कम्पीटीशन रिव्यू

सेवानिवृत्त कै. सुशील जरियाल ने बताया कि राज्य एवं केंद्र सरकार से शौर्य चक्र विजेता के रूप में उन्हें जो वार्षिक 86,000 रुपए का मानदेय मिलता है, उसे वह निशुल्क भर्ती कैंप के लिए खर्च करते है। उनकी कड़ी मेहनत से अब तक लगभग 242 युवा आर्मी अथवा पुलिस में भर्ती हो चुके हैं… क्षेत्र

फूड प्वाइजनिंग आपको तब शिकार बनाता है जब आप ऐसा फूड खाते हैं जो या तो प्राकृतिक रूप से विषैले हों या फिर वे किसी बैक्टीरिया या अन्य टाक्सिंस द्वारा प्रदूषित हो गए हों। वैसे तो इन विषैले पदार्थों के स्रोत के शरीर से बाहर निकलते ही कष्टदायक लक्षण भी अपने आप खत्म होने लगते

दूम्ह आंदोलन में जब कभी राजा कोई ऐसा काम करता या भूमि कर लगाता था, जिसको लोग अनुचित और अन्यायपूर्ण समझते थे, तो वे अपना रोष व विरोध प्रदर्शित करने के लिए गांव को छोड़कर पास के जंगल में चले जाते थे। वे अपने परिवार और पशुओं को भी साथ ले जाते थे। फलस्वरूप खेतीबाड़ी

कुछ अन्य कारणों के साथ ही यही कार्बन डाइआक्साइड ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाने का कारण बन चुकी है। इसके निरंतर उत्सर्जन के कारण गर्मी भी लगातार बढ़ती ही चली जा रही है।  इस गर्मी के बढ़ने से प्राकृतिक मौसम चक्र की  मर्यादा पर कुठाराघात होने लगा है… गतांक से आगे… पिघलते ग्लेशियरों के दुष्प्रभाव: छोटे से

1936 ई. में यशपाल ने प्र्रकाशवती कपूर से जेल में ही शादी की। इन्हें दो मार्च, 1938 ई. को जेल से रिहा किया। इन्होंने हिंसा का मार्ग त्याग दिया और लेखन की ओर मुड़े। इन्होंने विप्लव नाम से हिंदी और और बागी नाम से उर्दू में एक पत्रिका निकाली, जिसका शाब्दिक अर्थ है बगावत… यशपाल

एक चिडि़या का बच्चा जब अपने घोंसले से पहली बार बाहर निकलता है तो उसके पंखों में जान नहीं होती। वह उड़ने की कोशिश करता है, लेकिन जरा सा उड़कर गिर जाता है। वह फिर से दम भरता है और फिर से उड़ने की कोशिश करता है लेकिन फिर गिरता है। वह उड़ता है और

भारत सरकार अधिनियम, 1919 : केंद्र में भारतीय विधान परिषद के स्थान पर द्विसदनीय विधानमंडल बनाया गया, जिसमें एक था राज्य परिषद (कौंसिल ऑफ स्टेट) और दूसरा था विधानसभा (निम्न सदन) और प्रत्येक में अधिकांश सदस्य निर्वाचित होते थे। राज्य परिषद में सांविधिक नियमों के अनुसार मनोनीत अथवा निर्वाचित अधिक से अधिक 60 सदस्य और

यशोवर्मन का पुत्र धंगा (954-1002) भी बड़ा प्रतिभाशाली राजा हुआ। अतः यह मानने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए कि कहलूर राज्य की नींव भी इस अवधि में बुंदेलखंड से आए राजपुत्र वीरचंद ने डाली थी… बिलासपुर इतिहास : चंदेलों की भूमि बुंदेलखंड मानी जाती है। इस वंश की नींव नौंवी शताब्दी के आरंभ में