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हिमाचल प्रदेश की अधिकांश आबादी गांव में रहती थी। वहां पर सवेरे-शाम वर्षों पहले विद्यार्थी अपने अभिभावकों के साथ कृषि व अन्य घरेलू कार्यों में सहायता करता था। विद्यालय आने-जाने के लिए कई किलोमीटर दिन में पैदल चलता था। इसलिए उस समय के विद्यार्थी को किसी भी प्रकार के फिटनेस कार्यक्रम की कोई जरूरत नहीं

इतिहास गवाह है कि जब-जब भी मंदी आती है या नौकरियों का अकाल पड़ता है तो उद्यम ज्यादा अच्छा विकल्प है और ज्यादा से ज्यादा लोग उद्यमी बनने के रास्ते तलाशते हैं। मीडिया उद्योग में पिछले कई सालों से यह हो रहा है कि रिटायर होने के बाद, नौकरी से इस्तीफा देने के बाद या

इसलिए वर्तमान समय में आवश्यकता है कि प्राकृतिक जल क्षेत्रों नदी, नालों से जितना दूर रहा जाए उतना ही जीवन के लिए लाभदायक है। दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन प्रदेश है जहां प्रकृति के सौंदर्य का नजारा लेने के शौक के कारण अन्य प्रदेशों से लोग खुले या खराब मौसम में भी दुर्गम क्षेत्रों

इस समय दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था डूबने के कगार पर है। चीन के कर्ज ने कई देशों की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से अपने शिकंजे में दबोच लिया है। ऐसे में वहां की स्थिति भी श्रीलंका जैसी दुखद और गंभीर हो सकती है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के कई उभरते बाजारों

इन दिनों युद्ध कंप्यूटर रूम में लड़े जाते हैं, तकनीकी रूप से मिसाइलों का उपयोग करते हुए, हवाई हमलों के माध्यम से कालीन बमबारी आदि युद्ध के मुख्य तरीके बन चुके हैं। इसलिए उस दृष्टिकोण से, हमें सेना के इष्टतम आकार पर काम करने की आवश्यकता है। हमारी जैसी स्थिति वाले अन्य देशों पर नजर

एक एकड़ में बांस के लगभग 200 पौधे लगाए जा सकते हैं जिससे चार साल के बाद प्रतिवर्ष लगभग 2000 बांस निकाले जा सकते हैं, जिससे 100 रुपए प्रति बांस के हिसाब से दो लाख रुपए कमाए जा सकते हैं। स्थानीय मांग सीमित होने की स्थिति में कागज़ उद्योग की मांग पर निर्भर रहना होगा।

डा. जयंतीलाल भंडारी विख्यात अर्थशास्त्री इस बात पर भी ध्यान दिया जाना होगा कि नीति आयोग ने सेवा क्षेत्र में अस्थायी तौर पर काम करने वाले जिन लाखों गिग वर्कर्स के लिए बेहतर सामाजिक सुरक्षा की जरूरत बताई है, उनकी सामाजिक सुरक्षा के लिए नई नीति निर्धारित की जानी होगी। ऐसे विभिन्न प्रयासों से नई

जब मुसलमानों ने हज़रत मोहम्मद के ही नवासों को कर्बला के मैदान में घेर लिया था और उन्हें अमानुषिक यातनाएं देकर मार दिया था, तब उन बेचारों ने कौनसी ऐसी क्रिया कर दी थी जिसकी प्रतिक्रिया में उन्हें मौत के घाट उतारा जा रहा था? उनका कसूर केवल इतना ही था कि वे मुसलमान शासकों

इसलिए देश में निजी खेल अकादमियों का चलन भी बढ़ रहा है। गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी के विश्व स्तर के परिणाम सबके सामने हैं। यह सब लगातार अच्छे प्रशिक्षण कार्यक्रम का ही नतीजा है। इस समय विभिन्न खेलों के लिए देश में निजी स्तर पर कई अकादमियां शुरू हो चुकी हैं। इन खेल अकादमियों को अधिकतर