कम्पीटीशन रिव्यू

धौला कुआं जिला सिरमौर में विशाल व विस्तृत फैले बागीचों के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें नींबू प्रजाति के पौधे, फल विधायन कारखाने, विभिन्न प्रकार के जूस, जैम, अचार और डिब्बाबंद अचार शामिल हैं। यहां से थोड़ी दूरी पर कटासना देवी मंदिर है… धौला कुआं यह जिला सिरमौर में विशाल व विस्तृत फैले बागीचों के लिए

  गतांक से आगे… भारत सरकार अधिनियम, 1919: 1920 में परिषद के कुल मतदाता केवल 17, 644 थे और विधानसभा के 904,746। परिषद की सामान्य कार्यावधि पांच वर्षों की थी तथा विधानसभा की तीन वर्षों की। गवर्नर जनरल दोनों में से  किसी भी सदन को उसकी पूर्ण कालावधि समाप्त होने से पूर्व ही भंग कर

संघ लोक सेवा आयोग संघ लोक सेवा आयोग द्वारा निम्न पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। पद – अनुवादक, लीगल अफसर और प्रासिक्यूटर लेक्चरर। रक्तियां – 16. शैक्षणिक योग्यता – स्नातक डिग्री/ लॉ डिग्री/ मास्टर्ज डिग्री(लॉ) और अन्य निधांरित योग्यताएं। आयु  सीमा – अधिकतम 30/35/40 वर्ष (पदानुसार)। आवेदन की अंतिम तिथि – 29

कराधान उन नागरिकों पर कर लगाने और वसूल करने की प्रक्रिया है, जो सरकार द्वारा निर्धारित कर सीमा के अंतर्गत आते हैं। कर आरोपण और वसूली की प्रक्रिया  केंद्रीय-राज्यीय अथवा स्थानीय किसी भी स्तर पर हो सकती है। कराधान एक विस्तृत क्षेत्र है। इसके अंतर्गत टैक्स एकत्रित करना, इन्कम टैक्स रिटर्न फाइल करना, कंपनियों से

कांगड़ा किला में स्थित लक्ष्मी नारायण और आदिनाथ के मंदिर जैन धर्म को समर्पित हैं। किले के भीतर दो तालाब हैं, उनमें से एक को कपूर सागर कहा जाता है। इस समय किला भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण के अधीन है। यह 1905 ई. के भूचाल में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था… कांगड़ा किला कांगड़ा का

जीवन परिचय श्रीश्री रवि शंकर का जन्म तमिलनाडु में 13 मार्च, 1956 को हुआ। उनके पिता का नाम वेंकट रतनम था, जो भाषाविद थे। उनकी माता श्रीमति विषलाक्षी सुशील महिला थीं। आदि शंकराचार्य से प्रेरणा लेते हुए उनके पिता ने उनका नाम शंकर रख दिया।शंकर शुरू से ही आध्यात्मिक प्रवृत्ति के थे। मात्र 4 साल

भारत-फ्रांस समझौते फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच गत शनिवार को हुई द्विपक्षीय वार्ता में सुरक्षा और परमाणु ऊर्जा समेत कुल 14 समझौतों पर मुहर लगी। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक साझेदारी भले ही सिर्फ 20 वर्ष पुरानी हो, लेकिन

हिमाचल के श्रेष्ठ स्कूल-22 परिश्रम ही जिनकी साधना, उद्यम ही है आराधना । क्षितिज को छूने की, बना ली है उन्होंने धारणा ॥ धौलाधार की पर्वत शृंखलाओं के आंचल में  स्थित  भवारना कस्वे में रेनबो ग्रुप ऑफ स्कूल के संस्थापक एवं संचालक शिक्षाविद डा. जेआर कश्यप ने अपने संघर्षमय लंबे अनुभव व दूरदर्शिता  का परिचय

सेवानिवृत्त कै. सुशील जरियाल ने बताया कि राज्य एवं केंद्र सरकार से शौर्य चक्र विजेता के रूप में उन्हें जो वार्षिक 86,000 रुपए का मानदेय मिलता है, उसे वह निशुल्क भर्ती कैंप के लिए खर्च करते है। उनकी कड़ी मेहनत से अब तक लगभग 242 युवा आर्मी अथवा पुलिस में भर्ती हो चुके हैं… क्षेत्र