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पानी माई पाथी तेरा पुत्त चढ़ेगा हाथी हाथी उत्ते जौं तेरे पुत्त पोत्रे नौ! नौंवां दी कमाई तेरी झोली विच पाई **** टेर नी मां टेर नी लाल चरखा फेर नी! बुड्ढी सांस लैंदी है उत्तों रात पैंदी है अंदर बट्टे न खड़काओ सान्नू दूरों न डराओ! चारक दाने खिल्लां दे पाथी लैके हिल्लांगे कोठे

ऋत्विक रोशन जन्मदिन 10 जनवरी ऋत्विक रोशन हिंदी फिल्मों के बहुचर्चित अभिनेता हैं। उन्होंने बालीवुड में कई सफल फिल्में दी हैं । अपना एक अलग मुकाम स्थापित किया है। उनका फिल्मी करियर सफल रहा है। उन्हें 6 बार फिल्मफेयर अवार्ड्स से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें भारत के सबसे आर्कषक सेलिब्रिटीज में से

हिमाचल का इतिहास हिमाचल के सोलन, बिलासपुर और मंडी की सीमा में  पहाड़ों की फोरमेशन में जीवाश्म होने की पुष्टि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया भी कर चुका है। सबसे पहले इस रेंज में फूल व पत्तों के जीवाश्म वर्ष 1964 में अंग्रेज मैलिनकोट ने खोजे थे। इसके बाद वर्ष 1988 में कसौली के जगजीत नगर

 हिमाचली संस्कृति  किन्नर और किरातों को मैदानों से उत्तर की ओर पहाड़ की तरफ भगाने वाले ‘खश’ थे। जिन्होंने पहाड़ों में अपने नाम की छाप छोड़ी। ये लोग किरात प्रदेश नेपाल तक पहुंच गए। किन्नर किरातों और खशों के बीच शुरू में कई युद्ध हुए होंगे। किरातों के पारस्परिक संबंधों के बारे में बताना आसान

जिलावार हिमाचल (बिलासपुर) यह सतलुज नदी की सहायक खड्ड है। यह जिला शिमला की तारा देवी श्रृंखला से उद्गमित होकर जिला बिलासपुर के रत्नपुर परगना के गांव नेरी में आकर जिले में प्रवेश करती है। गंबर खड्ड ‘दगरान’ गांव के पास सतलुज नदी में मिलती है… गतांक से आगे गंबर खड्ड :  यह सतलुज नदी

विश्व में हिंदी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिंदी सम्मेलनों की शुरुआत की गई और प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था। इसलिए इस दिन को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने

हिमाचली का भौगोलिक परिचय हिमालय का उत्थान कई चरणों में हुआ। मध्य कल्प के अंत में संपूर्ण विश्व में बड़े पैमाने पर भू-संचलन एवं पटल विरूपण की घटनाएं हुई। गोंडवानालैंड का विखंडन कार्बोनिफेरस युग में ही प्रारंभ हो गया था। इसके चलते टिथिस सागर में निक्षेपित अवसाद पर तीव्र दबाव पड़ा और वे वलित होकर

माघ मेला हिंदुओं की धार्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत सामंजस्य है। इलाहाबाद (प्राचीन समय का प्रयाग) में गंगा-यमुना के संगम स्थल पर लगने वाला माघ मेला संपूर्ण भारत में प्रसिद्ध है। हिंदू पंचांग के अनुसार 14 जनवरी या 15 जनवरी को मकर संक्रांति के पावन अवसर के दिन माघ मेला आयोजित होता है। इस