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ब्रह्मदेव  ने कहा, हे शंकर! वरदान के अनुसार वो समय निकट है जब वो तीनों पुरियां एक रेखा में आएंगी, अगर उस समय आपने उनका नाश नहीं किया तो हमें पुनः 1000 वर्षों तक प्रतीक्षा करनी होगी। तब महादेव ने कहा, हे ब्रह्मदेव! ऐसा वरदान आपको उन्हें नहीं देना चाहिए था। अब मैं स्वयं क्यों

गुरुओं, अवतारों, पैगंबरों, ऐतिहासिक पात्रों तथा कांगड़ा ब्राइड जैसे कलात्मक चित्रों के रचयिता सोभा सिंह पर लेखक डा. कुलवंत सिंह खोखर द्वारा लिखी किताब ‘सोल एंड प्रिंसिपल्स’ कई सामाजिक पहलुओं को उद्घाटित करती है। अंग्रेजी में लिखी इस किताब के अनुवाद क्रम में आज पेश हैं ‘शक्ति’ पर उनके विचार… -गतांक से आगे… शक्ति आदमी

अंग्कोरथोम और अंग्कोरवात प्राचीन कंबुज की राजधानी और उसके मंदिरों के भग्नावशेष का विस्तार है। अंग्कोरथोम और अंग्कोरवात सुदूर पूर्व के हिंदचीन में प्राचीन भारतीय संस्कृति के अवशेष हैं। हिंदचीन, सुवर्ण द्वीप, वनद्वीप, मलाया आदि में भारतीयों ने कालांतर में अनेक राज्यों की स्थापना की… –गतांक से आगे… परिचय अंग्कोरथोम और अंग्कोरवात प्राचीन कंबुज की

उस अति विकराल और काजल के समान काले आठों पुरुषों को देखकर मानो दंड दो बंधनों में रखो, इस तरह की देवता पुकार कर रहे थे। उसी समय वहां एक चमत्कार हुआ। आठों पुरुषों ने श्रीविश्वकर्मा के सनमुख ही एक-एक करके प्रभु के चरणों में गिरकर प्रणाम किया और उनको प्रभु के चरणों का स्पर्श

श्रीराम शर्मा केनोपनिषद में एक उपाख्यान है। उसमें बताया गया है कि जल, वायु, अग्नि आदि देवता अपने-अपने बल का बड़ा अभिमान करते थे। एक दिन इंद्र सभा में सभी देवता अपनी शक्ति को बड़ा बताते हुए शेखी बघार रहे थे। इतने में ही एक देवी प्रकट हुई और उसने एक तिनका रखकर प्रत्येक देवता

17 मार्च रविवार, चैत्र, शुक्लपक्ष,  एकादशी, आमलकी एकादशी व्रत 18 मार्च सोमवार, चैत्र, शुक्लपक्ष, द्वादशी, सोम प्रदोष व्रत 19 मार्च मंगलवार, चैत्र,  शुक्लपक्ष, त्रयोदशी 20 मार्च बुधवार,  चैत्र,  शुक्लपक्ष, चतुर्दशी, होलिका दहन 21 मार्च बृहस्पतिवार, चैत्र,  शुक्लपक्ष, पूर्णिमा, होली पर्व, होलाष्टक समाप्त 22 मार्च शुक्रवार, चैत्र, कृष्णपक्ष, द्वितीया 23 मार्च शनिवार, चैत्र, कृष्णपक्ष, तृतीया

गतांक से आगे… शिवगुरु ने स्थिति को देखते हुए पांच वर्ष की अवस्था में शंकर का उपनयन संस्कार करने के बारे में विचार किया। वैदिक परंपरा में यह संस्कार अत्यंत महत्त्वपूर्ण होता है। वे ज्योतिषियों द्वारा की गई भविष्यवाणियों को अपनी आंखों के सामने पूरा होते देखना चाहते थे, लेकिन वे समय से पूर्व ही

इस दिन लोग हरे, लाल, नीले, पीले और कई रंगों से भरे होते हैं, लेकिन होली के कुछ रंग ऐसे होते हैं, जिनसे सेहत को काफी नुकसान होता है। इसलिए होली पर अपनी सेहत का भी खास ध्यान रखना चाहिए। कई गहरे रंगों के इस्तेमाल से गंभीर बीमारियां लग जाती हैं, खासकर हरे और नीले

 पैनिक अटैक एक ऐसा दौरा होता है, जो व्यक्ति को कभी भी कहीं भी आ सकता है। यह अटैक इतना अचानक होता है कि कई बार लोगों को समझ ही नहीं आता है कि वह ऐसे वक्त में मरीज के साथ क्या करें। जबकि आजकल की दिनचर्या को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा