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सुजानपुर के राजा प्रताप चंद तथा अन्य रियासतों के विस्थापित एवं असंतुष्ट शासक गुप्त रूप से क्रांतिकारी गतिविधियों में संलिप्त होकर स्वतंत्रता संग्राम में कूदने के लिए तत्पर थे। यही नहीं, जनसाधारण में भी विद्रोह की भावना जोर पकड़ रही थी। शिमला में एक दूध बेचने वाले को अंग्रेजों के प्रति रोषपूर्ण व्यवहार के लिए

बहन की विदाई पर छोटा भाई बोला, पापा, दीदी रो रही है, लेकिन जीजू तो नहीं रो रहे! बेटा, दीदी गेट तक रोएगी, जीजू कब्र तक रोएगा। ……… ताऊ जी गए इलाज करवाने नर्सः लंबी सांस लो ताऊ ने लंबी सांस ली नर्सः कैसा महसूस हो रहा है ताऊ ः कौन सा परफ्यूम लगा कर

1. एक हरा घर , घर के अंदर सफेद घर , सफेद घर के अंदर लाल घर लाल घर के अंदर रहते काले बच्चे तो बताओ इसे क्या कहते 2. वो क्या है जिसे बिना पकड़े तोड़ा जा सकता है 3.  मुझे खिलाओ तो मैं जिंदा रहूंगी, पानी पिलाओगे तो मर जाउंगी, तो बताओ क्या

एक ऐसे शख्स जिन्हें देखकर कभी नहीं लगता था कि यही वह महान वैज्ञानिक है, जिसने विश्व को क्रांतिकारी सिद्धांत दिए हैं। जिसे विश्व पूरा सम्मान देता है। नोबेल पुरस्कार भी उसके कामों के सम्मुख बौना पड़ता है। यह महान व्यक्ति और कोई नहीं, विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन थे। अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14

 शुभ संस्कारों की तरह ही मृत्यु संस्कार में भी अवश्य शामिल होना चाहिए। ऐसी इस क्षेत्र मेंलोगों की भावना है। मृत व्यक्ति के परिवार वालों द्वारा उसकी सद्गति के लिए किए गए क्रिया कलापों को मृत्यु संस्कार कहते हैं। जिस प्रकार जन्म और विवाह के संस्कारों को बड़ी श्रद्धा और विनीत भावना से मनाया जाता

आपने यह कहावत तो सुनी होगी कि आप लिखें और खुदा बांचें। अर्थात ऐसा लिखा जाना, जिसे दूसरे तो क्या बाद में लिखने वाला स्वयं ही नहीं पढ़ सके। ऐसी लिखावट को तो बस ईश्वर ही पढ़ सकता है। कम पढ़े-लिखे तो ठीक, कई उच्च शिक्षित लोग भी अपनी लिखावट के प्रति लापरवाह होते हैं।

होलाष्टक शब्द होली और अष्टक दो शब्दों से मिलकर बना है। इसका भावार्थ होता है होली के आठ दिन। इसकी शुरुआत होलिका दहन के सात दिन पहले और होली खेले जाने वाले दिन के आठ दिन पहले होती है और धुलेंडी के दिन से इसका समापन हो जाता है। यानी कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी

इच्छा देवी का मंदिर बुरहानपुर, मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर बुरहानपुर तहसील में बुरहानपुर-एदलाबाद मुख्य सड़क पर बुरहानपुर से लगभग 21 किमी. की दूरी पर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर गांव इच्छापुर में स्थित है। माना जाता है कि गांव इच्छापुर का नाम इच्छा देवी के