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अगर जिंदगी में सब कुछ ऐसे ही चलता रहा तो अस्पतालों में मरीजों की लाइनें लग जाएंगी।  भागमभाग के इस दौर में कार्य व्यस्तता और एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में बीमारियों ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। ऐसे में लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है… आजकल हर कोई इतना

* झड़ते बालों को रोकने के लिए दही का इस्तेमाल बहुत असरदार है। बालों पर दही लगाने के आधे घंटे बाद धो लें। अगर आपके बाल ज्यादा झड़ते हैं, तो हफ्ते में दो-तीन बार इस उपाय को करें। * चेहरे को साफ रखने के लिए कपड-छान किए हुए  बेसन और मलाई का प्रयोग करें। *

वजन कम करना अपनेआप में एक चुनौती है। यदि आप खाने-पीने के मामले में जितनी कैलोरीज ले रही हैं, उतनी ही बर्न नहीं करती तो आप का वजन बढ़ना तय है। असल में बची हुई कैलोरीज हमारे शरीर में फैट के रूप में इकट्ठी होती है। खान-पान -शरीर का वजन बढ़ने में सब से बड़ा

वर्तमान समय में भारतीय बाजार में विभिन्न प्रकार की सेवाओं के साथ कई बहुराष्ट्रीय और निजी कंपनियां बीमा कारोबार को नया आयाम दे रही हैं। भारत में बीमा क्षेत्र को खुला बनाए जाने से सरकारी एवं निजी बीमा कंपनियों में आकर्षक नौकरियों के अलावा कई संबद्ध अवसर भी इस क्षेत्र में पैदा हुए हैं। यदि

भारतीय अमरीकी मेधा नार्वेकर को पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय का उपाध्यक्ष और सचिव नियुक्त किया गया है। पेंसिलवेनिया विश्वविद्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार व्हॉर्टन स्कूल से एमबीए करने वाली नार्वेकर पहली जुलाई से पदभार ग्रहण करेंगी। इसी स्कूल से एमबीए करने के तुरंत बाद नार्वेकर ने 32 वर्षों तक डिवेलपमेंट एंड अलमनी रिलेशंस

उच्च तकनीक व गुणवत्ता वाली बागबानी को अपनाने से कई राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों में हुए पुरस्कृत चिड़गांव के संदासू में रहने वाले लक्की (लोकिंदर चौहान) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। उनके नाम सेब पौधों की उन्नत किस्मों को बड़े पैमाने में बागबानों तक पहुंचाने का महत्त्वपूर्ण योगदान है। सेब पौधों की सिडलिंग

हेमा मालिनी के करियर के सबसे यादगार किरदारों में से एक शोले की बसंती का था। उसमें हेमा मालिनी ने तांगावाली का किरदार निभाया था और वह सीन हेमा मालिनी ने किया था, लेकिन एक्शन रेशमा पठान ने किया था जो हिंदी सिनेमा की पहली स्टंट वूमन थी। उसी रेशमा पठान के जीवन पर आधारित

बालीवुड की अदाकारा अभिनेत्री शांतिप्रिया फिलहाल काफी चर्चा में है चलिए जानते हैं कि शांतिप्रिया इस महिला दिवस पर उनका क्या कहा शांतिप्रिया ने बताया कि ‘मेरे लिए महिला दिवस हर दिन है। अपने आप में एक महिला एक पूर्ण चक्र है और जो कुछ भी सही है उसके लिए लड़ने के लिए उसने अपने

91वें एकेडमी अवार्ड्स में अपनी शानदार जीत के तुरंत बाद, ‘पीरियड एंड ऑफ’ सेंटेन्स, की टीम गुनीत मोंगा और स्नेहा के साथ भारत वापस लौट आई। स्नेहा हरियाणा के हापुड़ की रहने वाली हैं  और यह वही लड़की है जिसकी की जिंदगी की कहानी इस डाक्यूमेंट्री में दिखाई गई थी। यह टीम जो अब भारत