसके लिए राष्ट्रीय क्रीड़ा संस्थान की तजऱ् पर अपना राज्य क्रीड़ा संस्थान हो। वहां पर हिमाचल प्रदेश के खिलाडिय़ों को वैज्ञानिक आधार पर लंबी अवधि के प्रशिक्षण शिविर लगें तथा प्रदेश के शारीरिक शिक्षकों व पूर्व राष्ट्रीय व

महाविद्यालय स्तर पर खेलों के लिए स्तरीय खेल ढांचे का होना बहुत जरूरी है… हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला और वल्लभ भाई पटेल राज्य विश्वविद्यालय मंडी, दोनों संयुक्त रूप से अंतर महाविद्यालय खेलों का आयोजन कर रहे हैं। कुछ प्रतियोगिताएं तो आयोजित भी हो चुकी हैं। इन खेलों के बारे में इस कॉलम के माध्यम से

इन नियमों का पालन करने के बाद अगर यौगिक क्रियाओं को किया जाता है तो मानव में शारीरिक व मानसिक स्तर पर आश्चर्यजनक रूप से अलौकिकता का सुधार होता है। आज आधुनिकता की इस अंधी दौड़ में इनसान को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है क्योंकि आज मिट्टी, पानी व हवा, यानी

सरकार इन विश्व स्तरीय प्ले फील्ड का रखरखाव ठीक ढंग से करवाए ताकि देर तक इस पहाड़ी प्रदेश के खिलाड़ी इन सुविधाओं का प्रयोग कर अपने प्रदेश में स्तरीय ट्रेनिंग लेकर पलायन के दर्द से भी बच सकें… हमारे इस पहाड़ी राज्य में अन्य राज्यों के मुकाबले खेलों की तरफ ध्यान कम ही दिया जाता

अच्छी प्रशिक्षण सुविधा के अभाव में कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी समय से पहले ही खेल को अलविदा कह जाते हैं और जिनके पास धन व साधन हैं वे अच्छे प्रशिक्षण के लिए हिमाचल प्रदेश से पलायन कर जाते हैं। हिमाचल प्रदेश में बहुत कम प्रशिक्षण केन्द्र हैं। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी बनने के लिए स्कूल