आस्था

पांच वर्ष का बालक पैदल चलता हुआ गौड़ देश पहुंचा। विष्णुदेव से भी मिला। अपने गुरु शुकदेव की आज्ञा पाकर  विष्णुदेव ने शुकदत्त को उपदेश दिया। उन्होंने इस बालक को योग, सिद्धि व मंत्रों का रहस्य भी बताया। शुकदेव के आश्रम से पैदल चल कर गौड़ देश पहुंचे बालक का नया नाम गौड़पाद पड़ गया।

अजवायन की पत्तियों में कई स्वास्थ्यकारी गुण छिपे होते हैं। इतना ही नहीं इसके पौधों को घरों में लगाने से यह एक एंटी प्यूरीफाइड की तरह कार्य करता है, जो आसपास के वातारवरण को स्वस्थ रखने में आपकी मदद कर सकता है। चलिए आज जानते हैं इसके फायदों के बारे में। अजवायन के इस्तेमाल से

21 मार्च 2020 के अंक में आपने पढ़ा कि लक्ष्मी विनायक गणपति का यह प्रयोग सुख-शांति, ऋद्धि-सिद्धि एवं समृद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता है। अब इससे आगे पढ़ें : पूर्वोक्त मंत्र का चार लाख जप और बिल्व काष्ठ की समिधा से हवन करने पर सिद्ध हो जाता है। इसके बाद निम्नवत काम्य प्रयोग

जब हालात अनुकूल नहीं होते, तो हम और ज्यादा अग्रेसिव हो जाते हैं। हम और ज्यादा क्रोधी हो जाते हैं। जबकि हमारा ऐसा करना अंदरूनी तौर पर हमें और ज्यादा परेशान करता है। हालात हमारे लिए पूरी तरह प्रतिकूल हो जाते हैं।  जिस पर आप क्रोधित हुए उससे कहीं ज्यादा कष्ट आपको झेलना पड़ जाता

स्टार फल को कार्बोला या कमरख के नाम से भी जाना जाता है। यह विदेशी उष्ण कटिबंधीय फल है जो पारंपरिक रूप से दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता है। कमरख विटामिन सी से भरपूर होता है और कई पोषक तत्त्वों को प्रदान करता है।इसकी सतह चमकदार और मोमी होती है। इसका रंग हरा,पीला होता

जीवन एक वसंत/शहनाज हुसैन किस्त-50 सौंदर्य के क्षेत्र में शहनाज हुसैन एक बड़ी शख्सियत हैं। सौंदर्य के भीतर उनके जीवन संघर्ष की एक लंबी गाथा है। हर किसी के लिए प्रेरणा का काम करने वाला उनका जीवन-वृत्त वास्तव में खुद को संवारने की यात्रा सरीखा भी है। शहनाज हुसैन की बेटी नीलोफर करीमबॉय ने अपनी

भारत की तरह पाकिस्तान में भी शक्तिपीठ मौजूद है, जो वहां पाकिस्तान की वैष्णो देवी के नाम से प्रसिद्ध है। बलूचिस्तान में हिंगोल नदी के किनारे बसा हिंगलाज माता का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है। धर्म शास्त्रों के अनुसार यहां पर देवी सती का ब्रह्मरंध्र (मस्तिष्क) गिरा था। इस मंदिर को हिंगुला देवी

कुल्लू दशहरा उत्सव में इस बार पहले जैसे दृश्य देखने को नहीं मिलेंगे। कोरोना काल के चलते कुल्लू दशहरा में न तो महिलाओं की नाटी और न ही सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।  इस बार 25 से 31 अक्तूबर तक होने वाले अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में अधिष्ठाता रघुनाथ जी की रथयात्रा सूक्ष्म तरीके से होगी। देव

चार धाम यात्रा भाग-3 गतांक से आगे… हिमालय का एक शिखर केदारनाथ पृथ्वी से हजारों फीट की ऊंचाई पर विराजमान हैं बाबा केदार शिव। गूगल पर यदि हम केदार का अर्थ तलाशें, तो एक अर्थ हिमालय का एक शिखर भी मिलता है। ऊंचा उठने के लिए हिमालय ने भी लाखों वर्ष पूर्व समुद्र यानी बहुत निचले