कम्पीटीशन रिव्यू

अगर आपको भी सफल होना है तो आपको अपनी जिंदगी में हमेशा अकेले चलना होगा। आपको अपने लक्ष्य, अपने रास्ते खुद ही तय करने होंगे। अपने विचारों को, अपनी सोच को लोगों तक अकेले ही पहुंचाना होगा, अकेले चलने का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आपको बहुत कुछ सीखने को मिलता है… आपने

गतांक से आगे… 1833 का चार्टर अधिनियम: भारत में केंद्रीय विधानमंडल की पहली धुंधली सी शुरुआत 1833 के चार्टर अधिनियम से हुई, जिसके द्वारा भारतीय शासन प्रणाली में और भारत सरकार की विधायी शक्तियों में महत्त्वपूर्ण  परिवर्तन किए गए। इस  अधिनियम के द्वारा भारत में सब ब्रिटिश राज्य क्षेत्रों के लिए एक विधान परिषद की

सतलुज नदी जिला बिलासपुर में लगभग 90 किलोमीटर का रास्ता तय करती है, जहां यह कसोल कस्बे में जिला में प्रवेश कर तथा ‘नैला’ गांव में जिला को छोड़कर पंजाब राज्य में प्रवेश करती है। सतलुज घाटी में कई प्रकार की वनस्पति व वन्य जीव पाए जाते हैं… बिलासपुर त्यून धार : कुल लंबाई 10

स्टोक्स देश भर में राजनीतिक परिवर्तनों के प्रति बड़े संवेदनशील थे। महात्मा गांधी से प्रेरित होकर  खादी पहनना शुरू की और अपने पश्चिमी कपड़ों की होली जलाई। राष्ट्रवादी कार्यों के लिए उन्हें दोषी ठहराया गया और 1922 ई. में छह महीने लाहौर जेल में कैद रखा… सत्यानंद स्टोक्स सैम्युल ईवानस स्टोक्स फिलाडोल्फिया के क्यूएकर वंशज

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया रिजर्व  बैंक  ऑफ इंडिया द्वारा निम्न पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। पद – प्रोबेशनरी अफसर, रिक्तियां – 27. शैक्षणिक योग्यता – स्नातक डिग्री या उसके समकक्ष योग्यता। आयु  सीमा – 20 से 28 वर्ष। आवेदन की अंतिम तिथि – 19 फरवरी, 2018. आवेदन प्रक्रिया –  इन पदों पर ऑनलाइन

मध्य हिमालय खंड में लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि और बागबानी दोनों हैं। कृषि में मक्की, गंदम, जौ आदि बोए जाते हैं। परंतु फसलें कम मात्रा में होती हैं। मुख्य फसल आलू है, जो इस क्षेत्र की नकदी फसल भी है। बागबानी के क्षेत्र में मुख्य बागीचे सेब के हैं… गतांक से आगे… मध्य- हिमालय-खंड

पूर्व मध्य काल में इन बड़े-बड़े राज्यों की सीमाओं का खंडन होकर अनेक नए छोटे-छोटे राज्य बने और उनकी शक्ति का हृस हुआ, वहां दूसरी ओर मैदानी भागों में आए राजपूतों ने इन निर्बल और शक्तिहीन राजाओं को अपने अधिकार में लेकर बल पकड़ना शुरू किया… पूर्व मध्यकालीन हिमाचल इस प्रकार जब एक ओर इन

लोगों की भारी-भरकम भीड़ मेले में शिरकत करने के लिए चली आती है। आपसी भाईचारे और स्नेह की झलक सहज ही देखी जा सकती है। लोगों का मित्र मिलन त्योहार की रौनक को चौगुना कर देता है। मेले का आकर्षण स्थानीय देवता शिगडू महाराज जी हैं… रोहड़ू मेला: विश्व में अनुपम सौंदर्य से परिपूर्ण चांशल