डा. कुलदीप चंद अग्रिहोत्री

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं राहुल गांधी किसी भी तरह वंश का सहारा लेकर सत्ता के शिखर पर पहुंचने की जल्दी में है। वह किसलिए सत्ता प्राप्त करना चाहते हैं, इसका उनको पता नहीं है। उनका सारा दावा केवल एक तर्क पर आधारित है कि वह हिंदोस्तान के राजवंश के वारिस हैं।

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं पद्मावती विदेशी मुगल आक्रांताओं के खिलाफ भारतीय संघर्ष का प्रतीक हैं। वह नारी सम्मान का प्रतीक बन चुकी हैं। रानी पद्मावती ऐतिहासिक पात्र है या काल्पनिक पात्र है, यह बहस का विषय है ही नहीं। बहस का विषय यह है कि भारतीय जनमानस में रानी पद्मावती राष्ट्रीय

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं फारूख अब्दुल्ला ने पिछले दिनों कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर किसी के बाप का नहीं है। वह पाकिस्तान का ही है और उसी का रहेगा। वैसे फारूख अब्दुल्ला से पूछा जा सकता है कि आपका पाकिस्तान के साथ क्या रिश्ता है? पाकिस्तान को लेकर आपके

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं 1947 में कश्मीर एक बार फिर पाकिस्तान के हमले का शिकार हो गया। गोरों की साम्राज्यवादी साजिशों के चलते रियासत का काफी हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में अब तक भी है। वहां के बल्ती और दरदी अभी भी पाकिस्तान सेना और प्रशासन की ज्यादतियों का शिकार बन

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केरल में न्यायविदों और न्याय व्यवस्था से जुड़े सभी पक्षों से बातचीत करते हुए कहा कि न्यायालयों को न्याय उन लोगों की भाषा में ही करना चाहिए, जो लोग न्याय पाने के लिए न्यायालय में आते हैं। राष्ट्रपति ने बात तो बहुत माकूल

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं सोनिया कांग्रेस ने वामपंथियों के साथ मिल कर मोदी से लड़ाई को भारत से लड़ाई में तबदील कर दिया है। सोनिया कांग्रेस की राजनीति अब टीपू सुल्तानों के सहारे ही चलेगी। हो सकता है कि बाबर के भारत आगमन का भी जश्न मनाया जाए। कहीं टीपू के

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं उत्तर प्रदेश की सरकार ने आम भारतीयों के साथ खड़े होकर पहली बार दिवाली का उत्सव मनाया तो लगा सरकार और लोगों में द्वैत समाप्त हो गया है। यह द्वैत विदेशी शासन में तो होता है, लेकिन पंथनिरपेक्षता को नाग की तरह गले में धारण किए स्वतंत्र

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं आजकल हिंदोस्तान में इस्लाम हर मामले में जल्दी ही खतरे में पड़ जाता है। जब औरतों ने कहा कि तीन बार तलाक चिल्ला देने से विवाह टूट नहीं सकता, तब मौलवियों ने उनकी गर्दन पकड़ी और कहा तुम्हारी इन बातों से इस्लाम खतरे में पड़ गया है।

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं कश्मीर के वकीलों ने कहा कि शांति कैसे हो सकती है, जबकि जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय ही रहस्य में छिपा हुआ है और विलय को लेकर ही विवाद विद्यमान है। विलय होना ही नहीं चाहिए था। उनका कहना है कि जम्मू-कश्मीर में 1947 से आज तक