डा. कुलदीप चंद अग्रिहोत्री

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं अंतिम दिनों में महाराजा हरि सिंह के लिए मुंबई ही रंगून बन गया था। वक्त के सत्ताधीशों ने उन्हें, उनके कू-ए-यार से निष्कासित कर दिया था। बहादुर शाह जफर शायरी से अपने आप को अभिव्यक्त करते थे, लेकिन हरि सिंह अपने भागते हुए अश्वों को दूर तक

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं सोनिया कांग्रेस के लोगों  के अनुसार राहुल गांधी ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में अपनी बौद्धिक क्षमता का जो प्रकटीकरण किया है, उससे बड़े-बड़े बुद्धिजीवियों ने दांतों तले अंगुलियां दबा ली हैं। दिल्ली में एक और टिप्पणी घूम रही है। उसके अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संघ के चुनावों

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं भारत का शायद ही कोई मीडिया समूह अराकान की पहाडि़यों में जाने की जहमत उठा रहा है। वह केवल भारत में पश्चिमी मीडिया की जूठन ही उगल रहा है। एक समूह, वहां के वहाबी संगठनों के माध्यम से रोहिंग्या मुस्लिमों को जम्मू में बसाने की वकालत करता

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं बाबा साहेब ने पंडित नेहरू को पत्र लिखा था कि वह दलित समाज को पाकिस्तान से वापस लाने की व्यवस्था करें, क्योंकि दलित समाज केवल सफाई कर्मचारियों का काम करने के लिए नहीं है। अंबेडकर को क्या पता था कि उनके आंखें मूंदते ही, जवाहर लाल नेहरू

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं कुछ मुसलमानों ने अपनी अलग-अलग एनजीओ बना रखी हैं और इस निर्णय को लेकर आपस में बहस कर रही हैं। इस प्रकार की एक एनजीओ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड है, जिसका कहना है कि तीन तलाक पर कचहरियों को दखलअंदाजी करने का अधिकार नहीं है।

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं यह ठीक है कि ममता बनर्जी के किले को सेंध लगाने में कोई कामयाब नहीं हो रहा। उसका एक कारण विकल्पहीनता का होना है। तृणमूल को हटा कर बंगाल का मतदाता चुनाव में आखिर किस को वोट दे? सीपीएम को दोबारा वह सत्ता में लाना नहीं चाहता

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं अबोहर के डीएवी कालेज से बीए करने के बाद चेतराम जी ने सामान्य जीवन जीने के बजाय अपने लिए नया रास्ता खोजने का निर्णय लिया और इस निर्णय ने उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्रचारक बना दिया। प्रचारक के नाते उन्होंने अपना अधिकांश जीवन हिमाचल प्रदेश में

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं कुछ दिन पहले महबूबा मुफ्ती ने चेतावनी दी कि यदि संविधान से अनुच्छेद-35ए को हटाने की कोशिश की गई, तो कश्मीर घाटी में तिरंगे को थामने वाला कोई नहीं बचेगा। अरब-ईरान से आने वालों, जिनकी जड़ें अभी तक भी घाटी में नहीं जम सकीं, के बारे में

डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री लेखक, वरिष्ठ स्तंभकार हैं हुर्रियत कान्फ्रेंस कश्मीर की जनता का नहीं, बल्कि पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करती है। यदि मोदी सरकार को कोई बात भी करनी होगी, तो वह पाकिस्तान से सीधे कर सकती है। वह हुर्रियत के दलालों के माध्यम से बात क्यों करेगी? हुर्रियत कान्फ्रेंस के नेताओं की गिरफ्तारी कश्मीर