कम्पीटीशन रिव्यू

क्या इग्नू में भी मर्चेंट नेवी का कोर्स उपलब्ध है?    – पवन, मंडी इग्नू द्वारा डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ शिपिंग, मुंबई के साथ मिलकर डिप्लोमा इन नॉटिकल साइंस कोर्स की शुरुआत की गई है। इसमें समुद्री विज्ञान की विविध विधाओं के सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं को शामिल किया गया है ताकि मर्चेंट नेवी के करियर

एक सत्संग के दौरान : बाबा जी प्रवचन करते हुए, जो इस जन्म में नर हैं वे अगले जन्म में भी नर ही होगा और जो इस जन्म में नारी है वे अगले जन्म में भी नारी होगी। ये सुनने के बाद एक बुढि़या उठ कर जाने लगी बाबा जी बोले : कहां जा रही

एक दिन दोनों खेलते-खेलते गांव से थोड़ा दूर निकल आए। अचानक खेलते-खेलते 10 साल के बच्चे का पैर फिसल गया और वह कुएं में गिर गया और जोर-जोर से चिल्लाने लगा। अपने दोस्त की आवाज सुनकर जब छोटे बच्चे को इस बात का पता चला तो वह बहुत घबराया। उसने अपने आसपास देखा और मदद

1. वह क्या है जिसके सामने आने से आंखें बंद हो जाती हैं 2.  वह कौन सा गाना है जिसे पूरी दुनिया गुनगुनाती है। 3. मुझे खिलाओ तो मैं जिंदा रहूंगी पानी पिलाओगे तो मैं मर जाऊंगी। बताओ मैं क्या हूं 4. गोल हूं पर गेंद नहीं पूंछ हूं पर पशु नहीं पूंछ पकड़कर खेलें

अमरीकी महाद्वीप में पाया जाने वाला रैकून एक अत्यंत मनोरंजक जीव है।  यह अपना खाना धोकर खाता है यदि धोने के लिए पानी नहीं मिले, तो यह भोजन नहीं खाता। यह तो अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं की रैकून अपना खाना क्यों धोता है, लेकिन वैज्ञानिक शोधों से यह स्पष्ट हो चुका है कि

बच्चों में अच्छे संस्कार विकसित करने में मां-बाप की भूमिका काफी अहम होती है। आजकल के माहौल में बच्चों को अच्छे संस्कार दे पाना माता-पिता के लिए मुश्किल होता जा रहा है। माता-पिता कितना भी समझा लें बच्चे वही करते हैं, जो उनका मन कहता है, लेकिन अगर शुरू से ही आप अपने बच्चों को

इहाना ढिल्लों बहुत जल्द एक बड़ी पंजाबी फिल्म ब्लैकिया में दिखाई देंगी। वह राणा जंग बहादुर और देव खरौद के साथ अभिनीत होंगी। इहाना को कई रंगीन भारतीय पोशाक में फिल्म के सेट पर देखा गया था। इहाना ने बताया कि, मैं एक पंजाबी हूं और इससे मुझे पंजाबी फिल्में करने में बहुत खुशी मिलती

तुलसी को हिंदू धर्म में एक बेहद महत्त्वपूर्ण और पवित्र पौधा माना गया है। बड़े-बुजुर्ग अकसर यह कहते रहते हैं कि तुलसी की पत्तियों को दांत से नहीं चबाना चाहिए बल्कि इसे पूरी तरह निगल लेना चाहिए। अकसर लोग इसे अंधविश्वास मान लेते हैं, लेकिन इस तथ्य को विज्ञान ने अलग आधार दिया है। वैज्ञानिकों